गुजरात का मुंद्रा पोर्ट आए दिन विवादों में रहता है। मुंद्रा पोर्ट पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही मुंद्रा बंदरगाह से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया गया था। वहीं अब एक बार फिर डीआरआई की टीम ने संयुक्त अभियान में 48 करोड़ रुपये की ई-सिगरेट जब्त की है। दरअसल, चीन से मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे दो कंटेनरों की डीआरआई टीम ने जांच की, जिसमें 48 करोड़ रुपये की ई-सिगरेट मिली। बताया गया कि चीन से आए दो संदिग्ध कंटेनरों की जांच करने वाली डीआरआई टीम को एक कंटेनर में ई-सिगरेट की 2 लाख 400 छड़ें मिली। बता दें कि भारत में ई-सिगरेट पर बैन है। हालांकि, चीन से भारत में ई-सिगरेट की सप्लाई की जा रही है। भारत में भले ही ई-सिगरेट पर बैन लगा हो, लेकिन अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं। अब एक बार फिर सूरत में डीआरआई की छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में प्रतिबंधित ई-सिगरेट बरामद हुई है।
21 हजार करोड़ की ड्रग्स
पिछले साल सितंबर महीने में मुंद्रा बंदरगाह से 21 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद हुई थी. इस मामले में एनआईए (NIA) की टीम ने अभी तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
20 करोड़ की ड्रग्स
गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर अफगानिस्तान से ड्रग्स लाई गई थी, जिसे वहां से दिल्ली भेजा गया. गुजरात एटीएस और दिल्ली पुलिस क्राइम बांच ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया और करीब 20 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की. इस मामले में जांच एजेंसियां नार्को टेरर एंगल से भी तफ्तीश कर रही हैं.
376 करोड़ की हेरोइन
गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह के पास से करीब 75.3 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई।
17 करोड़ की विदेशी सिगरेट बरामद
खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआई) ने मुंद्रा पोर्ट से अवैध आयात के मामले में एक नौवहन कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत तीन लोगों को 6 मई को गिरफ्तार किया था.
पहले 20 करोड़ और अब 48 करोड़ की ई-सिगरेट बरामद
18 सितंबर को जानकारी आई कि सूरत और अहमदाबाद की डीआरआई की टीम ने संयुक्त अभियान में 48 करोड़ रुपये की ई-सिगरेट जब्त की है.
मुंद्रा पोर्ट ड्रग तस्करी का अड्डा बन गया है'
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, "गुजरात में अडानी का मुंद्रा पोर्ट शायद दुनिया का सबसे बड़ा ड्रग तस्करी का अड्डा बन गया है! पिछले एक साल में यहां कई मौकों पर 20 हजार करोड़ से ज्यादा की तस्करी का नशा पकड़ा गया है. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं? कोई अनुमान क्यों?"
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