धीरे हाॅर्न बजा रे पगले देश हमारा सोया है
एक ट्रक के पीछे लिखी
ये पंक्ति मुझे झकझोर गई...
हाॅर्न धीरे बजाओ
मेरा देश
सो रहा है.......
तब मजबूरन लिखना पड़ा...
कि...
अँग्रेजों के जुल्म सितम से
फूट फूटकर रोया है।
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले
देश हमारा सोया है।।
आजादी संग चेन मिला है
पूरी नींद से सोने दे।
जगह मिले वहाँ साइड ले ले
हो दुर्घटना,होने दे।।
किसे बचाने की चिंता में
क्यों तू इतना खोया है
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले
देश हमारा सोया है.......
ट्रेफिक के सब नियम पड़े हैं
कब से बंद किताबों में।
जिम्मेदार सुरक्षा वाले
सारे लगे हिसाबों में।।
तू भी पकड़ा, सो की पत्ती
क्यों ईमान में खोया है?
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले
देश हमारा सोया है.....
राजनीति की इन सड़कों पर
सभी हवा में चलते हैं ।
फुटपाथों पर जो चढ़ जाते
वो सलमान निकलते हैं।।
मेरे देश की लचर विधि से
भला सभी का होया है
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले
देश हमारा सोया है......
मेरा देश है सिंह सरीखा
सोये तब तक सोने दे
राजनीति की इन सड़कों पर
नित दुर्घटना होने दे।
देश जगाने की हठ में तू
क्यूँ हाॅर्न बजाकर रोया है
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले
देश हमारा सोया है.....
अगर देश यह जाग गया तो
जग सीधा हो जाएगा।
पाक चीन चुप हो जाएँगे
और अमरीका रोएगा।।
राजनीति से शर्मसार हो
गुलशन जन मन रोया है
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले
देश हमारा सोया है....
देश हमारा सोया है......
वन्देमातरम
जय हिन्द 🇮🇳