चूरन में मिले नकली नोट से कानपुर से उन्नाव पहुंचे बच्चे, मेला देखा, मस्ती किया, खोजने में 15 जिलों के पुलिस के छूटे पसीने , 16 घंटे बाद बरामद....जानिए
कानपुर (Kanpur) का जूही नगर इलाका. यहां के तीन बच्चे ईशा, रेहान और आयुष्मान. तीनों रविवार, 16 अक्टूबर को घर के पास खेल रहे थे. खेलते-खेलते तीनों ने घर के पड़ोस की एक दुकान से चूरन खरीदा और इसके कुछ देर बाद तीनों अचानक गायब हो गए. घरवालों ने पुलिस को खबर दी. 3 बच्चे एक साथ गायब, ये सुनकर पुलिस के हाथ-पैर फूल गए. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड और ज्वाइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी समेत सभी आला अधिकारी तुरंत जूही नगर जा पहुंचे. पूरे जिले में नाकाबंदी, पुलिस अलर्ट, खूब ढूंढा गया, पर बच्चे नहीं मिले. आखिरकार रात में ही कानपुर के आसपास के 15 जिलों में पुलिस को सूचना दे दी गई. काफी मशक्क्त के बाद बच्चे मिले पड़ोस के जिले उन्नाव में. पूछताछ हुई तो इस पूरी घटना के पीछे की वजह चूरन निकला, कैसे? आइये बताते हैं.
जूही मिलिट्री कैंप रेलवे कालोनी निवासी सगे भाई सर्वेश और प्रवेश के बेटे आयुष्मान उर्फ सूफियान (8) और रेहान (10) पास की कच्ची बस्ती निवासी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नीरज वाल्मिकी की बेटी ईशा(12) के साथ रविवार शाम करीब 5 बजे घर के बाहर से खेलते हुए लापता हो गए थे। विराट हत्याकांड से जूझ रही पुलिस ने इस मामले को और गम्भीरता से लिया। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। चार अलग अलग टीमों को टास्क सौंपे गए और बच्चों की तलाश शुरू हुई। बच्चों की फोटो के साथ मिसिंग का मैसेज बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कराया गया। साथ ही पुलिस कमिश्नर ने सूचना देने वाले को पांच हजार के इनाम की घोषणा भी की।
पुलिस ने बच्चों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था। जिसके बाद एक पान की दुकान करने वाले व्यक्ति की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच गई और तीनों बच्चों को बरामद कर लिया। बच्चों की सूचना देने वाले पान की दुकान करने वाले व्यक्ति को पुलिस कमिश्नर ने पांच हजार का इनाम दिया है।
बच्चों ने बताया कैसे पहुंचे उन्नाव?
आजतक से जुड़े रंजय सिंह के मुताबिक तीनों बच्चों के मिलने के बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ की. बच्चों ने बताया कि वे रामलीला देखने के लिए उन्नाव पहुंचे थे. पुलिस ने जब पूछा कि इतनी दूर कैसे पहुंचे तो बच्चों ने बताया कि उन्होंने जो चूरन ख़रीदा था, उसके पैकेट में 200 के कई नकली नोट मिले थे. वे नोट देखने में बिल्कुल असली लग रहे थे. जब उन्होंने एक टेंपो वाले को 200 रुपये का चूरन वाला नोट दिया, तो टेंपो वाले ने ले लिया. इसके बाद उन्होंने उन्नाव जाने की योजना बनाई, जहां इस समय रामलीला चल रहा है.
बच्चों ने आगे बताया कि इसके बाद वे टेंपो में बैठकर उन्नाव पहुंचे. मेले में चूरन वाले नोट से खूब खाया-पिया, सामान भी खरीदा और खूब मजे किए. तीनों बच्चों के मुताबिक किसी को जरा भी शक नहीं हुआ कि ये नोट नकली थे.