पुलिस विभाग में जब किसी सिपाही की भर्ती होती है, तो उसे बंदूक चलाना सिखाया ही जाता है. हर पुलिसकर्मी को बंदूक चलाना आता ही आता है. मगर, तब क्या हो जब एसआई स्तर के पुलिसकर्मी को यह भी पता नहीं हो कि बंदूक में गोली कहां से डाली जाती है.
संतकबीरनगर: योगी की पुलिस आपात स्थिति से निपटने में कितना सक्षम है, इसका नायाब उदाहरण बस्ती मंडल के संत कबीर नगर से सामने आई है. यह घटना उस समय की है, जब 27 दिसंबर को बस्ती (Basti) मंडल के डीआईजी आरके भारद्वाज (DIG RK Bhardwaj) संत कबीर नगर में थानों का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को पिस्टल, टीयर गन जैसे हथियार ऑपरेट करके दिखाने को कहा, जिन्हें पुलिस (UP POlice) वालों को कभी भी इस्तेमाल करना पड़ सकता है.
नजारा देख डीआईजी के भी छूटे पसीने
इसके बाद डीआईजी साहब ने अपनी आंखों से देखा कि कोतवाली खलीलाबाद में निरीक्षण के दौरान खलीलाबाद कोतवाली के अंतर्गत आने वाली चौकी के इंचार्ज को टीयर गन ऑपरेट कर दिखाने को कहा गया. मगर, काफी देर मशक्कत करने के बाद भी चौकी इंचार्ज टीयर गन ऑपरेट नहीं कर पाए.
एसआई अपनी पिस्टल में गोली तक नहीं डाल पाया। वह पिस्टल को खोलने में असमर्थ दिखा. चौंकाने वाली बात यह है कि चौकी इंचार्ज टीयर गन को चलाने में असमर्थ रहा. बार-बार कोशिश करने के बावजूद आईजी के सामने वो पिस्टल नहीं खोल पाया. SI को यह नहीं पता था कि राइफल में गोली कहां से डाली जाती है. SI ने DIG के सामने बंदूक की नली में गोली डाली और फायर करने की कोशिश की. इसे देखकर DIG खुद दंग रह गए. SI के पास खड़े दूसरे पुलिस वाले भी हैरान रह गए. उन्होंने संत कबीर नगर पुलिस को जरूरी निर्देश देते हुए कहा कि सभी को नियमित प्रैक्टिस कराए जाएं. ताकि जरूरत पड़ने पर स्थिति को संभाल सकें.
आपात स्थिति में जा सकती है जान
दरअसल, संत कबीर नगर पुलिस को डीआईजी ने हथियार ऑपरेट करके दिखाने को इसलिए कहा गया था कि वो यह देख सकें कि यूपी पुलिस के जवान आपात स्थिति में अपराधियों का सामना करने के लिए तैयार हैं या नहीं. पुलिस डिपार्टमेंट के जूनियर और सीनियर पुलिसकर्मियों की इस हालत पर DIG भारद्वाज ने कहा -जवान पिस्टल ओपन नहीं कर पा रहे हैं. जाहिर है कि आपात स्थिति में इनकी जान भी जा सकती है.
डीआईजी बोले - खामियों को करेंगे दूर
इस घटना के बाद डीआईजी ने कहा कि जो भी खामियां मिली हैं, वो खामियां कहीं न कहीं ट्रेनिंग या रिहर्सल न होने का नतीजा है. हम लोग ये प्रैक्टिस उन परिस्थिति के लिए करते हैं, जो भविष्य में कभी भी हो सकती हैं. जो कमी आई है, उसे प्रॉपर ट्रेनिंग से पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को कड़ा प्रशिक्षण दिए जाने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही कहा कि सभी को इमरजेंसी स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. सभी जवान लगातार प्रैक्टिस करते रहें.
बता दें कि जब जवान अपने पास रखी पिस्टल को ओपन नहीं कर सकता है तो जाहिर सी बात है की आपात स्थिति में अपनी जान गवा बैठेगा. जब बंदूक में गोली उसे खोलने के बाद अंदर के रास्ते से पड़ती है तो नली के रास्ते से गोली डालने का क्या मतलब? यूपी पुलिस के जवानों की ऐसी हरकत को देखकर तो आश्चर्य होता है-