NIFTY क्या है ? NIFTY और SENSEX में क्या अंतर है ? जानिए
जब जब शेयर मार्किट से जुडी बात होती है तब तब NIFTY का नाम अवश्य लिया जाता है. हम अक्सर सुनते रहते है की NIFTY आज इतने अंक ऊपर गया या आज NIFTY इतने अंक गिरकर बंद हुआ. NIFTY क्यों ऊपर गया या फिर क्यों नीचे आया आज हम जानेंगे की निफ्टी के ऊपर नीचे होने से मार्किट पर क्या क्या प्रभाव पढ़ सकते है तो आइये शुरू करते है निफ्टी क्या होता है.....
NIFTY का Full Form है National Stock Exchange Fifty यह नेशनल और फिफ्टी दो शब्दों से मिलकर बना हुआ शब्द है. इसको NIFTY 50 भी कहा जाता है पर आमतौर पर ज्यादातर लोग इसको NIFTY के नाम से ही प्रयोग में लाते है.
NIFTY, National Stock Exchange of India का एक मत्वपूर्ण Benchmark होता है. यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 50 प्रमुख Shares का सूचकांक होता है. यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है . और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जो की लिस्टेड है.
तेज़ी या मंदी का भी ध्यान रखता है और उनकी भी सूचना प्रदान करता है. NIFTY 50 भारत का सबसे प्रमुख और मत्वपूर्ण Stock Index है. यह देश में सबसे ज्यादा Trend होता है. दुसरे नंबर पर BSE सेंसेक्स है.
आसान शब्दों में कहें तो NIFTY एक तरह एक स्टॉक इंडेक्स (Stock Index) है जो की 50 प्रमुख (Main) कंपनियों के स्टॉक को इंडेक्स करे हुए होता है. NIFTY में 50 से ज्यादा कंपनियो के स्टॉक लिस्ट नहीं किये जा सकते.
NIFTY में 12 अलग अलग सेक्टरों की 50 कंपनियां indexed है.
NIFTY का क्या काम है
NIFTY का काम हमें उन 50 कंपनियों और बजार की चाल के बारे में जानकारी प्रदान करने का होता है.
लिस्टेड है वो कंपनी किस तरह काम कर रही है अगर कम्पनी अच्छा काम कर रही होती है तो उसका सीधा असर कंपनी के शेयरों के भाव में दिखता है और उस कंपनी के शेयर्स के भाव बढ़ जाते है. और जब किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर्स के भाव ऊपर जाते है या बढ़ जाते है तो फिर इसकी वजह से निफ्टी में भी तेजी आ जाती है.
ठीक इसी तरह अगर इंडेक्स में लिस्टेड कंपनियों को लाभ कम हो रहा है या नहीं हो रहा होता है तो इसका असर भी सीधा उस कंपनी के शेयर्स के भाव पर पड़ता है और शेयर्स के भाव में कमी आने लगती है. और जब शेयर्स के भाव में कमी आती है तो NIFTY में गिरावट देखी जा सकती है.
NIFTY और अर्थव्यवस्था
अब आप सोच रहे होंगे NIFTY और अर्थव्यवस्था का क्या सम्बन्ध हो सकता है. तो हम आपको बताना चाहेंगे की NIFTY और देश की अर्थव्यवस्था का गहरा समबन्ध है.
जैसे निफ्टी का ऊपर जाना हमें बताता है कि कोई कंपनी अच्छा लाभ कमा रही है और मुनाफा कर रही है. वेसे ही जब कंपनी अच्छा काम कर के अच्छा पैसा कमा रही होती है तो इसके पीछे देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छा काम रही होती है।
करेंगी उतना ही ज्यादा टैक्स आदि भारत की अर्थव्यवस्था में जोड़ा जायेगा जो की भारत की अर्थव्यवस्था को कहीं न कहीं मजबूत अवश्य बनाएगा.
NIFTY एक तरह से हमें कंपनी के शेयर्स के भाव में होने वाली तेजी और मंदी की तो जानकारी देता ही है इसके साथ साथ हमें पूरे बाजार की चाल क्या है यह भी समझाता है. अगर कोई बाजार की चाल को समझना चाहता है तो उसे NIFTY को समझना चाहिए.
NIFTY किस प्रकार बनता है?
NIFTY किस तरह बनता है या इस की गणना किस तरह की जाती है इससे तात्पर्य है उन 50 लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स की गणना करना . निफ्टी में जहां सिर्फ 50 कंपनियां लिस्टेड होती है वहीँ NSE में लगभग 6000 के आसपास Comapanies listed होती है. अब उन 6000 कंपनियों में से 50 सबसे बड़ी कंपनियों को निफ्टी में रखा जाता है जिससे बाजार की चाल का अनुमान लगाया जा सके.
