जान देकर चुकाई चालान की कीमत : परिवार की थी जिम्मेदारी और आर्थिक हालात भी थे खराब,पढ़िए ऑटो चालक की दर्दनाक दास्तां



कानपुर में एक व्यक्ति ने डेढ़ माह के अंदर दो बार चालान कटने से आहत होकर आत्महत्या कर ली. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

उत्तर प्रदेश में कानपुर शहर के नर्वल इलाके में हंसता-खेलता परिवार एक चालान की वजह से उजड़ गया, एक महिला ने अपना पति तो एक बेटी ने पिता खो दिया। परिवार के परवरिश की जिम्मेदारियां के बीच आर्थिक तंगी से परेशान ऑटो चालक ने जान देकर चालान की कीमत चुका ली। मामला महाराजपुर के नर्वल क्षेत्र का है, यहां रहने वाला एक ऑटो चालक पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। परिवार पालने के लिए जिस ऑटो पर निर्भर था, उसका चालान ही 22 हजार रुपये आ गया तो वह आर्थिक तंगी के बीच टूट गया और उसने मौत को गले लगा लिया। गोद ली थी बेटी, पहले भी कर चुका था खुदकुशी का प्रयास

नर्वल निवासी 32 वर्षीय सुनील गुप्ता के परिवार में उसकी पत्नी और 9 साल की एक गोद ली हुई बच्ची है। बीते कुछ दिनों से अपनी आर्थिक तंगी को लेकर सुनील काफी परेशान चल रहा था। इतने ज्यादा बड़े चालान हो जाने के कारण उसकी परेशानियां और बढ़ गयी थी और वह पूरी तरह से अंदर से टूट गया था।

इन सब से परेशान आकर सुनील शनिवार दोपहर फांसी के फंदे पर लटकने जा रहा था कि तभी उसके आसपास के लोगों ने देख लिया और मौके पर आकर उसे बचा लिया। अफसोस, इस बात का अंदाजा किसी ने नहीं लगाया कि सुनील किस प्रकार की मानसिक स्थिति से गुजर रहा है। इसके बाद रविवार सुबह उसने फांसी लगा अपनी जान दे दी। सुनील के परिवार में सुनील की पत्नी और 9 साल की गोद ली हुई बच्ची है। पत्नी ने बताया, काफी समय से परेशान थे पति

सुनील की पत्नी ने बताया कि शनिवार रात वह सोने चले गए। सुबह जब पत्नी ने सुनील को बिस्तर पर नहीं पाया तो वह उसे ढूंढने लगी। वह जैसे ही बाहर आयी तो देखा कि सुनील का शव बरामदे में पंखे के कुंडे से रस्सी के सहारे लटका रहा है। पत्नी संगीता ने बताया कि सुनील पिछले काफी दिनों से परेशान था। उसकी परेशानी तब और बढ़ गयी जब अगस्त माह में उसका 10 हजार और बीती 4 सितंबर को उसका साढ़े बारह हजार के दो ई-चालान हो गए।

एक साधारण ऑटो चालक के लिए इतनी ज्यादा रकम भर पाना मुश्किल था। इसलिए उसने जान देना ज्यादा सही समझा और अंत में फांसी लगा जान दे दी। सूचना पर नर्वल इंस्पेक्टर चंद्रकांत मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। इंस्पेक्टर नर्वल ने बताया कि अवसाद में होने के चलते सुनील ने आत्महत्या की है।

लिया था सेकेंड हैंड ऑटो
बताया गया कि नरवल कस्बा निवासी सुनील गुप्ता ने कुछ समय पहले 1 सेकेंड हैंड ऑटो खरीदा था. जिसकी कमाई से वह अपने घर का पालन पोषण करता था. उसके परिवार में उसकी पत्नी संगीता और 4 साल की एक छोटी बेटी है. परिजनों ने बताया कि 30 जुलाई को सुनील की ऑटो का 10,000 रुपये का ई-ट्रैफिक चालान का मैसेज आया था. जानकारी हुई कि जुर्माना हो गया है. वह इस जुर्माने को खत्म करने के लिए पैसे जुटा ही रहा था कि तभी 4 सितंबर को फिर, मोबाइल पर 12,500 रुपये ई ट्रैफिक चालान का मैसेज आ गया. जिसके बाद से वो मानसिक तनाव में था. सुनील की पत्नी का कहना है इसी वजह से उसके पति सुनील ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.



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