द वायरल न्यूज: देश में Reliance Jio की एंट्री के बाद से लगभग सभी टेलिकॉम कंपनियां या तो मर्ज हो गई है या बंद हो गई है। इसके बाद अब देश में कुल 3 ही टेलिकॉम कंपनियां संचालन करती है, Jio, Airtel और Vodafone-Idea (VI) हैं। Vodafone और Idea के मर्ज होने के बाद VI कंपनी बनी। अब देश भर में ज्यादातर ग्राहक या तो Jio के है या Airtel के। इसके अलावा अब भी देश का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो VI पर विश्वसनीयता दिखाते हुए VI कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में सोचिएं, यदि VI के नेटवर्क अचानक गोल हो जाये तो ग्राहकों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
Vodafone-Idea के नेटवर्क हो सकते हैं गायब :
दरअसल, आज इस्तेमाल करने वाली जरूरत की चीजों में एक सबसे जरूरी चीज मोबाईल फोन भी हो गया है। वहीं, यदि फोन का नेटवर्क चला जाए तो, बहुत से कार्य रुक सकते हैं। ऐसा ही कुछ Vodafone-Idea (VI) के ग्राहकों के साथ कभी भी हो सकता है। क्योंकि, इंडस टावर्स द्वारा VI को नेटवर्क बंद करने की धमकी दी गई है। बता दें, पिछले काफी समय से कर्ज में डूबी टेलिकॉम कंपनी Vodafone-Idea (VI) पर अब भी इंडस टावर्स का लगभग 7000 करोड़ रुपये कर्ज बकाया है। जो पिछले सफी समय से कंपनी द्वारा भुगतान नही किया जा रहा है। इसलिए इंडस टावर्स ने कंपनी को धमकी दी है कि, यदि कंपनी ने जल्द से जल्द यह कर्ज नहीं चुकाया तो नवंबर से कंपनी टावर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी।
वोडाफोन आइडिया पर कितना है कर्ज
जून के अंत तक वोडाफोन आइडिया पर 1.98 लाख रुपये से अधिक का कर्ज था, जिसमें से 1.16 लाख करोड़ रुपये डेफर्ड लोन बकाया है। इसके साथ ही 15,200 करोड़ रुपये बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस का बकाया है। वहीं कंपनी के पास कंपनी के पास कैश और कैश इक्विटेबल्स के रूप में केवल 860 करोड़ रुपये थे।
5G सर्विस को लेकर पिछड़ी कंपनी
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि वोडाफोन – आइडिया को 5G संसाधन सप्लाई करने वाले कंपनियों और टावर कंपनियों के साथ डील करने में दिक्कत आ रही है। कंपनियां वीआई को पुराना बकाया क्लियर करने और एडवांस अमाउंट देने के लिए कह रही हैं। इन कंपनियों का वीआई पर 13000 करोड़ रुपये का बकाया बताया जा रहा है। वहीं नोकिया का 3000 और एरिक्सन का 1000 करोड़ रुपये का कर्ज बताया जा रहा है
इक्विटी से 20 हजार करोड़ जुटाने की तैयारी
कंपनी पर केवल इंडस टावर का ही 7000 करोड़ रुपये का बकाया नहीं है, बल्कि अमेरिकन टावर कंपनी एटीसी का 2000 करोड़ रुपये का बकाया है। वीआई को कई तिमाही से नुकसान हो रहा है। ऐसे में कंपनी ने इक्विटी से 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी की थी, लेकिन अभी तक कोई डील नहीं हो पाई है।
महीने भर का समय दिया है :
बताते चलें, इंडस टावर्स द्वारा दी गई धमकी में नवंबर से कंपनी टावर्स का इस्तेमाल नहीं करने की बात कही गई है। इसका सीधा मतलब यह है कि, कंपनी को पूरे एक महीने का समय मिला है कि, वह कर्ज चुका दे। यदि इस एक महीने में Vodafone-Idea (VI) कर्ज नही चुकाती है तो कंपनी के वर्तमान समय में मौजूद 25.5 करोड़ ग्राहकों के मोबाइल के नेटवर्क अपने आप ही बंद हो जाएंगे। जिससे ग्राहकों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, इंडस टावर्स की तरफ से VI को चिट्ठी लिखकर यह चेतावनी दी गई है। इससे पहले बीते सोमवार को इंडस टावर्स के बोर्ड की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग के दौरान कंपनी की वित्तीय स्थिति पर चर्चा हुई थी। तब यह बात सामने आई कि, VI पर लगभग इंडस टावर्स का सात हजार करोड़ रुपये का बकाया है।