NIFTY में लिस्टेड 50 कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा खरीदे अथवा बेचे जाते है. निफ्टी में लिस्टेड ये 50 कंपनियां अलग अलग सेक्टरों से चुनी हुयी होती है. ये अपने क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियां होती है. इनका Market Capitalization पूरे बाजार का लगभग 60% होता है।
जब भी इन कंपनियों के शेयर्स ज्यादा खरीदे जाने लगते है तो NIFTY ऊपर जाने लगता है और जब मंदी आती है तो निफ्टी वहीँ रुक जाता है या फिर नीचे आने लगता है.
निफ्टी में Listed 50 Companies को चुनने का index committee का होता है इस committee में बड़े बड़े अर्थशास्त्री आदि शामिल होते है.
सेंसेक्स क्या होता है?
What is Sensex in Hindi
अगर बात की जाये सेंसेक्स की तो सेंसेक्स मुंबई के शेयर बाज़ार यानि की BSE का सूचकांक (Index) है, और BSE का फुल फॉर्म बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज होता है. बता दूं कि Sensex – Sensitive Index से मिलकर बना है. हिंदी में Sensitive Index का अर्थ होता है संवेदी सूचकांक. सेंसेक्स हर दिन घटता बढता रहता है इसे पता चलता है कि देश की बड़ी बड़ी कंपनियों को फायदा हो रहा है या फिर नुकसान हो रहा है. बता दे की सेंसेक्स, मुंबई के शेयर बाजार में रजिस्टर्ड और मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी 30 कंपनियों को ही इंडेक्स करता है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 से हुई, और इसमें जो तीस कंपनियां शामिल होती है, वो भी बदलती रहती है. यह 30 कंपनी एक कमेटी के द्वारा चुनी जाती है, साथ ही आपको बता दूं कि 30 कंपनी इंडेक्स होने के कारण इसे BSE30 भी कहा जाता है.
NIFTY और सेंसेक्स में क्या अंतर है
निफ्टी और सेंसेक्स वेसे तो दोनों ही स्टॉक इंडेक्स यानी की संवेदी सूचकांक हैं. पर दोनों में कुछ अंतर है जो इन्हें एक दुसरे से अलग और एक को दुसरे से बेहतर बनाते है आइये जानते है क्या अंतर है सेंसेक्स और NIFTY में- निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है जबकि सेंसेक्स बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है.
जहाँ एक और BSE यानी की Bombay Stock Exchange के अंदर मात्र 30 कंपनियां ही listed (सूचीबद्ध) होती हैं वहीं NIFTY के अंतर्गत 50 कंपनियां listed होती है. इसलिए निफ्टी को शेयर बाजार के लिए ज्यादा विश्वासरुपी माना जाता रहा है. 50 कंपनियां 30 कंपनियों के मुक़ाबले में market capitalization का आंकलन बाजार की ज्यादा वास्तविक स्थिति दिखाने में कर पाएंगी. दोनों का काम वेसे एक ही है. दोनों ही सूचकांक है और दोनों का ही वास्तविक मकसद शेयर बाजार की स्थिति बताना होता है.
◆ बता दे की सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) का इंडेक्स है, और वही निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) का इंडेक्स हैं.
◆ सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, वही निफ्टी की शुरुआत 1994 को हुई.
◆ सेंसेक्स, इसमें 30 कंपनियां शामिल होती है, वही निफ्टी में 50 कंपनी होती हैं.
◆ इसके अलावा सेंसेक्स की बेस वैल्यू 100 है, वही निफ़्टी को बेस वैल्यू 1000 है.
NIFTY के फायदे
वेसे तो NIFTY के कई सारे फायदे है पर इनमे से कुछ प्रमुख फायदे जो आपकी जानकारी में होना आवश्यक है वो कुछ इस प्रकार है-
1. NSE किस प्रकार का काम कर रहा है NSE की performance के बारे में एक नजर में ही पता चल जाना.
2. बाजार में चल रही या फिर बाजार में होने वाली तेजी और मंदी की सूचना आसानी से मिल जाना. अगर NIFTY नीचे जाता है तो बाजार में मंदी आने वाली है. बाजार की चाल का सटीक अनुमान निफ्टी के माध्यम से लगाया जा सकता है.
3. NIFTY के माध्यम से हमें देश की अर्थव्यवस्था की जानकारी आसानी से मिल जाती है. हमें पता लग जाता है अगर बाजार में तेज़ी बानी हुयी है और निफ्ट ऊपर की तरफ जा रहा है तो इसका मतलब है की देश की अर्थव्यवस्था भी ऊपर की और जा रही है.