जातिवाद एक अभिशाप;

#इतिहास_होता_है_सीखने_के_लिए;

#गजनी

2-2 #दीनार_में_हुई_हिन्दू_महिला_नीलाम, #क्यूंकि_बंटा_हुआ_था_हिन्दू, #और_आज_भी_नहीं_सुधरा;

दूसरे धर्म की महिलाओं का बलात्कार, उनको पकड़कर लूटना और बाजार में बेचना ये अरबी संस्कृति रही है और अभी हाल ही में ISIS ने भी इसी संस्कृति को इराक और सीरिया में दोहराया भी है , भारत पर महमूद गज़नी ने 17 बार आक्रमण किया था , कभी इस राजा पर आक्रमण, कभी उस राजा पर आक्रमण, और हिन्दू इतने बंटे हुए थे की हर बार ये सोचते थे की उस राज्य पर हमला हुआ है हमे क्या ।।

कसाई के मुर्गों की तरह जो कटता है वहीं चिल्लाता था वाकी शांत बैठे रहते हैं।। लेकिन वक्त सबका आता है।

ऐसा करते करते गज़नी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया  और भारत से धन के अलावा 4 लाख हिन्दू महिलाओं को अफगानिस्तान ले गया, वहां उनकी नीलामियां हुई , औरतों को नंगा किया जाता था, जिस औरत का बदन जितना अच्छा उसकी उतनी ऊँची कीमत मिलती थी, ऊपर की ये पेंटिंग भी उसी नीलामी को दिखाने की कोशिश कर रही है

अफगानिस्तान में आज भी गज़नी नाम की एक जगह है, पहले ये काफी बड़ी जगह हुआ करती थी
पर अब जैसे कोई छोटा गाँव हो, आज भी गज़नी नाम की जगह अफगानिस्तान में है, यहाँ पर आज भी बाबर की कब्र मौजूद है , खैर हम बात कर रहे है बाबर से कहीं पहले गज़नी के ज़माने की  17 बार में गज़नी 4 लाख हिन्दू महिलाओं को अफगानिस्तान ले गया, और वहां उनको नीलाम किया गया, बहुत सी महिलाओं ने आत्महत्या भी की, आज भी गज़नी में एक स्तम्भ है जिसपर लिखा है

‘दुख्तरे हिन्दोस्तान, नीलामे दो दीनार’

इसका मतलब है “ये है वो जगह जहाँ पर हिंदुस्तान से लायी गयी (हिन्दू औरते) 2-2 दीनार में बेचीं गयी” हर बार गज़नी भारत आता रहा, गज़नी ही नहीं और भी अन्य हमलावर भारत आते रहे कुछ यही रह गए जैसे मुग़ल इत्यादि, और कुछ वापस चले गए जैसे गज़नी, अब्दाली इत्यादि , ये तमाम दरिंदे अपने साथ हिन्दू महिलाओं को ले जाते रहे और उन्हें बेचते रहे

और ऐसा इसलिए होता रहा क्यूंकि हिन्दू जातिवाद में इतनी बुरी तरह बंटा हुआ था की कोई भी हिन्दू राजा दूसरे की मदद को कभी आता ही नहीं था  और 4 लाख से अधिक औरतों को इसी वजह से अफगानिस्तान, ईरान में बेचा गया , इतना सब होने के बाबजूद, आज भी नहीं सुधरा है हिन्दू , आज भी अलग अलग जातियों में बंटा हुआ है, और ये भी एक प्रमुख कारण है की हिन्दू आज कमजोर सा प्रतीत होता है क्यूंकि वो खुद ही एकजुट नहीं है।।

जब पृथ्वीराज का युद्ध गौरी से चल रहा था तो बाकि हिन्दू राजा सोये हुए थे , जब शिवाजी महाराज औरंगजेब से लड़ते थे, तो बाकि हिन्दू राजा सोये हुए रहते थे, न केवल जाति बल्कि भाषा और अन्य कई तरह के चीजों में हिन्दू बंटे हुए थे और भारत का नाश हुआ , इतिहास होता ही है सीखने के लिए, आज भी समय है की हिन्दू इतिहास से ही सीखे और  समाज में एकजुटता लाये, जातिवाद को पीछे छोड़े।।।

शायद ये पोस्ट आपको पसंद न आये  पर दैनिक भारत ने इस बात की परवाह कभी नहीं की, क्यूंकि सच कितना भी कड़वा हो उसे बोला ही जाना चाहिए , पहले हम एक तस्वीर दिखाना चाहते है, है तो ये एक पेंटिंग पर असली घटना पर आधारित है👇👇👇👇👇👇👇

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