बस्ती: यूपी के बस्ती (Basti) में हर साल सरयू नदी (Saryu River) की बाढ़ (Flood) से सैकड़ों गरीब परिवार अपने घरों से विस्थापित होने को मजबूर होते हैं. कई दिनों तक उन्हें बंधे पर आकर शरण लेना पड़ता है. यहां पर बाढ़ की वजह से जिले में भारी तबाही देखने को मिलती है. इस बार भी भारी बारिश की वजह से सरयू नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है. बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है.
हर साल सरयू नदी में बाढ़ आने की वजह से भारी नुकसान देखने को मिलता है. यहां रहने वाले लोगों के खाने-पीने तक की दिक्कत हो जाती है. कई लोगों के तो घर भी सरयू के पानी में समा जाते हैं. उनके खेत और खलिहान में खड़ी फसलें बर्बाद हो जाती है. अपनी इस बिखरी हुई जिन्दगी को पटरी पर लाने के लिए उन्हें कई महीनों तक जद्दोजहद करनी पड़ती है.
लगातार हो रही वर्षा और शारदा,गिरिजा और सरयू बैराज से 7.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बस्ती में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पहले से ही खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर पहुंच चुकी नदी का जलस्तर के दो फीट तक बढ़ने की संभावना जताई गई है। इसे देखते हुए नदी और तटबंध के बीच बसे एक दर्जन गांवों में रहने वाले लोगों को गांव छोड़कर बाढ़ शरणालयों में जाने को कह दिया गया है। कटरिया-चांदपुर तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने से कई जगहों पर रिसाव शुरू हो गया है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन सोमवार को दोपहर में मुख्य विकास अधिकारी,एडीएम,एसडीएम और बाढ़ खंड के अधिकारियों के पहुंच गईं। तटबंधों की निगरानी तेज करने तथा बाढ़ शरणालयों में जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिले के इन गांवों घुसा बाढ़ का पानी
विक्रमजोत विकास खंड के माझाकिता अव्वल, मड़ना माझा, दलपतपुर, जरही, कुड़निया, सहजौरा पूरे दु:खी, अराजी भगला, चंदहा, पाही माफी, सरवरपुर, काशीपुर, अइलिया जुग्गाराम, चकिया, सलेमपुर, अराजीडूही, पिपरी संग्राम, बड़ागांव, अर्जुनपुर, नरसिंहपुर, लकड़ी पाण्डेय, लकड़ी दूबे, शम्भूपुर, बेतावा माझा, पकड़ी संग्राम, खेमराजपुर, कन्हईपुर व तटबंध विहीन गांव संदलपुर, चानपुर, पड़ाव, कल्यानपुर, भरथापुर गांव चारो तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गये हैं गांवों से निकलनें वाले मुख्य गार्ग पर पानी भर गया है और बाढ़ का पानी घरों में घुस रहा है।