गोंडा| उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पुलिस कस्टडी में हुई देव नारायन यादव की मौत का मामला शांत होता नहीमं नजर आ रहा है। देव नारायन की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं अब मृतक के फौजी भाई ने पुलिस और देव नारायन की पोस्टमार्ट रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। फौजी का कहना है कि उन्हें पुलिस और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर जरा भी यकीन नहीं है। वह दोबार मृतक का पोस्टमार्टम सेना अस्पताल से करवाएंगे।
गोंडा में पुलिस हिरासत में बिजली संविदा कर्मचारी की मौत से गुस्साए लोगों ने नवाबगंज में हाईवे पर जाम लगा दिया है। लोग पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। माझा क्षेत्र के सैकड़ों लोगों संग बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दोनों तरफ वाहनों की एक किमी लम्बी कतार लगी गई है। मौके पर दो थाने की पुलिस लगी है। सीओ सदर समेत पुलिस के आठ वाहनों को तोड़ दिया गया है। पथराव किया गया है। इससे पहले गुरुवार को संविदाकर्मियों ने आपूर्ति ठप कर दी है।
स्थिति यह है कि एफआईआर की कापी देने के लिए पुलिस कर्मियों को थाने में किराए का जनरेटर मंगाना पड़ा। फिलहाल नबाबगंज कस्बा गम और गुस्से में सुलग रहा है। इस मामले में पुलिस ने दो सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, एसपी आकाश तोमर ने एसओ तेज प्रताप सिंह और एसओजी प्रभारी अमित को सस्पेंड कर दिया है।
परिवार ने प्रशासन से की ये मांग
पुलिस अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद मृतक के परिवार ने गुरुवार रात शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन आरोप है कि अधिकारी अपने वलादों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। अंतिम संस्कार के बाद कोई भी अधिकारी पीड़ित परवार से मिलने नहीं आया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस दोषियों को बचाने के लिए मनगढ़ंत कहानी तैयार कर रही है। ऐसे में परिवार को न्याय की उम्मीद नहीं है। परिवार की मांग है कि मामले की जांच CBI से करवाई जाए और परिवार की जीविका सुचारु रूप से चलाने के लिए एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए।
गोंडा पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा सुनिए
पुलिस कस्टडी में हुई थी युवक की मौत
नवाबगंज के माझा राठ निवासी देव नारायन की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई थी। देव नारायन को झोलाछाप राजेश चौहान की हत्या मामले में पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। इस दौरान मृतक युवक के साथ उसके पिता राम बचन और रिश्तेदार राधेश्याम भी थाने में मौजूद थे। मृतक के बड़े भाई थल सेना में सिपाही हैं और वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू में है। छोटे भाई की सूचना पर फौजी भाई गुरुवार देर शाम अपने गांव पहुंचा था। बड़े भाई के आने के बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया था। बड़े भाई ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों ने 24 घंटे के अंदर आरोपित पुलिसकर्मियों को पकड़ने का आश्वासन दिया था। लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई हैा
फौजी भाई ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
फौजी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी पहले ही उसके भाई के शव का अंतिम संकार करने का परिजनों पर दबाव बना रहे थे। देश की रक्षा के लिए वह अपनी जान देने के लिए तैयार हैं। वहीं समाज की रक्षा करने वाले पुलिसकर्मियों ने ही उनके भाई की जान ले ली। वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने जानकारी देते हुए कहा कि इस घटना में शामिल आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले की न्यायिक जांच के लिए जिला जज को पत्र भेजा जा चुका है। वहीं थानाध्यक्ष समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा चुकी है।