अध्ययनों में पाया गया है कि शराब पीने से अधिकांश इलाज में कोई खलल नहीं पड़ता और न ही इससे शरीर पर कोई साइड-इफ़ेक्ट होता है, पर यह कहानी इतना भी सरल नहीं है.
ऐसी महिलाएं जो अपनी प्रेग्नेन्सी की प्रारम्भिक अवस्था में हैं और जो यह खुशखबरी अभी दुनिया वालों से साझा नहीं करना चाहती हैं, मानती हैं कि पार्टी के दौरान शराब को ना कहने का मतलब लोगों को अपने प्रेग्नेंट होने का सीधा संकेत देना है.
इसके बदले अपने मित्रों और सहयोगियों से यह कहना कि वे इस समय एंटीबायोटिक ले रही हैं, एक सटीक बहाना हो सकता है. क्योंकि, एंटीबायोटिक लेना आम बात है और ज़्यादातर लोग शायद यह न पूछे कि एंटीबायोटिक क्यों ले रही हो.
पर क्या सचमुच जब आप एंटीबायोटिक ले रहे हैं तो शराब से दूर रहना ज़रूरी है?
पढ़ें विशेष रिपोर्ट
कुछ लोग यह समझते हैं कि शराब एंटीबायोटिक को शरीर में ठीक से अपना काम करने से रोकती है, जबकि कुछ अन्य लोगों का मानना है इसके कारण साइड-इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं.
अधिकांश एंटीबायोटिक के मामले में इनमें से कोई भी धारणा सच नहीं है.
डॉक्टरों को आशंका है कि ये ग़लत धारणाएं मरीज़ को एक गिलास शराब की खातिर दवा छुड़वा सकती हैं.
दरअसल, एंटीबायोटिक का डोज़ लेना आप बीच में छोडते हैं तो इससे आपके शरीर में इसका प्रतिरोधक उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है. यानी, एंटीपायोटिक रज़िसटेंस पैदा हो सकती है जिससे कई तरह के एंटीबायोटिक शरीर पर काम करना बंद कर देते हैं.
हक़ीक़त यह है कि आम तौर पर दिए जाने वाले एंटीबायोटिक्स पर शराब का असर नहीं होता है. लेकिन कई अपवाद भी हैं.
शराब का असर
सिफेलोस्पोरिन सिफोटिटैन शरीर में शराब के पाचन के दौरान विघटन (ब्रेकडाउन) को धीमा करता है और इससे शरीर में एसिटलडिहाइड का स्तर बढ़ जाता है.
इससे कई तरह के बुरे लक्षण प्रकट होते हैं जैसे उल्टी, चेहरे का पीला पड़ना, सिरदर्द, सांस में रुकावट और छाती में दर्द.
इसी तरह के लक्षण डाइसल्फिरम के कारण भी पैदा होते हैं, जिसका प्रयोग कई बार शराब की लत छुड़ाने के लिए होने वाले इलाज में होता है.
मामला यह है कि शराब पीते ही व्यक्ति को इस तरह के लक्षण महसूस होने लगते हैं और इसकी वजह से वह शराब पीने से बचता है.
चूंकि इस तरह के लक्षण सुखद नहीं होते, इसलिए यह जरूरी है कि लोग जब इस तरह के एंटीबायोटिक ले रहे हों, तो तब और उसके कुछ दिन बाद तक भी शराब का सेवन न करें.
कुछ एंटीबायोटिक अपवाद
एक अन्य तरह का एंटीबायोटिक है जो कि इस चेतावनी के साथ आता है कि उसके साथ आप शराब का सेवन न करें और वह है मेट्रोनिडाज़ोल.
इसका प्रयोग दांत में होने वाले संक्रमण, टांग के घाव के संक्रमण के इलाज में होता है, और यह भी शरीर में सिफेलोस्पोरिन की तरह ही लक्षण पैदा करता है.
मेट्रोनिडाज़ोल के साथ शराब पीने के बीच किसी तरह के संबंधों को 2003 से ही नकारा जा रहा है.
इसको साबित करने के लिए एक छोटा सा नियंत्रित अध्ययन किया गया जिसमें फ़िनलैंड के एक व्यक्ति को पाँच दिनों तक मेट्रोनिडाज़ोल दिया गया पर इस दौरान शराब पीने का उस पर कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं हुआ.
इस अध्ययन के लेखक ने हालाँकि माना कि कुछ लोगों पर इसका असर होने से इनकार नहीं किया जा सकता और इसीलिए सलाह यही दी जाती है कि जब आप यह दवा ले रहे हों तो शराब का सेवन न करें.
रिसाइकिलिंग की कहानी
ऐसे एंटीबायोटिक्स की एक लंबी सूची है जिसे शराब के साथ मिलाया जा सकता है.
अगर आप बीमार हैं तो निश्चित रूप से शराब पीकर निढाल होने से आप जल्दी ठीक नहीं होंगे.
उल्टे यह आपको थका देगी और आपका पेट खराब हो जाएगा.
ऐसा हो सकता है की इक्की-दुक्की घटनाओं के कारण इस तरह का मिथ बन गया हो कि किसी भी एंटीबायोटिक को शराब के साथ मिलाया नहीं जा सकता.
पर इस बारे में दो और धारणाएँ हैं. एक यह है कि क्योंकि एंटीबायोटिक का प्रयोग आम यौन संक्रमित बीमारियों के इलाज में भी होता है, इसलिए विगत में डॉक्टर इस तरह के संक्रमण के शिकार लोगों को शराब न पीने की हिदायत देकर उनकों एक तरह से सज़ा देते थे.
कुछ और भ्रांतियां
इस बारे में लंदन के जेनिटोयूरिनरी क्लीनिक के सर्वेक्षण के एक लेखक को दी गई सफाई को भी जरा देख लें.
जेम्स बिंघम ब्रिगेडियर दिवंगत सर इयान फ्रेज़र से मिले जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में उत्तरी अफ्रीका में घायल सैनिकों के इलाज में पेनिसिलिन एंटीबायोटिक का प्रयोग किया था.
उस समय पेनिसिलिन की आपूर्ति इतनी कम थी कि जब किसी सैनिक को यह दवा दी जाती थी तो बाद में उसके पेशाब से इसे वापस प्राप्त कर रिसाइकिल कर लिया जाता था.
स्वास्थ्य लाभ कर रहे सैनिकों को बीयर पीने की इजाजत थी पर दुर्भाग्य से इससे सैनिकों के शरीर से ज्यादा मात्रा में पेशाब निकलता था जिसकी वजह से उससे पेनिसिलिन निकलना मुश्किल हो जाता था.
इस वजह से कमांडिंग अफ़सर को बीयर पीने पर प्रतिबंध लगाना पड़ा.
भले ही यह लोकप्रिय भ्रांतियों को समझने का विश्वसनीय स्रोत न हो पर इसके बावजूद यह एक अच्छी कहानी है.
किसी भ्रांति को दूर करना दोधारी तलवार की तरह होता है. एक ओर ऐसे लोग जो एंटीबायोटिक लेते समय भी एक-दो गिलास शराब पिए बिना नहीं रह सकते हों, उन्हें एंटीबायोटिक लेते रहने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि वे डोज़ बीच में छोड़ एटीबायोटिक रज़िसटेंट न हो जाएँ.
दूसरी ओर, भ्रांति दूर कर, सही तस्वीर के बारे में ज्यादा समझ बनाने का अर्थ यह भी होगा कि ऐसी महिलाएं जो अपने गर्भवती होने की बात को छिपाना चाहती हैं, उनको भविष्य में कुछ और बहाने तलाशने होंगें.