मुरादाबाद, 06 अक्टूबर: वाहनों के ई-चालान की रकम को अवैध तरीके से कम करने और डिलीट करने वाले गिरोह के दो हाईटेक ठगों को मुरादाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की मानें तो इन ठगों ने ई-चालन की वेबसाइट को हैक करके सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चुना लगाया है। इतना ही नहीं, इस गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 53 जिलों तक फैला हुआ है। पुलिस ने बताया कि जो लोग इनके पास अपना चालान भरवाने आते थे उन्हें ये लालच देकर ई-चालान पोर्टल को हैक करके उसमें भरे गए रुपयों को कम या डिलीट कर देते थे।
मुरादाबाद एसएसपी हेमंत कुटियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया, 'ट्रैफिक कार्यालय में तैनात अंकित ने मझोला थाने में एक तहरीर दी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जिसके बाद एसओजी टीम, साइबर सैल और मझोला पुलिस ने 05 अक्टूबर को टीपी नगर से शाने आलम और जावेद को गिरफ्तार किया था। दोनों अभियुक्तों के पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, दो एलसीडी, दो सीपीयू, पांच प्रिंटर, एक की-बोर्ड, मोहर बनाने की मशीन, छह क्यूआर कोड, एक नोटबुक रजिस्टर, 15 मोहरे, एक पेनड्राइव, चार भुगतान रशीद, आठ बैंक चैकबुक, 09 बैंक पासबुक और 09 डेबिट/क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए है।
एसएसपी ने बताया कि शाने आलम के भाई की ट्रांसपोर्टनगर में बास डीजल इंजीनियरिंग के नाम से दुकान थी। वह इसी दुकान पर बैठकर ई-चालान जमा करने का काम करने लगा। बताया कि वो मुरादाबाद ही नहीं अन्य जनपदों के भी आनलाइन ई-चालान जमा करने लगा था। एसएसपी की मानें तो इस गैंग के सदस्यों ने अभी तक करीब-करीब 15 लाख रुपये की हैकिंग करके सरकारी राजस्व को चूना लगाया है। हालांकि, राजस्व नुकसान का आंकड़ा और भी बड़ा हो सकता है। फिलहाल, इस गैंग के तीन सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाशी में जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
ऐसे मिला था ई-चालान पोर्टल का पासवर्ड
एसएसपी ने बताया कि शाने आलम एक बार कुशीनगर में ई-चालान जमा करने गया था, जहां पर चालान जमा करने वाले कर्मचारी ने अभियुक्त के सामने ही आईडी से वेबसाइट खोली थी। इस दौरान शाने आलम ने पासवर्ड देख लिया। इसके बाद उसने घर आकर अपने कंप्यूटर में आईडी खोली तो खुल गई। इसके बाद आरोपित ने ई-चालान डिलीट करने और उसकी धनराशि को कम करके जमा करने का खेल शुरू कर दिया। आरोपित ग्राहक से रुपये लेकर वेबसाइट हैक कर उनके चालान जमा दिखा देते थे।
ई-चालन पोर्टल पर ओटीपी का भी निकाल लिया हल
एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि शाने आलम ने चार से पांच महीने पहले ई-चालान वेबसाइट पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की व्यवस्था कर दी थी। शाने आलम ने बड़ी चालाकी से अपना एक मोबाइल नंबर जनपद की आईडी के साथ लगा दिया। जिससे आईडी खोलेने पर ओटीपी इस नंबर पर प्राप्त हो सके। इसके बाद किसी भी जनपद की पुलिस व न्यायालय के ई-चालान की धनराशि को कम करने या चालान डिलिट कर गैंग बनाकर अवैध धन अर्जित करता था।