इसके अलावा उन्होंने बताया कि 6जी (6G) में भी निवेश कर रहा है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, '5जी के मामले में हमारी ग्राहक कारोबार में जाने की योजना नहीं है. हम उस कारोबार से बाहर हो गये हैं.' चंद्रशेखरन ने कहा कि ग्रुप की कंपनियां जो तकनीक बना रही हैं, वह पूरी तरह से स्वदेशी है. उसे बड़े पैमाने पर लागू करने से पहले टेस्टिंग की जाएगी. इस पेशकश के बारे में पहले से ही पूछताछ शुरू हो गई है.
इससे पहले रिलायंस जियो ने 5G इंटरनेट के बीटा परीक्षण में करीब 600 MBPS की और भारती एयरटेल ने लगभग 516 MBPS की औसत स्पीड दर्ज की है. ब्रॉडबैंड स्पीड पर रिसर्च करने वाली कंपनी ओकला की तरफ से जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. ओकला ने उन चार शहरों में औसत 5G डाउनलोड स्पीड की तुलना की है, जहां जियो और एयरटेल दोनों ने अपने 5G नेटवर्क खड़े किए हैं.
ओकला की ‘स्पीडटेस्ट इंटेलिजेंस’ रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में एयरटेल की औसत 5जी डाउनलोड स्पीड 197.98 एमबीपीएस रही. जबकि जियो के नेटवर्क पर 5जी की औसत डाउनलोड स्पीड रिकॉर्ड 598.58 एमबीपीएस दर्ज की गई. यह एयरटेल की स्पीड से तीन गुना से भी अधिक है.
एयर इंडिया का लो-कॉस्ट कैरियर शुरू करने पर फोकस
चार एयरलाइनों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने की योजना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि टाटा समूह दो प्लेटफार्मों के साथ एक एकल एयरलाइन बनाना चाहता है जिसमें एक फुल सर्विस कैरियर और एक लो-कॉस्ट कैरियर (LCC) होगी. उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास निश्चित तौर पर फुल सर्विस और LCC दोनों सेवाएं होंगी लेकिन हम इसे वैश्विक स्तर की एयरलाइन बनाना चाहते हैं जिसके माध्यम से भारतीय कहीं भी यात्रा कर सकेंगे. यही हमारा लक्ष्य है और यह एक लंबी यात्रा होगी. सरकार से एयर इंडिया खरीदने के बाद हमें बेहद तेजी से काम कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि टाटा ग्रुप, एयर इंडिया के ह्यूमन रिसोर्स, टेक्नोलॉजी, विमानों के आधुनिकीकरण, इंजन मेंटेनेंट और सुरक्षा सहित सभी आयामों पर काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत भू-राजनीतिक तनावों, मुद्रास्फीति, खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि और ब्याज दरों में सख्ती के दौर से गुजर रहे विश्व में बहुत अच्छी स्थिति में है.