‘UP की सड़कें 15 नवंबर तक हों गड्ढा मुक्त’, CM योगी का PWD को आदेश

 


सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया है. उन्होंने विभाग को 15 नवंबर तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने को कहा है.


लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी विकास का माध्यम है. पीएम मोदी के मार्गदर्शन में बीते 5 साल में इस पर काम हुआ है. आज सूदर गांवों में भी बेहतर सड़कों की कनेक्टिविटी है. उन्होंने कहा, सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए.

15 नवंबर तक पूरा किया जाए गड्ढामुक्ति का काम
सीएम योगी ने कहा कि बारिश का मौसम अंतिम चरण में है. ऐसे में सड़कों की मरम्मत और गड्ढामुक्ति का कार्य किया जा सकता है. पीडब्ल्यूडी, नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग, औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार करें. औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि मंडी क्षेत्रों में अच्छी सड़कों का होना आवश्यक है. इस पर विशेष ध्यान दिया जाए. गड्ढामुक्ति का यह अभियान 15 नवम्बर तक पूरा कर लिया जाना चाहिए. 




सड़क निर्माण के साथ मरम्मत भी जरूरी  - सीएम योगी

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, 'सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. समय-समय पर सड़कों की मरम्मत किया जाना भी जरूरी होता है. बरसात का मौसम अंतिम चरण में है. ऐसे में सड़कों की मरम्मत और गड्ढामुक्ति का कार्य किया जा सकता है. पीडब्ल्यूडी, नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग, औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार करें.  औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि मंडी क्षेत्रों में अच्छी सड़कों का होना जरूरी है. गड्ढामुक्ति का यह अभियान 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाना चाहिए.'

समय से पूरी हों सड़क परियोजनाएं-सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि कोई व्यक्ति गांव में रहता हो या फिर मेट्रो सिटी में, अच्छी सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी उसका अधिकार है. ऐसे में सड़क सिंगल लेन की हो अथवा दो, चार या छह लेन की, उसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क निर्माण की परियोजनाएं समय पर पूरी हों. समय-समय पर इनके गुणवत्ता की जांच की जाए। लापरवाही अथवा अधोमानक सड़कों के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ जवाबदेही तय की जाए. 


प्रदेश में आज हैं 6 एक्सप्रेस-वे
2017 से पहले तक मात्र 01 एक्सप्रेस-वे वाले प्रदेश में आज 06 एक्सप्रेस-वे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग भी 05 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं. बॉर्डर एरिया में शानदार कनेक्टिविटी है. भविष्य की जरूरत को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण की जरूरत है. ऐसे में मार्गों का चिन्हीकरण करते हुए इनके राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकरण व चौड़ीकरण के संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाना चाहिए. 

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