- क्या वायरल : एक व्यक्ति की तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें वो सड़क पर पड़ा हुआ खाना खाते नजर आ रहा है। दावा है कि, शूद्र होने के चलते यूपी में उसके साथ ऐसा व्यवहार किया गया
- क्या सच : वायरल तस्वीर भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश की है
फैक्ट चेक डेस्क. सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की जा रही है, जिसमें एक व्यक्ति सड़क पर पड़ा हुआ बचा हुआ खाना खाते नजर आ रहा है। दावा है कि, काशी में इस व्यक्ति को बचा हुआ खाने को इसलिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह शूद्र है। जानिए इस वायर तस्वीर की सच्चाई।
बांग्लादेश से एक खुले गटर से बचा हुआ खाना निकाल कर खाते हुए एक व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया झूठे दावे के साथ वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की है।
तस्वीर, जहां एक आदमी को बचे हुए भोजन के ढेर से खाते हुए देखा जा सकता है, एक कहानी का निर्माण करती है कि कैसे भारत अत्यधिक गरीबी, जातिवाद और श्रम शोषण से पीड़ित है।
वायरल ट्वीट में से एक में लिखा है, "पेरियार को सड़कों से बचे हुए भोजन खाने के लिए मजबूर किया गया था, उन्हें भोजन देने से मना कर दिया गया था क्योंकि वह उत्तर प्रदेश काशी ( 1940 ) में एक शूद्र थे। उत्तर प्रदेश (2019) में एक धार्मिक समारोह से बचे हुए भोजन से खाना खाता एक शूद्र श्रमि, आजादी के 75 वर्ष !!" काशी को आधिकारिक तौर पर वाराणसी कहा जाता है और यह एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है।
फ़ेसबुक पर इसी तरह की कहानी के साथ यही तस्वीर वायरल हुई है। इसी तरह के एक फ़ेसबुक पोस्ट को यहां अर्काइव किया गया है।
फ़ैक्ट चेक
Theviralnews यह पता लगाने में सक्षम था कि तस्वीर उत्तर प्रदेश की नहीं है। फुटपाथ के किनारे खड़े वाहन पर बांग्लादेश पुलिस का लोगो देखा जा सकता है।
वाहन पर बांग्ला में पुलिस (পুলিশ) लिखा है। बूम ने वाहन पर दिखाई देने वाले लोगो के साथ बांग्लादेश पुलिस के लोगो की भी तुलना की, और दोनों को समान पाया।