चीता, तेंदुआ, बाघ, जगुआर… ये चारों भले ही एक से दिखते हैं, पर इनके बीच है बहुत अंतर ; जानिए

 


चीता, तेंदुआ, जगुआर और बाघ अगर इन्हें सामने रखा रखा जाए और सबकी पहचान करने को कहा जाए तो ज्यादातर लोग मात खा जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि ये देखने में एक जैसे ही लगते हैं, जानिए, चीता, तेंदुआ, जगुआर और बाघ को कैसे पहचानें...


यह चर्चा इसलिए भी हो रही है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आठ चीते दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से भारत लाए गए हैं। वर्ष 1952 से भारत में कोई चीता नहीं था। यानि हमारा देश चीता विहीन हो गया था। वर्ष 1947-48 में भारत में बचे आखिरी तीन चीतों को छत्तीसगढ़ के जंगलों में उत्तरकोरिया के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने शिकार करते मार दिया था। भारत में अब करीब 70 वर्ष बाद फिर जंगलों में चीते की घुरघुराहट सुनाई देगी।


विज्ञान के नजरिए से इनकी बारीकियों को समझेंगे तो पाएंगे कि इन चारों में बड़ा फर्क होता है. भले ही ये सभी बिग कैट फैमिली के सदस्‍य हैं, लेकिन इनमें भी अंतर होता है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्‍मदिन के मौके पर नामीबिया से आए 8 चीतों को मध्‍य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में छोड़ रहे हैं. ऐसे में जानिए, चीता बिगकैट के दूसरे सदस्‍यों तेंदुआ, जगुआर और बाघ से कितना अलग होता है और इन चारों को कैसे पहचानें…

चीता: जब भी चीता और जगुआर की बात आती है तो सबसे ज्‍यादा कंफ्यूजन होता है क्‍योंकि दोनों के शरीर पर एक ही जैसे स्‍पॉट नजर आते हैं. वो भी गोलाकार. इन दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर होता है, चेहरे का. चीता बिग कैट फैमिली का एकमात्र ऐसा सदस्‍य है जिसके चेहरे पर आंखों के निचले हिस्‍से से लेकर मुंह तक काले का रंग गोल निशाना नजर आता है. यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है.

चीता (Cheetah)

यह दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला इकलौता जानवर है।

125 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ लगाता है।

यह तीन से चार घंटे में 460 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह महज एक से तीन सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की स्पीड पकड़ लेता है।
यानि तेज रफ्तार गाड़ी की तरह इसका पिकअप लाजवाब है। इतना ही नहीं इसका पॉवर ब्रेकअप भी कमाल का है।

इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो से तीन सेकेंड में ही यह अपनी गति को 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से 20-22 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड तक कम कर लेता है।

इनके शरीर पर काले धब्बे होते हैं। आंखों के पास काली धारी होती है। जो किसी जानवर के रोते समय बहते आंसू जैसे निशान दर्शाती है।

चीते अपना शिकार या तो तड़के करते हैं या फिर शाम ढलते कर लेते हैं।

यह बिग कैट फैमिली के सदस्य हैं।

यह दहाड़ते नहीं, बल्कि घुरघुराहट की आवाज निकालते हैं।
इनका शरीर पतला होता है। इनकी लंबाई 67 से 94 सेंटीमीटर तक होती है। यह एक ही वर्ष में वयस्क हो जाते हैं।
इनके पास शिकार करने के लिए सिर्फ एक मिनट का समय होता है।

पहले हमले में शिकार पकड़ में नहीं आया तो यह उन्हें छोड़ देते हैं।

यह पेड़ पर नहीं चढ़ पाते। यह 23 फिट तक ऊंची छलांग लगा सकता है।

तेंदुआ: तेंदुआ के पूरे शरीर पर भी स्‍पॉट होते हैं, लेकिन किसी फूल की पंखुड़ी जैसे बिखरे हुए. अगर इसकी तुलना जगुआर और चीता से करें तो तेंदुआ का शरीर छोटा होता है. हालांकि यह अपना शिकार दबोचने के लिए पेड़ भी चढ़ पाने में सक्षम होता है.

