यूपी पुलिस को पहली बार मिला अपना प्रतीक चिन्ह, डीजीपी डा. डीएस चौहान ने किया अनावरण,सभी पुलिसवाले अपनी वर्दी पर लगाएंगे प्रतीक चिह्न

 


यूपी पुलिस को पहली बार अपना प्रतीक चिन्ह मिल गया है। डीजीपी डा. डीएस चौहान ने इसे जारी किया है। इस प्रतीक चिन्ह को डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपनी वर्दी पर लगाएंगे। इसे वर्दी की शर्ट की दाहिनी जेब के ऊपर लगाया जाएगा



उत्तर प्रदेश पुलिस को पहली बार अपना एक नया प्रतीक चिन्ह मिला है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) देवेंद्र सिंह चौहान ने लोगो का अनावरण किया है. अब जल्द ही कांस्टेबल से लेकर डीजीपी स्तर तक के सभी रैंक अपनी वर्दी पर नया प्रतीक चिन्ह लगाएंगे. मंगलवार को जारी एक सरकारी बयान के मुताबिक, डीजीपी द्वारा गोमती नगर विस्तार स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश पुलिस के प्रतीक चिह्न का अनावरण और विमोचन किया गया.पुलिस की भाषा में प्रतीक चिन्ह को इनसिग्निया कहा जाता है।


यूपी पुलिस के प्रतीक चिन्ह में पुलिस कलर (नीले व लाल रंग) का उपयोग किया गया है और उसमें अशोक की लाट के नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। नीचे उत्तर प्रदेश पुलिस लिखा है और बीच में दो मछलियों की आकृति बनी हैं। अब डीजीपी से लेकर सिपाही तक पुलिस चिन्ह को वर्दी में दाहिनी ओर सीने पर नेमप्लेट के ऊपर धारण करेंगे। अभी पुलिस अधिकारी व कर्मी वर्दी में बाजू पर उत्तर प्रदेश शासन का चिन्ह धारण करते हैं। स्थापना के 159 वर्ष बाद मिला चिन्ह

यूपी पुलिस दुनिया में सबसे बड़ा पुलिस बल है, जिसमें लगभग 74 जिला पुलिस विभाग और 4 कमिश्नरेट हैं। पुलिस अधिनियम 1861 के तहत, सन् 1863 में संयुक्त प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक के कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था। आज यह 159 वर्ष पुराना है।

ऐसा दिखता है यूपी पुलिस का प्रतीक चिन्ह



उत्तर प्रदेश पुलिस बल की स्थापना के 159 वर्ष बाद उसे अपना प्रतीक चिन्ह मिला है। इसकी कल्पना इसी वर्ष पंद्रह अगस्त के अवसर पर की गई थी। वर्तमान में पंजाब, दिल्ली, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर व कुछ अन्य राज्यों की पुलिस के अपने प्रतीक चिन्ह हैं। डीजीपी मुख्यालय में आयोजित समारोह में प्रीतक चिन्ह का अनावरण किया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस भारत गणराज्य के सबसे पुराने पुलिस विभागों में से एक है और दुनिया में सबसे बड़ा पुलिस बल है। इसे पुलिस अधिनियम 1861 के तहत वर्ष 1863 में संयुक्त प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक के कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था, जो 159 वर्ष पुराना बल है।


नेहरू ने दिया था राष्ट्रपति का कलर

पुलिस कार्य के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 13 नवंबर, 1952 को यूपी पुलिस को राष्ट्रपति का कलर प्रदान किया था। यह गौरव हासिल करने वाला यूपी पुलिस देश का पहला पुलिस बल था। तभी से यूपी पुलिस का झंडा नीले व लाल रंग का है। प्रतीक चिन्ह बनवाने में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार व एडीजी यातायात अनुपम कुलश्रेष्ठ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रतीक चिन्ह को बनाने में फैशन डिजाइनर पूर्णिमा भिक्ता का भी सहयोग रहा। डीजीपी ने इन्हें लगाया पुलिस चिन्ह



समारोह में डीजीपी ने डीजी जेल आनन्द कुमार, डीजी एसएसआइटी रेणुका मिश्रा, डीजी होमगार्ड बीके मौर्य, डीजी पावर कारपोरेशन एनएन साबत, डीजी फायर सर्विस अविनाश चन्द्रा, डीजी प्रशिक्षण डा. संजय एम. तरडे, एडीजी अपराध एमके बशाल, एडीजी यातयात अनुपम कुलश्रेष्ठ, आइजी कानून-व्यवस्था डा. संजीव गुप्ता, एसपी यातायात एपी सिंह, एएसपी एसएसआइटी श्वेता श्रीवास्तव, पुलिस उपाधीक्षक महिला व बाल सुरक्षा संगठन सौम्या पांडेय, निरीक्षक निजी सुरक्षा अधिकरण सच्चिदानन्द राय, उपनिरीक्षक रेलवे नजर अब्बास, मुख्य आरक्षी यातायात निदेशालय शशांक बाबू शुक्ला तथा महिला आरक्षी एएनटीएफ पूजा कार्की को प्रतीक चिन्ह लगाया गया।

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