क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। मनुष्य के अन्त:करण में उठने वाली उग्रवृत्ति इतनी घातक है कि उसके जागने से व्यक्ति का रूप बड़ा कुरूप हो जाता है। जरा सोचिये तो सही फोटोग्राफर भी आपका फोटो लेगा तो क्या कहेगा? वह आपसे कहेगा ‘प्लीज़ कीप स्माइलिंग’ या कृपया मुस्कराईये। आपसे बार-बार बोलता है वह फोटोग्राफर। वह क्यों ऐसा कहता है? क्योंकि वह जानता है कि जितना आप मुस्कुराएँगे, आपका चेहरा उतना ही अच्छा लगेगा। दूसरी तरफ़ अगर आपके चेहरे पर गुस्सा है तो? अरे भाई! आपकी फ़ोटो अच्छी नहीं आएगी। लेकिन जैसे ही आप मुस्कुराएँगे और वह आपकी फोटो खींच देगा, वह भी मुस्करा पड़ेगा और आप भी खिल उठेंगे।
फ़ोटोग्राफ़र जानता है कि आपके माथे पर शीतलता आते ही आपका चेहरा फ़ोटो खींचने लायक हो जाएगा। जैसे ही आप मुस्कुराएँगे, वैसे ही अपने स्वरूप में आ जाएँगे। मुस्कराना वास्तव में प्रकृति है और उदासी में अथवा क्रोध में रहना विकृति। मुस्कराते समय समय आपका चेहरा सबसे सुन्दर होता है। उस समय आप ज्यादा अच्छे दिखते हैं, स्वयं को भी और अन्यों को भी। उधर जब आपके अन्दर क्रोध आता है, तब आप कितने भयंकर लगते हैं! आप अपने एलबम में अपने फ़ोटो सुरक्षित रखते हैं, लेकिन क्रोधित चेहरे वाला फोटो आप रखना नहीं चाहते। कभी आइने में देखना, जब आपको क्रोध आता है तब आप कैसे लगते हैं? बड़ा विचित्र प्रभाव होता है क्रोध का चेहरे पर। क्रोध के समय जो रसायन शरीर में प्रवेश करते हैं, उनसे एक तरह का विष आपके शरीर में फैलता है।
मेडिकल साइंस समझाती है कि अगर आप क्रोध करेंगे, तो आप अपनी आयु को कम करेंगे। अगर आपको शुगर है तो बहुत गुस्सा करने से शुगर बढ़ जाएगी। ब्लडप्रेशर हाई रहता है तो और हाई हो जायेगा। लो हो गया तो और ज्यादा निराशा आयेगी, घबराहट होगी, आप खीज उठेंगे। और ज़्यादा क्रोध आएगा, तो आपकी खीज और बढ़ जाएगी। अगर डाक्टरों से पूछा जाये कि ये अल्सर वगैरह जो मनुष्य को हो जाता है, उसका कारण क्या है? डॉक्टर बहुत सारे कारण बताते हैं, उनमें एक प्रमुख कारण वह कहते हैं कि जो आदमी ज्यादा चिंता करता है, ज्यादा तनाव में रहता है तथा ज्यादा गुस्सा करता है, उस आदमी के शरीर में इसकी सम्भावना ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे आदमी को दुनिया भर के रोग आकर लग जाते हैं। इसलिए क्रोध जैसी व्याधियों से दूर रहिए।
* गुस्से को शांत करने का सबसे आसान तरीका है कि अपनी मांसपेशियों को रिलेक्स करें। सिर्फ मुट्ठी को खोलने और जबड़े को रिलेक्स करने से आप शांत हो सकते हैं। गहरी साँसें लेने से एंग्जायटी आपके शरीर से बाहर चली जाएगी।
*अपनी आँखें बंद करके गहरी साँस लें औ सोचें कि तनाव आपसे दूर जा रहा है। इससे आप शांत हो जाएँगे और रिलेक्स महसूस करेंगे।
* अगर ट्रैफिक जाम की वजह से गुस्सा आ रहा है, तो अपनी कार में रखे हास्य व मनोरंजन से भरे टेप बजाएँ ताकि आपका ध्यान बँट सके। अगर यह भी काम न करे और आपको महसूस हो कि आपका पारा चढ़ रहा है, तो एक तरफ हो जाएँ और अपने आपसे बातें करने लगें ताकि शांत हो सकें। जब तक गुस्सा नियंत्रण में न आ जाए, तब तक फिर से ड्राइविंग न करें।
* अगर आप किसी ऐसी स्थिति में फँस गए हैं कि उस पर विशेष कुछ नहीं कर सकते हैं, तो उससे लड़ने की बजाए रिलेक्स करने का प्रयास करें। कुछ खुशगवार चीजों के बारे में सोचने लगें।
* अपने आपसे कुछ सकारात्मक बातें दोहराएँ- मैं अच्छा महसूस कर रहा हूँ और सब कुछ ठीक-ठाक है। इस तरह भी काम बन सकता है।
* दबा हुआ तनाव अच्छी महक के सहारे जिस्म से रफूचक्कर हो जाता है। इसलिए खुशबूदार तेलों का प्रयोग करें। शुद्ध लेवेंडर तेल टिश्यू पेपर पर डालकर उसे अपनी जेब या पर्स में रख लें या किसी ऐसी जगह पर जहाँ तनावपूर्ण स्थितियों में उसे आसानी से निकाला जा सकता हो।
* जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपका जिस्म एड्रिनॉलीन नामक रसायन का उत्पादन करता है, जो आपके जिस्म में कम से कम 18 घंटे तक रहता है।
* अगर आप बार-बार गुस्सा करते हैं, तो इस रसायन की मात्रा आपके जिस्म में बढ़ती जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार इसे अपने शरीर से बाहर निकालने का सबसे अच्छा तरीका कसरत है। इसलिए दिन में समय निकालें (सुबह ज्यादा बेहतर है) कि आप तेज चहलकदमी, तैराकी या जिममें आधा घंटे तक वर्कआउट कर सकें।
* जल्दबाजी गुस्से के लिए माहौल बनाती है।
* प्रतिरोध जताने के लिए चीखने के लालच से बचें।
जब आप खुद में गुस्से का अहसास महसूस करने लगें तो यह करना शुरू कर दें-
*100 तक गिनती गिनें। फिर 10 बार गहरी साँस लें।
* घूमने चले जाएँ और सरपट चाल से चलें।
* मुँह पर ठंडे पानी के छीटें मारें। एक गिलास पानी पिएँ और अपने बिखरे बालों को सँवारने के लिए आईने के सामने आ जाएँ।
* संगीत के जरिए अपना ध्यान बाँटें, जो विषय गुस्सा दिलाए, बातचीत से उसे निकाल दें।
* अगर योग करना जानते हों तो उसे शुरू कर दें।
(अशोक कुमार वर्मा)
उत्तर प्रदेश