उत्तर प्रदेश के देवरिया के एक प्राइमरी विद्यालय की बच्ची का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह प्रदेश के 75 जिलों का नाम फर्राटे से बता रही है. जब आजतक की टीम ने इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि यह वीडियो सदर ब्लॉक के आदर्श प्राथमिक विद्यालय पार्वतीपुर में पढ़ने वाली कक्षा चार की छात्रा अंकिता चौरसिया है.
आजतक के कैमरे के सामने भी अंकिता ने फर्राटे से 75 जिलों के नाम को बताया गया. यही नहीं इस बच्ची ने 21 का पहाड़ा भी सुनाया. स्कूल के हेडमास्टर शत्रुघ्न मणि ने बताया कि इस प्राइमरी स्कूल में कान्वेंट स्कूलों की ही तरह समय-समय पर प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, अंकिता पढ़ने में बहुत ही तेज है, अगर उसे आज पढ़ाया गया तो कल पूछने पर वह धड़ल्ले से बताती है.
हेडमास्टर शत्रुघ्न मणि ने बताया कि सभी अभिभावकों को अपने बच्चों पर थोड़ा समय जरूर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में वह अकेले अध्यापक हैं और एक शिक्षामित्र है, जो बीएलओ का काम देखते है तो उनका आना-जाना कम होता है. वह अकेले ही पांचों कक्षाओं को पढ़ाने का काम करते हैं.
अंकिता के पिता वीडियोग्राफी का काम करते हैं
अंकिता के पिता का नाम विमलेश चौरसिया है. वह देवरिया जिले के सदर तहसील क्षेत्र के पार्वतीपुर शाहपुर के रहने वाले है. उनके दो बच्चे है। ये दोनों बच्चे आदर्श प्राथमिक विद्यालय पार्वतीपुर शाहपुर में ही पढ़ते है. इनकी एक बच्ची अंकिता चौरसिया कक्षा चार में और दूसरा बच्चा अंश चौरसिया कक्षा एक में पढ़ता है. पिता वीडियोग्राफी का काम करते है.
बीजेपी विधायक ने शेयर किया वीडियो
बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस वीडियो को शेयर कर कमेंट किया कि, ‘श्रीमान अरविंद केजरीवाल, ढपली पीटने के बजाय हमारे देवरिया की इस नन्ही बिटिया अंकिता चौरसिया को देखिए, फिर समझिए कि श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा दीक्षा में क्या क्रांति की है, इसे कहते हैं बदलाव।’
अनुप्रिया पटेल ने भी की लड़की की तारीफ
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस वीडियो पर लिखा कि एक साथ में प्रदेश के सभी 75 जनपदों का नाम बताने वाली देवरिया की आदर्श प्राथमिक विद्यालय की चौथी कक्षा की नन्हीं सी छात्रा अंकिता चौरसिया, वाकई प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। बेटियां पड़ेगी तो पीढ़ियां बदलेंगी। बेटियां बचेंगे तो ही समाज और मूल्य बचेंगे।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
विपिन राठौर नाम के एक ट्विटर यूजर यूपी के प्राथमिक विद्यालय से जुड़ी एक खबर का स्क्रीन शॉटशेयर करते हुए शलभमणि त्रिपाठी के पोस्ट पर लिखा – यह भी पढ़िए शलभ मणि जी, वह स्कूल शिक्षा मित्र के भरोसे चल रहा है। एक शिक्षक 5 कक्षा के छात्रों को पढ़ा रहा। आप लोग शिक्षक भर्ती ना कर के छात्रों का भविष्य क्यों बर्बाद कर रहे हैं? एक अन्य यूज़र ने सवाल किया कि फिर क्यों अधिकारियों ने आदेश पारित कर दिया कि कोई भी स्कूल नहीं देख सकता।