सारी परेशानियों की जड़,




मनुष्य इस संसार का सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान प्राणी है, फिर भी मनुष्य ही संसार में सबसे अधिक चिंतित और परेशान प्राणी है

ऐसा क्यों?

मान लीजिए कि आप एक जानवर है और जंगल में रहते है| आपका जीवन कुछ इस तरह होगा –

अगर आपको को प्यास लगती है तो आप तालाब पर जाएंगे और पानी पी लेंगे|
अगर तेज धूप है, तो आप पेड़ के नीचे जाकर बैठ जाएंगे|
अगर कोई शिकारी जानवर आप पर हमला करता है, तो आप वहां से भागकर अपनी जान बचा लेंगे|
जानवर के जीवन में उसके द्वारा की गई हर एक गतिविधि का उसको उसी समय प्रतिफल प्राप्त होता है| उदाहरण के लिए अगर वह भूखा है तो तुरंत अपने लिए खाना ढूंढ लेगा और अगर वह खतरे में है तो तुरंत वहां से भागकर अपनी जान बचा लेगा| कहने का मतलब यह कि जानवर का जीवन “वर्तमान काल” में चलता है|

अब आप अपने कल्पना के घोड़े को लगाम दीजिए और अपने मनुष्य जन्म में आ जाइए| अब अपने मनुष्य जीवन पर विचार कीजिए:


आप आज नौकरी या व्यापार कर रहे है, तो आपको इसका प्रतिफल महीने के अंत में या कुछ समय बाद मिलेगा|
आप आज पढ़ाई कर रहे क्योंकि इससे आपका भविष्य अच्छा होगा|
आज आप पैसे बचा रहें क्योंकि इससे आपका भविष्य सुरक्षित होगा|
मनुष्य के जीवन में उसके ज्यादातर कार्यों का प्रतिफल उसको भविष्य में प्राप्त होता है इसलिए मनुष्य का ज्यादातर समय “भविष्यकाल” के लिए लगता है|

यही हमारी समस्याओं और चिंताओं का कारण है|

जानवर केवल वर्तमान समस्या के बारे में ही चिंता करता है जिसे वह तुरंत हरकत में आकर सुलझा लेता है| उदाहरण के लिए अगर कोई शिकारी जानवर उस पर हमला कर दे तो वह तुरंत दूर भागकर अपनी जान बचा लेगा और अपनी चिंता को दूर कर देगा| शोध में यह बात सामने आई है कि एक बार खतरा टल जाने पर जानवर तुरंत सामान्य स्थिति में आ जाता है और भविष्य की चिंता नहीं करता|

लेकिन मनुष्य के साथ ऐसा नहीं होता| हमारी ज्यादातर समस्याएँ “भविष्य” से जुड़ी होती है जिसे वर्तमान में पूरी तरह से सुलझाया नहीं जा सकता| हो सकता है कि हम भविष्य की समस्याओं के लिए वर्तमान में कुछ कार्य कर सकते है लेकिन उसका परिणाम अनिश्चित होता है जो “भविष्य” में ही निश्चित हो पाता है| और इसलिए हम लगातार चिंतित रहते है| आप आज जमकर मेहनत कर सकते है लेकिन आप भविष्य के अनिश्चित परिणाम को आज निश्चित नहीं कर सकते|

“हम भविष्य की अनिश्चिताओं के बोझ को अपने वर्तमान पर डाल देते है और उस बोझ से तब तक दबे रहते है जब तक की उस अनिश्चितता का सस्पेंस नहीं खुल जाता|”

तो क्या किया जाए

हमारा जीवन कुछ इस तरह चलता है कि हमें भविष्य के लिए वर्तमान में कार्य करना होता है और भविष्य “अनिश्चित” होता है|

अगर कोई विद्यार्थी ग्रेजुएशन कर रहा है, तो जरूरी नहीं कि उसे भविष्य में अच्छी नौकरी मिल जाएगी|
अगर आज कोई व्यक्ति व्यापार कर रहा है, तो जरूरी नहीं कि वह व्यापार सफल होगा|
आज अगर कोई व्यक्ति पैसा बचा रहा है, जरूरी नहीं कि उसका भविष्य सुरक्षित होगा|
हमारी चिंताओं का कारण “अनिश्चितता” है| हम कल की समस्या के बारे में बार-बार सोच-सोचकर अपना “वर्तमान” बर्बाद कर देते है और हमारा यही “वर्तमान” हमारा भविष्य बर्बाद कर देता है|


दरअसल हम “भविष्य में क्या करना है” उसके लिए ज्यादा चिंतित रहते और अगर उसकी जगह हम यह सुनिश्चित करें कि “भविष्य के लिए आज क्या करना है” तो हम अपनी चिंताओं को मिटा सकते है| उदाहरण के लिए

भविष्य के स्वास्थ्य की चिंता न करके, आज की Exercise और Morning Walk के बारे में सोचें
भविष्य की वितीय सुरक्षा के बारे में चिंता न करके, आज की बचत के बारे में विचार करें|
भविष्य की नौकरी की चिंता न करके, आज की पढाई या मेहनत के बारे में विचार करें|
जब हम भविष्य की समस्याओं को अपनी दैनिक गतिविधि में शामिल कर देते है तो हम अनिश्चितताओं की चिंता को काफी हद तक दूर कर कर सकते है|

“अगर आप उस बारे में सोचते है जिसके लिए आज अभी आप कुछ नहीं कर सकते, तो आप स्वंय को धोखा देकर अपना समय बर्बाद कर रहे है”

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