आपका भगवान आपके माता पिता है;



आज का लेख उन लोगो के लिए हैं जो अपने माँ बाप को बुढ़ापे मैं एक बोझ समझते हैं और उनके साथ जानवरो से भी ज्यादा बुरा बर्ताव करते हैं अगर आप मेरी यह लेख को समझ जायँगे तो समझो अपने सबकुछ पा लिया हैं अपने घर मैं बैठे भगवान को नहीं समझते और मंदिर गुरुद्वारों मैं जाकर उन्हें दूंदते है।


कौन लाता हैं हमें इस पृथ्वी पर

आपकी आत्मा एक रौशनी बनकर किसी सरीर की तलाश मैं बस उस रौशनी को तलाश हैं एक ऐसी सरीर की जिसके अंदर जाकर उसे लगे की अब वह इस योनि से मुक्त हो गया हैं एक इंसान के रूप मैं इस धरती पर आना कोई आसान बात नहीं हैं हमें इस दुनिया मैं लाने वाले कौन हैं!


माता और पिता-

हमें इस दुनिया मैं लाने वाले हमारे माता और पिता हैं जो हमें उस रोशनी से मुक्ति देकर हमें अपनी जिंदगी का हिसा बनाते हैं।

माँ रखते हैं कोख मैं संभलकर

माँ सबसे बड़ा रूप होता हैं माँ का जो हमें 9 महीने अपने कोख मैं संभलकर रखती हैं हमें कुछ परेशानी न हो हमे कोई परेशान न करे इसलिए माँ अपने पेट मैं हमें सम्भलकर रखते हैं हमे क्या खाना हैं क्या पीना हैं उसका ध्यान भी रखती हैं खुद कष्ट उठाते हैं मगर हमें आराम से रखती हैं



मेरा जनम और माँ की ममता-

जब अपने आप को कष्ट देकर माँ हमें पैदा करती हैं और हमें अपने सिनी से लगाकर रखते हैं क्यकि माँ की धड़कन से हमें लगता हैं की हम सुरक्षित हैं उनकी बाहो मैं नींद लेना मानो हम किसी जन्नत मैं हैं न किसी की फ़िक्र न चिंता क्यों करे माँ है न मेरे पास।


पिता की उंगली का स्पर्श-

मेरे पिता जिसने मुझे इसे दुनिया मैं आने का मौका दिया मुझे एक नई जिंदगी जी इस संसार को देखने का मौका दिया उनकी उंगली का स्पर्श से मुझे लगा की यह हैं मेरा संसार मेरा परिवार मेरा पिता जिसने मुझे आज उतने के लिए अपनी उंगली का सहारा दिया।



माता पिता नहीं करते प्यार की कमी

माता पिता कभी भी अपने बच्चे को किसी चीज़ की कमी नहीं होने देते चाहे कुछ भी हो वह हमारी सभी जरूरत सिर्फ माता पिता ही हमें वह सब चीज़े लेकर देते हैं इसे एक बचे को जितना प्यार माँ बाप करते हैं उतना कोई नहीं करता

बाप ने भी दिया अपने सीने का सहारा

जब कभी माँ नहीं होती थी या माँ कही काम मैं व्यस्त होती थी और मुझे नींद आ रही थी तो मेरे पिता ने मुझे अपने सीने से लगाकर सुलाया और मुझे माँ की कमी नहीं होने दिया मुझे अपने पिता के सीने मैं छुपकर सोना अच्छा लगा



पिता ने उंगली पकड़कर चलना सिखाया

जब मैं थौडा बड़ा हुआ तो मेरे पिता ने मुझे सिखाया की इस जमीन पर पैर कैसे रखते हैं अगर तुम सही दिशा मैं या सही तरह से नहीं चलोगे तो इस दुनिया मैं भटक जाओगे तो मेरी उंगली तुम्हरे लिए एक सहारा हैं तुम जब भी इस जमीन मैं चलने से डर लगे तो मेरा हाथ थाम लेना मैं हमेसा तुम्हरे साथ हु।


माँ ने खिलाया अपने हाथो से खाना

पहले बार जब मेरी माँ ने मुझे खाना खाने के लिए बतया मुझे पता चला की इस दुनिया मैं अगर जीवित रहना हैं तो हमें इसे खाना पड़ता हैं इस से हमारा सरीर विकशित होता हैं और मेरी माँ के हाथ का बना खाना तो बहुत अच्छा हैं



पिता ने पीठ पर चढ़कर दिखया संसार

मेरे पिता ने मुझे कहा क्या तुमने दुनिया देखनी हैं मैने कहा हां तो उन्हने कहा आओ मेरी पीठ पर चढ़ जाओ आज मैं तुम्हे पूरी दुनिया दीखता हु क्यकि आगे जाकर तुम्हे इसे दुनिया मैं जीना हैं इस दुनिया मैं रहना हैं




मेहनत करके कमाए मेरे लिए पैसे-

मेरे पिता जी ने मेरी अच्छी भविष्य के लिए दिन रात एक करके पैसा काम्य ताकि मेरा भविष्य उज्वल हो जो कष्ट उनहन्हें झेला था वह मैं न झेलू मेरी जिंदगी अछि हो और मैं इस दुनिया मैं अपना नाम रोशन करु!