तेंदुआ (Leopard)

  • तेंदुआ देखने में चीते जैसा ही लगता है, लेकिन तेंदुआ और चीते में कई प्रमुख अंतर होते हैं, जिससे आप इनकी पहचान बहुत आसानी से कर सकते हैं।
  • तेंदुए के शरीर पर फूल की छाप जैसे काले धब्बे होते हैं।
  • यह चीते से बड़ा और अधिक मांसपेशियों वाला जानवर है।
  • तेंदुए का सिर चीते से बड़ा और लंबा होता है। इनका शरीर भारी और लंबाई चीते से अधिक होती है।
  • मगर यह शेर, बाघ और जगुआर से छोटा होता है। यह गुर्राता है और कभी-कभी दहाड़ता भी है।
  • यह अपना शिकार लेकर पेड़ पर भी चढ़ जाता है।
  • यह बहुत ही फुर्तीला और ताकतवर जानवर होता है। कई बार शिकार को अपने पीठ पर ही लाद ले जाता है।
  • यह यह हिरन के अलावा, गाय, भैंस, कुत्ते, आदमी, बैल, बकरी इत्यादि का भी शिकार कर लेता है।
  • इसके अलावा खरगोश, लोमड़ी व बंदर का भी शिकार कर जाते हैं।
  • यह भी बड़ी बिल्ली प्रजाति का है। जोकि अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है।
  • यह 60 किलोमीट प्रतिघंटा तक की स्पीड से दौड़ सकता है।
  • यह अंधेरे में इंसानों से सात गुना बेहतर देख सकते हैं और पांच गुना बेहतर सुन सकते हैं।
  • ये अक्सर अपना शिकार रात के समय करते हैं। यह छह मीटर तक की छलांग लगा सकते हैं। यह पानी में तैर सकते हैं।

बाघ: ज्‍यादातर लोग बाघ और जुगआर की तस्‍वीर में भी फर्क नहीं कर पाते जबकि दोनों के शरीर पर बने निशान का फर्क साफ देखा जाता है. बाघ के शरीर पर लम्‍बी-लम्‍बी पीली और नारंगी लाइनें होती हैं. जबक‍ि जगुआर के शरीर पर पीले स्‍पॉट पड़े होते हैं. यही दोनों के बीच सबसे बड़ा फर्क होता है. यह तस्‍वीर बाघ की है.

बाघ (Tiger)

  • बाघ भी बिग कैट फैमिली का सदस्या है। लंबाई में यह चीता, तेंदुआ और शेर सबसे बड़ा होता है।
  • इसके शरीर पर काली धारियां होती हैं। शरीर सफेद नीला और नारंगी कलर का होता है।
  • इससे यह आसानी से पहचान में आ सकता है। यह शेर की तुलना में काफी भारी होते हैं। साथ ही उनसे अधिक फुर्तीले भी होते हैं।
  • यह अपना शिकार अकेले करते हैं। यह भी तैरने में माहिर होते हैं।
  • दक्षिण पूर्व एशिया, चीन और भारत में पाए जाते हैं।
  • यह भारत के राष्ट्रीय पशु हैं।
  • इनकी लंबाई सात से 10 फीट तक होती है।
  • यह 85 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है।
  • अपना शिकार करने के लिए साथ फिट तक की ऊंची छलांग लगा सकता है।



जगुआर: बिग कैट फैमिली के यह सदस्‍य ज्‍यादातर अमेरिका और अमेजन के जंगालें में पाया जाता है. औसतन 160 किलो वजन वाले जगुआर अपनी लम्‍बाई के लिए जाने जाते हैं. ये 6 फीट लम्‍बे होते हैं. वहीं, पूंछ 3 फीट की होती है. अगर पूंछ के साथ इनकी लम्‍बाई देखी जाए तो ये 9 फीट हो जाते हैं. ये बंदरों को भी नहीं छोड़ते. मौका मिलने पर दबोच लेते हैं.

तीन बड़ी बिल्लियों – जगुआर, तेंदुए और चीता में जगुआर सबसे बड़ी हैं। इन्हें बाघ और शेर के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बिल्ली माना जाता है। जगुआर का वजन 65 से 140 किलोग्राम के बीच हो सकता है। जगुआर का कोट हल्के पीले से लेकर लाल-पीले रंग तक होता है, जिसमें एक सफेद बेस होता है और जो काले धब्बों में ढंका होता है। तेंदुए की तरह, जगुआर के शरीर पर गुलाब के आकार के धब्बे होते हैं लेकिन दोनों बिल्लियों के बीच , आपको इसके रोसेट के बीच एक काला बिंदु दिखाई देगा। जगुआर में तैराकी की बहुत अच्छी क्षमता है और वे भारत में नहीं पाए जाते हैं।



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