प्रेरक प्रसंग;
बुजी शमा भी जल सकती है ..
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है ...
हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है ...
------------------+
हौंसले के तरकश में ,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख ,
हार जा चाहे ज़िन्दगी में सब कुछ ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रख
_______________
नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते है ,
इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते है। ...
_________________
सीढियाँ उन्हें मुबारक हो
जिन्हे सिर्फ छत तक जाना है ,
मेरी मंज़िल तो आसमान है
रास्ता मुझे खुद बनाना है ..
______
5
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जिस-जिस पर ये जग हँसा है,
उसीने इतिहास रचा है…
6
मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता
हिम्मत वालों का इरादा कभी अधूरा नहीं होता
जिस इंसान के करम अच्छे होते है
उसके जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता
7
परिंदों को मंज़िल मिलेगी यक़ीनन
ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं
वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर
जमाने में ज़िनके हुनर बोलते हैं.
8-
नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है ,
सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है ,
कश्तियाँ बदलने की जरूरत नहीं ,
दिशा को बदलो तो किनारे ख़ुद ब खुद बदल जाते है .
9
निगाहों में मंजिल थी ,
गिरे और गिरकर संभलते रहे ,
हवाओं ने बहुत कोशिश की ,
मगर चिराग आँधियों में जलते रहे ।
10.
आज तेरे लिए वक्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है।
बुजी शमा भी जल सकती है ..
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है ...
हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है ...
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हौंसले के तरकश में ,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख ,
हार जा चाहे ज़िन्दगी में सब कुछ ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रख
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नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते है ,
इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते है। ...
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सीढियाँ उन्हें मुबारक हो
जिन्हे सिर्फ छत तक जाना है ,
मेरी मंज़िल तो आसमान है
रास्ता मुझे खुद बनाना है ..
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5
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जिस-जिस पर ये जग हँसा है,
उसीने इतिहास रचा है…
6
मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता
हिम्मत वालों का इरादा कभी अधूरा नहीं होता
जिस इंसान के करम अच्छे होते है
उसके जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता
7
परिंदों को मंज़िल मिलेगी यक़ीनन
ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं
वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर
जमाने में ज़िनके हुनर बोलते हैं.
8-
नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है ,
सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है ,
कश्तियाँ बदलने की जरूरत नहीं ,
दिशा को बदलो तो किनारे ख़ुद ब खुद बदल जाते है .
9
निगाहों में मंजिल थी ,
गिरे और गिरकर संभलते रहे ,
हवाओं ने बहुत कोशिश की ,
मगर चिराग आँधियों में जलते रहे ।
10.
आज तेरे लिए वक्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है।