#इस_दुनिया_में_मजदूर_कौन_नहीं??
एक वो व्यक्ति जो सुबह से शाम तक ईंट भट्ठों पर काम करता है,,
या वो व्यक्ति जो राशन की दुकान पर काम करता है,,या फिर वो जो मंडी में बोरे कमर पर रखकर चलता है, या फिर वो जो घरों में माली है, या फिर वो आया जो दूसरे के पैदा किये बच्चों को बड़ा करती है,
एक वो मजदूर जो केमिकल की फैक्ट्री में काम करता हुआ मरता है,, या फिर वो जिसकी छाती पर खड़ी हैं विश्वप्रसिद्ध इमारतें,,
मजदूर वो जो चराता है डंगर दूसरे के,, या उठाता है डेयरी में गोबर,, या साफ करता है गटर और नालियों की गंदगी,,
मजदूर वो भी है जो उगाता है अन्न,, और भरता है पेट सब प्राणियों का,,या वो मजदूर जो ड्राइवर है और पहुंचाता है सबको उनके लक्ष्य तक,, चलाता है रिक्शा से विमान तक,,
ये सब दूसरे को दया और हीनता से देखने के दृष्टिकोण हैं,,
मैं कहता हूँ गर्व से की मजदूर होना कोई शर्म की बात नहीं,,
दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी में काम करने वाला भी किसी न किसी का मजदूर है,
दुनिया में सबसे बड़ी तनख्वाह पाने वाला भी मजदूर है,
सुपर कंप्यूटर बनाने वाला भी मजदूर है, सबसे बड़े देश का राष्ट्रपति भी उस राष्ट्र का मजदूर है,, सरकारी नौकरियों में लगे हैं वो सभी मजदूर है ,,,बस ये अलग बात है कि वे अपने को मालिक मान बैठते हैं,,
जो भी इस दुनियां में बनी हुई चीजें हैं,, उन सबका बनाने वाला मजदूर ही है,, हाँ, स्किल और प्रोफेशन अलग अलग हो सकते हैं,, वो होंगें ही,,
कुछ लोग हैं, जो शत्रु हैं मानवता के,, उन्होंने कहा कि मजदूर अलग वर्ग है,, समाजों को तोड़ने,, उनमें जहर घोलने का कार्य किया गया,,
मैं कहता हूं आपसे,, वो भी एक मजदूर ही है जो घड़ता है प्रतिमा अपने मन में बैठे ईश्वर की,, उस विधाता की,,,जिसने खुद रचा ये जड़ चेतन जगत,,
तो आइए आज से एक नई पहल करते हैं,, जो हमारे वैदिक युग से चली आ रही है,,
मजदूर को *सेवक कहने की पहल,,
वो जो कर रहा है,, हम जो कर रहे हैं, सब सेवा है,, समाज की, राष्ट्र की, मानवता की, सब प्राणियों की,,
तो आओ मिलकर सेवा करें मां भारती की,,,
वंदे मातरम,,,
एक वो व्यक्ति जो सुबह से शाम तक ईंट भट्ठों पर काम करता है,,
या वो व्यक्ति जो राशन की दुकान पर काम करता है,,या फिर वो जो मंडी में बोरे कमर पर रखकर चलता है, या फिर वो जो घरों में माली है, या फिर वो आया जो दूसरे के पैदा किये बच्चों को बड़ा करती है,
एक वो मजदूर जो केमिकल की फैक्ट्री में काम करता हुआ मरता है,, या फिर वो जिसकी छाती पर खड़ी हैं विश्वप्रसिद्ध इमारतें,,
मजदूर वो जो चराता है डंगर दूसरे के,, या उठाता है डेयरी में गोबर,, या साफ करता है गटर और नालियों की गंदगी,,
मजदूर वो भी है जो उगाता है अन्न,, और भरता है पेट सब प्राणियों का,,या वो मजदूर जो ड्राइवर है और पहुंचाता है सबको उनके लक्ष्य तक,, चलाता है रिक्शा से विमान तक,,
ये सब दूसरे को दया और हीनता से देखने के दृष्टिकोण हैं,,
मैं कहता हूँ गर्व से की मजदूर होना कोई शर्म की बात नहीं,,
दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी में काम करने वाला भी किसी न किसी का मजदूर है,
दुनिया में सबसे बड़ी तनख्वाह पाने वाला भी मजदूर है,
सुपर कंप्यूटर बनाने वाला भी मजदूर है, सबसे बड़े देश का राष्ट्रपति भी उस राष्ट्र का मजदूर है,, सरकारी नौकरियों में लगे हैं वो सभी मजदूर है ,,,बस ये अलग बात है कि वे अपने को मालिक मान बैठते हैं,,
जो भी इस दुनियां में बनी हुई चीजें हैं,, उन सबका बनाने वाला मजदूर ही है,, हाँ, स्किल और प्रोफेशन अलग अलग हो सकते हैं,, वो होंगें ही,,
कुछ लोग हैं, जो शत्रु हैं मानवता के,, उन्होंने कहा कि मजदूर अलग वर्ग है,, समाजों को तोड़ने,, उनमें जहर घोलने का कार्य किया गया,,
मैं कहता हूं आपसे,, वो भी एक मजदूर ही है जो घड़ता है प्रतिमा अपने मन में बैठे ईश्वर की,, उस विधाता की,,,जिसने खुद रचा ये जड़ चेतन जगत,,
तो आइए आज से एक नई पहल करते हैं,, जो हमारे वैदिक युग से चली आ रही है,,
मजदूर को *सेवक कहने की पहल,,
वो जो कर रहा है,, हम जो कर रहे हैं, सब सेवा है,, समाज की, राष्ट्र की, मानवता की, सब प्राणियों की,,
तो आओ मिलकर सेवा करें मां भारती की,,,
वंदे मातरम,,,