माना जा रहा था कि सनातन परंपरा के अनुसार मुलायम सिंह यादव की भी तेरहवीं होगी। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं होगी
दरअसल, मुलायम सिंह यादव के निधन और फिर अंतिम संस्कार के बाद तेरहवीं नहीं होगी। हिंदू धर्म की मान्यताओं और परम्पराओं के अनुसार दसवीं और तेरहवीं संस्कार किया जाता है। इस दिन ब्राह्मणों के साथ ही परिचितों, रिश्तेदारों, गांव के लोगों को भोजन कराने की परम्परा होती है। लेकिन सैफई गांव में काफी पहले ही यह प्रचलन इसलिए बंद कर दिया गया था क्योंकि इससे आर्थिक बोझ बढ़ता है ।
सैफई में क्यों नहीं होती तेरहवीं?
सैफई के ग्रामीणों के अनुसार मौत के बाद एक तो परिजन वैसे ही शोकाकुल होते हैं। ऐसे में भोज का आयोजन कर आर्थिक बोझ डालना उचित नहीं। अगर गांव में कोई बड़ा या संपन्न आदमी भोज करेगा तो फिर गरीबों पर भी ऐसा करने का भार पड़ेगा। इस वजह से सैफई में अमीर या गरीब कोई भी तेरहवीं भोज का आयोजन नहीं करता है।
11वें दिन होगा शुद्धिकरण यज्ञ
मुलायम सिंह यादव का 11वें दिन शुद्धिकरण हवन और शांति यज्ञ होगा और फिर इसके बाद अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार और प्रयागराज में ले जाया जाएगा। 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में निधन के बाद मृत शरीर को सैफई लाया गया और यहीं पर अंतिम संस्कार हुआ। इसके बाद अखिलेश, शिवपाल, प्रतीक, धर्मेंद्र सहित परिवार के पुरुषों ने बाल छिलवा लिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के सम्मान में सपा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करेगी। इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने प्रदेश भर के पदाधिकारियों को एक निर्देश भी जारी किया गया है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का बीते दिनों निधन हो गया था।
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से सभी जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक समेत सभी नेता-कार्यकर्ताओं को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक एवं पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से हम सभी दुखी है। शोकाकुल कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से निवेदन है कि सपा की तरफ से 21 अक्टूबर को नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये हर जिले में कार्यक्रम आयोजित किये जाएं।
मुलायम सिंह यादव की मृत्यु इन बीमारियों की वजह से हुई...
यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का आज देहांत हो गया । मुलायम सिंह यादव किडनी इंफेक्शन, यूरिन इंफेक्शन, सांस लेने में दिक्कत,कम ऑक्सीजन लेबल,लो ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे ।
आइए जानते हैं इन बीमारियों के बारें में
किडनी इंफेक्शन : गुर्दे का संक्रमण एक खास प्रकार का मूत्र पथ संक्रमण है जो बैक्टीरिया के कारण होता है। आम तौर पर किडनी इंफेक्शन की शुरुआत मूत्रमार्ग से होती है, जो धीरे-धीरे गुर्दे यानी किडनी तक पहुंच जाता है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी को हो जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाना चाहिए। नहीं तो उसके जान के खतरे बन सकता है ।
किडनी इंफेक्शन : गुर्दे का संक्रमण एक खास प्रकार का मूत्र पथ संक्रमण है जो बैक्टीरिया के कारण होता है। आम तौर पर किडनी इंफेक्शन की शुरुआत मूत्रमार्ग से होती है, जो धीरे-धीरे गुर्दे यानी किडनी तक पहुंच जाता है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी को हो जाए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाना चाहिए। नहीं तो उसके जान के खतरे बन सकता है ।
लक्षण क्या है ?
किडनी की बीमारी शुरूआती लक्षण थोड़े दिखते कम हैं लेकिन बाद में ये शरीर को संकेत देने लगते हैं। जैसे कि - पेशाब में खून या मवाद आना,पेशाब करते समय जलन या दर्द ,पेशाब में बहुत अधिक बदबू आना और झाग बनना,जल्दी-जल्दी पेशाब की इच्छा होना, कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द,भूख कम लगना,ठंड के साथ तेज बुखार आना,दस्त या डायरिया होना ।
किडनी की बीमारी शुरूआती लक्षण थोड़े दिखते कम हैं लेकिन बाद में ये शरीर को संकेत देने लगते हैं। जैसे कि - पेशाब में खून या मवाद आना,पेशाब करते समय जलन या दर्द ,पेशाब में बहुत अधिक बदबू आना और झाग बनना,जल्दी-जल्दी पेशाब की इच्छा होना, कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द,भूख कम लगना,ठंड के साथ तेज बुखार आना,दस्त या डायरिया होना ।
यूरिन इंफेक्शन : यूरिन इंफेक्शन यानी Urinary Tract Infection (UTI) यह संमस्या पुरुष और महिलाओं दोनों में दिखने को मिलती है लेकिन आज कल महिलाओं में ज्यादा दिखने को मिल रही है। इसका होने का मुख्य कारण कि दफ्तर में ज्यादा देर तक काम करने के दौरान कम मात्रा में पानी पीना जिससे किडनी डैमेज, बार-बार इंफेक्शन होना, यूरेथ्रा नली का छोटा होना जैसी खतरनाक समस्या हो सकती हैं। यूटीआई के अधिकतर मामलों में ब्लैडर और यूरेथ्रा का इंफेक्शन बड़ा कारण होता है।
लक्षण : इसके लक्षण आम हैं जिससे आसानी से पता लगाया जा सकता है जैसे- यूरिन का रंग बदल जाना,यूरिन में ख़राब सा स्मेल आना,बार-बार बुखार आना, टॉयलेट करने के दौरान बहुत जलन होना आदि ।
सांस लेने में दिक्कत: शरीर में सांस लेने वाली कठिनाई की समस्या हृदय की गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकती है। यह दिक्कत आम नहीं है। फेफड़ों या हृदय की समस्याएं गंभीर स्थितियों में जानलेवा हो सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह हार्टअटैक के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। समय रहते ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सांस से संबंधित किसी भी तरह की दिक्कत को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।
लो ब्लड प्रेशर : लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। यह तब होता है जब रक्तचाप सामान्य से काफी कम हो जाता है। इसका अर्थ है कि हृदय, मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता। इससे शरीर का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है जिसे लो ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
लक्षण: लो ब्लड प्रेशर का शुरुआती लक्षण हैं जैसे - चक्कर आना, आंखों में अंधेरा होना, हाथ पैर ठंडे पड़ना, कुछ पल के लिए बेहोशी, लेटने, खड़े होने पर होने घुमनी होना। ये सब लो ब्लड प्रेशर के शुरूआती लक्षण हैं।
सपा संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इन बीमारियों के शिकार हो गए थे। यह बीमारी ज्यादा उम्र होने पर हो सकती है हांलाकि उनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में करीब 2 सालों से चल रहा था जहां पर सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली ।
सपा संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इन बीमारियों के शिकार हो गए थे। यह बीमारी ज्यादा उम्र होने पर हो सकती है हांलाकि उनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में करीब 2 सालों से चल रहा था जहां पर सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली ।
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