शिक्षा के द्वार तक पहुचाया

मेरी पिता ने पहली बार मुझे स्कूल के बारे मैं बतया और कहा बेटा अगर तुम्हे इस दुनिया मैं अछि तरह से जिन हैं तो शिक्षा का होना बहुत जरुरी हैं चलो आज मैं तुम्हे ऐसी जगह ले जाता हु जहा से तुम एक बहुत अच्छे इंसान बनोगे

बनाया मेरा भाविष्य-

मेरे माता पिता दोनों ने मिलकर मेरे हर मुशीबत मैं साथ दिया मेरी हर जरूरतों को पूरी की और आज मुझे उच्च शिक्षा देकर मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया मुझे सम्मान दिल्या समझदार बनाया.

बुलंदी और सफलता-

मेरे माता पिता ने मुझे एक बुलंदी और एक सफल इंसान बनने का मौका दिया मेरी इस दुनिया मैं पहचान बनिए मुझे एक नाम दिया!

आपके लिए एक जीवनसाथी-

सबकुछ करने के बाद मेरे माता पिता ने मेरी जिंदगी के सफर को तय करने के लिए एक जीवनसाथी की तलाश की क्यकि उन्हें पता हैं अब एक उम्र मैं आकर वह आपका साथ नहीं दे पायंगे अपनी जिंदगी का सफर मेरा बच्चा कैसे अकेले कटेगा इसलये उन्हने आपकी शादी करवाई।।

जब आया पिता का समय

एक पिता जिसने पूरी जिंदगी अपने बच्चॊ के नाम कर दी आज वह बड़ा हो चूका हैं उसे अब एक ही उम्मीद हैं उसके लड़के का सहारा बस एक पिता को यही चाइये की बुढ़ापे मैं कोई उसको समझे उसको जाने मगर क्या ऐसा होता हैं।।


कुछ मांगने पर मिलती हैं डाट

आज मैं बूढ़ा हो चूका हु आज मुझे अपने पुराने दोस्त के वह जाना हैं हैं क्यों न कुछ पैसे अपने बच्चे से मांग लो आखिर अब वह ही तो मेरा सहारा हैं मेरे अर्धागिनी तो मुझे छोड़कर चली गए जब पिता ने पुत्र से पैसे मांगे तो डाट पड़ती है क्या करना हैं पैसो का मेरे पास फालतू पैसा नहीं हैं घर का ख़र्च कौन देखता हैं।।


पिता ने दिए थे पैसे

जब एक पिता ने अपने बेटे से कुछ पैसे मांगे तो उन्हें यह कहकर चुप करवा दिया जाता हैं की फालतू ख़र्च मत करो अब इस उम्र मैं तुम्हे क्यों पैसा चाइये लेकिन आप वह संयम भूल जाते हो जब एक पिता से अपने पैसो की मांग की थी तो उन्हहोने अपना पर्स निकलकर कहा लो

दो रोटी के लिए करना पड़ता हैं इंतज़ार

बुढ़ापे मैं एक पिता को दो रोटी के लिए भी घंटो रुकना पड़ता हैं बहु कहती हैं की अभी टाइम नहीं हैं तोडा रुको पुत्र को कहो तो बोलते हैं की आप को खाने की पड़ी हैं देखते नहीं घर मैं काम चल रहा हैं।




भूल जाते हैं वह दिन जब पिता ने खिलाया था अपने हाथो से

एक बेटा उस दिन को भूल जाता हैं जब आप छोटे थे जब आपको भूख लगती थी और आपकी माँ घर पर नहीं होती थी तो आपके पिता आपको भूख से कभी रोने नहीं देते थे अपने हाथो से खाना खिलते थे आज उन्हें 2 रोटी नहीं दी जा रही हैं


एकदिन आपको भी जाना हैं इस अवस्था मैं

जब माता पिता बड़े हो जाते हैं तो उनकी ही संतान उनको नहीं देखती हैं हैं वह उन्हें भौझ समझने लगते हैं और उंन्हें अकेला छोड़कर चले जाते हैं पर वह यह नहीं समझते की एक दिन आपके साथ भी वही होने वाला हैं आपके भी बच्चे होंगे और वह भी आपके साथ ऐसा ही करंगे ।


ना छोड़े अपने पिता का हाथ

याद करे उस दिन को जब आपके पिता ने आपको अपनी ऊँगली देकर कहा था की लो मेरा हाथ थामो नहीं तो तुम गिर जाओगे तुम्हे चोट लग जाएगी दर्द होगा जो मैं देख नहीं सकता तो उस माता पिता का हाथ कभी न छोड़े उन्हें सहारा दे।


न आने दे उस पिता के आंख मैं आंसू

जिन माता पिता ने तुम्हे जिंदगी भर रोने नहीं दिया उस पिता के आंख मैं आंसू कभी न आने दे न जाये किसी मंदिर या गुरुदावरे पर न जाये किसी दरगाह पर किस दुंद रहे हैं आप एक भगवन को जिसको कभी अपने नहीं देखा और जो सच का भगवान आपके पास है उसकी कोई कदर नहीं

आपका भगवान आपके माता पिता

ना ढूंढे उन अदृश्य शक्तियों को जिम्हे कभी अपने देखा नहीं जो आपके भगवन हैं उसे क्यों नज़रअंदाज़ कर रहे हो आपके माता पिता आपके भगवन हैं उन्हें और उनके साथ को कभी न छोड़े उनको बोझ न समझे एक बड़े सरीर को एक जवान हाथ के सहारे की जरूरत हैं उन्हें सहारा दे!!



Ashok Kumar Verma
Basti
Utter Pradesh



Contact-ashokkumarchaudhary68@gmail.com

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