ठग शब्द सुनकर हमारे दिमाग में अकसर चोर, डकैत, लुटेरे, खून करने वाले इत्यादि आता है. लेकिन सच कुछ और है जिसे जानकार आप भी हैरान हो जाएँगे. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि हिन्दुस्तान के ठग्स कौन थे ? क्यों इनको लुटेरा, डकैत, खूनी इत्यादि कहा जाता है ?
“ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान” कौन थे ?
भारत में एक आदिवासी जाति घने जंगलों में रहती थी और काली मां की पूजा करती थी, उनका नाम था ठग. ये कोई चोर, लुटेरे, डकैत, डाकू नहीं थे. क्या आप जानते हैं कि जब भारत पर अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपना कब्जा जमाना शुरू किया था तो ये ठग ही थे जिन्होनें अंग्रेजों का पूरी ताकत के साथ विरोध किया था. क्योंकि अंग्रेज अपना साम्राज्यवाद बढ़ाने के लिए जंगलों को खत्म कर रहे थे, जिनमें ठग की पीढियां रह रही थीं. ये आप जानते ही हैं कि अगर कोई किसी के घर को खत्म करने की कोशिश करेगा तो प्रतिरोध उत्पन्न होना सामान्य है.
अंग्रेज़ ठगों की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने एक चाल चली और इनकी छवि खराब करने के लिए ऐसी किताबें छापी, जिसमें इन्हें डकैत, लुटेरे और हत्यारा बताया गया. यानी अंग्रेजों ने साहित्य मतलब किताबों के माध्यम से ठगों की बुरी छवि प्रोजेक्ट करने की कोशिश की. इन्हीं किताबों में से एक किताब का नाम “कन्फेशन ऑफ़ ए ठग” है, जिसे 1839 में फिलीप मेडोज टेलर ने लिखा था जिसमें ठग्स को कुख्यात लुटेरा, हत्यारा और डकैत बताया गया है. इसे आज तक ठग जाती से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भो से जोड़कर देखा जाता है.
फिलिप मेडोज टेलर की साल 1839 में लिखी गयी किताब “कन्फेशन ऑफ़ ए ठग” पर फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान आधारित है। इस फिल्म में बॉलीवुड एक्टर आमिर खान, अमिताभ बच्चन, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख नजर आने वाले हैं। जो इस साल 7 नवम्बर को रिलीज़ होगी।
अब देखना ये है की क्या फिल्म 'ठग्स ऑफ़ हिन्दुस्तान' इनके जीवन को सही दर्शाती है या सिर्फ बॉलीवुड मसाला ही परोसा जायेगा। पर अब तो आप समझ ही गए होंगे के ठग ऑफ़ हिन्दुस्तान कौन थे.