नई दिल्ली: राजधानी के अपराध जगत में नाबालिगों के शामिल होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अपराध की दुनिया में नाबालिगों का डराने वाला आंकड़ा सामने आया है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में वर्ष-2021 में आपराधिक वारदातों में 2,643 नाबालिग दिल्ली पुलिस ने विभिन्न आपराधिक मामलों में पकड़े थे। वर्ष-2020 में यह आंकड़ा 2,455 था। इसमें लगभग 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी साल 2021 में दर्ज की गई।
पिछले सप्ताह 12 वर्षीय बच्चे के साथ नाबालिगों ने सामूहिक कुकर्म के बाद उसके निजी अंग में रॉड डाल दी थी। वहीं, भलस्वा डेयरी के मुकंदपुर पार्ट 2 इलाके में बीते बुधवार को इंस्टाग्राम पर अभद्र कमेंट करने से नाराज एक लड़की ने नाबालिग भाई और दोस्तों से दो लोगों की चाकुओं से गोदकर हत्या करवा दी।
हालात यह है कि दिल्ली में औसतन 8 नाबालिग हर रोज किसी न किसी वारदात को अंजाम देने के आरोप में पकड़े जा रहे हैं, जिनमें से 3 परतो गंभीर श्रेणी के अपराध को अंजाम देने का आरोप है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 19 महानगरीय शहरों में दिल्ली में नाबालिगों द्वारा किए गए अपराधों की संख्या सबसे ज्यादा है। जहां पर 2,455 नाबालिगों ने अपराधों को अंजाम दिया। उसके बाद चेन्नई में 773 और अहमदाबाद में 483 मामले सामने आए हैं।
अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत
- बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति पैदा न हो, इसके लिए अभिभावकों को समय-समय पर बातचीत करनी चाहिए। उनकी गलत हरकतों पर नजर रखते हुए उससे दूरी बनाने की सलाह देनी चाहिए।
- बच्चों के दोस्तों पर भी नजर रखें। असामाजिक तत्वों से उन्हें दूर रखने के लिए प्रेरित करें।
- बच्चों को अपने किसी भी विश्वसनीय के साथ छोड़ने के बाद भी उससे बातचीत कर उसके संपर्क में रहें, ताकि उसकी मनोदशा के बारे में अपउेट मिलता रहे।
दिल्ली विश्वविविद्यालय के अंबेडकर कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में प्रोफेसर नवीन कुमार ने कहा, 'नाबालिगों में शिक्षा का अभाव, सामाजिक मूल्यों में कमी और अकांक्षाओं का ज्यादा होना उन्हें गलत रास्ते की तरफ धकेलने का प्रमख कारण है। अपराध में संलिप्ता का मामला कानून से ज्यादा सामाजिक समस्या है। समाज में मूल्यों में कमी है।'
नाबालिगों को लेकर क्या कहता है आंकड़ा
देश के आंकड़ों को देखें तो नाबालिगों ने गत वर्ष 57 हत्याएं, 79 बलात्कार, 64 यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के मामले, 87 महिलाओं पर उनकी शील भंग करने के इरादे से हमले, 77 हत्या के प्रयास, 33 गैर-इरादतन हत्या के प्रयास के मामले शामिल थे।
गैंग भी ज्यादातर नाबालिगों को चुनते हैं
बड़े गैंग वारदातों को अंजाम देने के लिए ज्यादातर नाबालिगों को चुनते हैं। क्योंकि अपराध साबित होने पर नाबालिगों को कम सजा सुनाई जाती है। तरह-तरह के लालच देकर गैंग बच्चों को शमिल करते हैं।
हाल में की गई वारदात
5 अक्टूबर: मुकंदपुर पार्ट 2 इलाके में इंस्टाग्राम पर कमेंट करने से नाराज लड़की ने नाबालिग भाई और दोस्तों के साथ दो की हत्या करवा दी थी।
18 सितंबर: सीलमपुर में तीन नाबालिगों ने 11 वर्षीय बच्चे के साथ सामूहिक कुकर्म कर उसके निजी अंग में रॉड डाल दी थी। बाद में उसकी मौत हो गई।
22 सितंबर: गोविंदपुरी इलाके में बीड़ी नहीं देने से नाराज एक नाबालिग ने युवक पर ड्रैगन नाइफ से ताबड़तोड़ 25 से ज्यादा वार कर हत्या कर दी।
18 अगस्त: भजनपुरा में चार नाबालिगों ने एक दुकानदार को चाकूओं से गोदकर मार डाला। 20 दिन पहले हुए विवाद का बदला लेने के लिए यह वारदात की।
11 अगस्त: विवेक विहार में प्रेमिका पर टिप्पणी करने पर नाबालिग ने तीन दोस्तों के साथ मिलकर 19 वर्षीय युवक को चाकुओं से गोदकर मार डाला।
4 जुलाई: कल्याणपुरी में नाबालिग ने अपने भाई के साथ मिलकर कारोबारी अर्जुन की हत्या कर दी थी।
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