बस्ती। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में पात्रता हेतु आय सीमा ग्रामीण क्षेत्र के लिए 46,080 रुपये तथा शहरी क्षेत्र के लिए 56,460 रुपये वार्षिक तथा अनुदान की राशि 10000 रुपये थी, जो अब सभी क्षेत्रों के लिए आय सीमा मुक्त कर दी गयी हैं, किन्तु जिनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये या उससे कम होगी उन्हें योजनाओं का लाभ उठाने में वरीयता दी जायेगी। उक्त के अतिरिक्त अनुदान की राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गयी है। उक्त जानकारी सर्किट हाउस सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में उ०प्र० अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष विश्वनाथ ने दिया है। उन्होने बताया कि देश के मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम में प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय (पी०एम०, अजय) जैसी महत्वाकांक्षी योजना लागू कर अनुसूचित जाति के लोगों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम उठाया है।
उन्होंने बताया कि वित्त एवं विकास निगम में पहले से चल रही योजनाएं अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय (पी०एम० अजय) योजना के नाम से जानी जायेंगी। इस योजना में अनुसूचित जाति के लोग व्यक्तिगत के बजाय अब क्लस्टर (समूह) में प्रोजेक्ट स्थापित कर कृषि और मृदा संरक्षण, लघु, सिंचाई, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग और सेवा व्यापार (आई०एस०बी०) आदि के तहत अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं।
उन्होने बताया कि प्रोजेक्ट को लागू कराने के लिए प्रोजेक्ट इम्प्लीमेन्टेशन यूनिट (पी०आई०यू०) होगी। चिन्हित प्रोजेक्ट के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा उत्पादन के लिए बाजार की भी व्यवस्था की जायेगी। एक तरह से अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए यह एक बड़ा कदम है, और इससे दलितों का बड़ा वर्ग उद्यमी बनकर उभरेगा।
निगम के उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि पी.एम. अजय स्कीम में रोजगारपरक योजनाओं के अतिरिक्त प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना तथा बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना को भी जोड़ दिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत 06 नये बाबू जगजीवन राम छात्रावासों का निर्माण कराया जायेंगा तथा वर्तमान में निर्मित एवं संचालित 261 बाबू जगजीवन राम छात्रावासों में से मरम्मत योग्य छात्रावासों का मरम्मत कार्य कराया जायेंगा। छात्रावासों के निर्माण हेतु प्रति अन्तःवासी 03 लाख रूपये का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जायेंगा। फर्नीचर हेतु 05 हजार रूपये प्रति अन्तःवासी की दर से धनराशि उपलब्ध करायी जायेंगी।
बालिका छात्रावासों के लिए निर्माण हेतु उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जायेंगी, जहॉ बालिकाओं की साक्षरता कम है। बालिका छात्रावासों में महिला सुरक्षा गार्ड तथा महिला छात्रावास अधीक्षिका की नियुक्ति की जायेंगी। पुराने छात्रावासों की मरम्मत हेतु 50 अन्तःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 05 लाख रूपये, 100 अन्तःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 10 लाख रूपये तथा 150 अन्तःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 15 लाख रूपये खर्च किये जायेंगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 6171 अनुसूचित जाति बाहुल्य गॉवों को आदर्श ग्राम के रूप में चिन्हित कर 20 लाख रूपये व्यय कर पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा स्वास्थ्य और पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़के और आवास, बिजली और स्वच्छ ईंधन, कृषि कार्य आदि वित्तीय समावेशन, डिजिटाइजेशन, आजीविका और कौशल विकास आदि की व्यवस्था होंगी। उपाध्यक्ष ने कहा कि निगम में पी.एम. अजय योजना लागू हो जाने पर अनुसूचित जाति के लोगों के जीवन स्तर को ऊचा उठाने में क्रान्तिकारी परिवर्तन आयेंगा।