UP के लाल यश दयाल का हुआ टीम इंडिया में सिलेक्शन, बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में दिखाएंगे अपना दम
प्रयागराज :
यश दयाल ने इंडियन क्रिकेट टीम में अपना सलेक्शन होने पर बताया कि एक वह समय था जब मोहल्ले के लोग अपने बच्चों को मेरे साथ खेलने नहीं देते थे। मेरे मां-बाप से आकर शिकायत करते थे कि तुम्हारा बच्चा खुद तो बर्बाद हो ही रहा है मेरे बच्चों को भी अपने साथ खराब कर रहा है। आज के दिन है वही लोग अपने बच्चों को मेरे पास कुछ सीखने के लिए भेज रहे हैं। मैं उनकी प्रेरणा हूं।
इससे यह सीख मिलती है कि जब आप किसी बड़े लक्ष्य का पीछा करने निकलते हैं तो शुरुआती आलोचनाओं से हमें घबराना नहीं है। बस, ईमानदारी से सही दिशा में हमें मेहनत करनी है। एक दिन आएगा जब आपका समय आएगा और वही लोग आपकी तारीफ करने से नहीं रोक पांएंगे।
आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद अब प्रयागराज के यश दयाल भारतीय टीम के साथ जुड़ गए हैं. बता दें कि सोमवार को बीसीसीआई की ओर से बांग्लादेश दौरे के लिए घोषित रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम में प्रयागराज के यश दयाल को भी जगह मिली है. यश दयाल के भारतीय टीम में शामिल होने की जानकारी मिलने पर उनके प्रयागराज के कर्बला स्थित घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया. बीती देर शाम यश दिल्ली से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए थे. वह 24 अक्टूबर को प्रयागराज आए थे और 26 अक्टूबर के बाद दिल्ली को चले गए थे.
भारतीय क्रिकेट टीम अगले महीने यानी दिसंबर 2022 में बांग्लादेश का दौरा करेगी. बांग्लादेश दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है. टीम इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों का वनडे सीरीज खेलेगी. वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया है. उत्तरप्रदेश के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल को पहली बार टीम इंडिया में मौका दिया गया है. यश दयाल ने अपने पहले ही आईपीएल में हार्दिक पांडया की कप्तानी में खेलते हुए गुजरात टाइटन्स की ओर से बेहतरीन प्रदर्शन किया था. इसके अलावा उनका घरेलू श्रृखंला में भी प्रदर्शन काफी दमदार रहा था. जिसका इनाम उनको मिला है.
आपको बता दें कि साल 2000 में मोहम्मद कैफ के बाद प्रयागराज का कोई भी खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल नहीं हुआ था और अब यश को यह सफलता मिली है. यश दयाल के भारतीय टीम में शामिल होने के बाद उनके घर पर 'दीपावली एक बार फिर मनाई गई.'
आईपीएल में किया था शानदार प्रदर्शन
बता दें कि यश दयाल का अभी युवा करियर है. उन्होंने काफी कम मैच में ही दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर खिंचने में कामयाब हो गए थे. यश दयाल को पहली बार गुजरात टाइटंस ने तीन करोड़ बीस लाख की बोली लगाकर टीम में शामिल किया था. इसके साथ ही पहली बार ही गुजरात टाइटंस ने आईपीएल में शिरकत की. आईपीएल के 9 मैचों में यश दयाल ने 11 विकेट चटकाए तो वहीं फाइनल मैच में 3 ओवर में 18 रन देकर 1 विकेट झटके. गुजरात टाइटंस के फाइनल में मिली जीत में यश दयाल का भी बेहद अहम योगदान रहा.
टैलेंट के बाद भी बहुत से खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाते
यस दयाल का कहना है कि सरकार अपनी तरफ से बेहतर करने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमें इंडिविजुअल लेवल पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना होगा। मैं मानता हूं कि संसाधनों की कमी है, लेकिन उस कमी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है।
सबसे मूल बात है फिटनेस मजबूत विल पावर और कड़ी मेहनत। अगर यह तीनों चीजें आपके पास है तो संसाधनों की कमी आप का रास्ता कभी नहीं रोक पाएगी। इन्हीं संसाधनों से आप एक दिन देश के लिए भी खेल सकते हैं। मैं इसका आपके सामने उदाहरण हूं।
जानिए कौन हैं यश दयाल?
संक्षिप्त परिचय
- पूरा नाम- यश चंद्रपाल दयाल
- जन्म- 13 दिसंबर 1997।
- उम्र- 25 साल।
- जन्मस्थान-- इलाहाबाद
- गेंदबाजी का तरीका- बाएं हाथ से मध्यम तेज गेंदबाज हैं।
- बल्लेबाजी- बाएं हाथ से।
प्रयागराज के रहने यश दयाल लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर हैं. यश दयाल उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए 142 किमी की रफ्तार से गेंदे फेंक कर सनसनी फैलाई थी. यश का जन्म प्रयागराज के करबला में 13 दिसंबर 1997 को हुआ. यश के पिता चंद्रपाल दयाल भी क्रिकेटर रहे हैं. यश दयाल बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करते हैं. उनकी स्विंग के साथ तेजी से अंदर आती गेंदे अक्सर मैचों का रुख मोड़ती नजर आती हैं. यस दयाल की पिता चंद्रपाल दयाल भी क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन धन के अभाव में वह अपना सपना पूरा नहीं कर सके। इसके बाद अपने सपने को चंद्रपाल दयाल अपने बेटे यश में देखने लगे। उसे सफल बनाकर वह अपना सपना पूरा करना चाहते थे।
यही कारण था कि चंदपाल दयाल ने अपने बेटे यश दयाल को 5 साल की उम्र में ही क्रिकेट सिखाना शुरू कर दिया था।
यश ने 15 साल की उम्र में मदन मोहन मालवीय क्रिकेट एकेडमी इलाहाबाद से क्रिकेट सीखने की शुरुआत की। हर्षल अंडर-19 में एक्स्ट्रा बॉलर के रूप में टीम का हिस्सा बने लेकिन एक भी मैच में भी खेलने का मौका नहीं मिला। यह दयाल निराश नहीं हुए। लगे रहे। कड़ी मेहनत की और अंडर 23 में खेलने का मौका मिल गया।
यश की जिंदगी में उस समय बड़ा बदलाव आया जब उनका सिलेक्शन रणजी ट्रॉफी में हुआ। यश दयाल ने मध्यप्रदेश के खिलाफ खेलते हुए रणजी ट्रॉफी में 8 विकेट चटकाए। इस मैच के बाद क्रिकेट की दुनिया में यश दयाल की गेंदबाजी की चर्चा होने लगी।
भाग मिल्खा भाग से मिली जूझने की प्रेरणा
साइकोलॉजी से हैं बैचलर
यश दयाल ने एक इंटर्व्यू में बाताया था कि उनका आइडियल क्रिकेटर भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान हैं. फिल्मों में वह सबसे ज्यादा ऋतिक रोशन को पसंद करते हैं. हीरोइनों में वह दिशा पाटनी के बड़े प्रशंसक हैं. उन्होंने साइकोलॉजी में बैचलर डिग्री ली हुई है. इसका उन्हें क्रिकेट के मैदान में भी खूब फायदा मिलता है.