रेलवे की लापरवाही से खिड़की के पास बैठे युवक की चली गई जान;जानिए क्या है पूरा मामला
कहते हैं कि जिंदगी मौत का कोई भरोसा नहीं है। यह बात फिर एक बार सच साबित हुई है। ट्रेन के अंदर बैठे-बैठे एक इंसान की जान चली गई। यह मौत सरिया के तौर पर खिड़की से आई। खिड़की के पास बैठे शख्स के गर्दन के यह आर-पार हो गई। पलक झपकते सबकुछ खत्म हो गया।
अलीगढ़-रेलवे की लापरवाही से एक बड़ा हादसा हो गया. कोच में सीट पर बैठे यात्री की गर्दन से होकर लोहे की रॉड आर-पार हो गई. जिसके बाद मौके पर ही यात्री की मौत हो गई. इस दर्दनाक है घटना ने यात्रियों को झकझोर कर रख दिया.
अलीगढ़ से गुजर रही नीलांचल एक्सप्रेस में सवार एक यात्री अपनी सीट पर बैठा था, तभी अचानक खिड़की को तोड़ते हुए एक रॉड उसकी गर्दन से होते हुए सिर के पिछले हिस्से से निकल गई. इस दुखद हादसे के कारण शख्स ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. रेलवे के मुताबिक नीलांचल एक्सप्रेस के कोच में सीट पर बैठे यात्री की गर्दन से होकर लोहे की रॉड आर-पार हो गई. रॉड इतनी तेजी से घुसी थी कि इसका दूसरा हिस्सा कंपार्टमेंट की दीवार को पार कर गया और दूसरी ओर बैठा शख्स भी बाल-बाल बच गया. अचानक हुए इस हादसे को देख कोच में अफरा-तफरी मच गई. पास बैठे लोग भी भौंचक्के रह गए.
घटना कैसे हुई इसको लेकर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि हादसे में जो रॉड शख्स के शरीर के आर-पार निकल गई वो एक सब्बल है, जो कि पटरी पर पड़ा हुआ था. जब ट्रेन तेज रफ्तार में उसके ऊपर से गुजरी तो वो उछला और तेजी से शख्स की गर्दन में घुसते हुए सिर से बाहर निकल गया. हादसे में जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसकी पहचान सुल्तानपुर के रहने वाले हरिकेश दुबे के तौर पर हुई है. जो कि सुल्तानपुर जा रहा था.
ये हादसा अलीगढ़ के सोमना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर नीलांचल एक्सप्रेस गाड़ी के साथ हुआ. हादसे के समय हरिकेश सेकंड कोच की सीट नंबर 15 पर बैठकर यात्रा कर रहा था. जैसे ही घटना की जानकारी मिली वैसे ही आरपीएफ,सीआरपीएफ और रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. आरपीएफ सीओ केपी सिंह का कहना है कि आज अलीगढ़ स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर नीलांचल एक्सप्रेस करीब 9:30 बजे आई थी.
सूचना मिली कि अगले जनरल कोच में किसी यात्री को चोट लग गई है. इस सूचना पर आरपीएफ और जीआरपी के साथ सारे रेलवे के कर्मचारी वहां पहुंचे. देखा गया कि जो सेकंड कोच था इंजन के बाद उसके सीट नंबर 15 पर एक यात्री उसके बाईं तरफ से एक रोड घुसी थी, जो दाहिने साइड होकर निकल गई थी. जिससे उसकी ऑन स्पॉट डेथ हो गई थी. मौके पर जीआरपी के द्वारा शव को उतरा गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है विधिक कार्यवाही की जा रही है. आगे इसकी पूरी जानकारी की जा रही है.
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर ने अलीगढ़ की घटना पर जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना लगभग 9:30 बजे की है जब नीलांचल एक्सप्रेस सोमनाथ स्टेशन से गुजर रही थी तभी एक लोहे की रॉड अचानक ट्रेन का शीशा तोड़ते हुए अंदर घुस गई इस दौरान एक यात्री सीट पर बैठे हुए थे उनकी गर्दन से पार हो गई जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई अन्य यात्रियों द्वारा घटना की जानकारी आरपीएफ और जीआरपी पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची जीआरपी और आरपीएफ पुलिस ने अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर मृतक का शव उतार लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुट गई है.
सिर्फ संयोग या लापरवाही?
तो क्या यह मान लेना काफी है कि यह सिर्फ एक दुखद संयोग था? नहीं। यह पूरी तरह से रेलवे की लापरवाही का मामला है। अगर रेलवे ट्रैक का काम चल भी रहा था तो क्यों ऐसे इंतजाम नहीं किए गए कि कोई हादसा हो जाए। हरिकेश की जगह वो कोई भी दूसरा शख्स हो सकता था। यह नीलांचल एक्सप्रेस की जगह और कोई भी हो सकती थी। ऐसा कहना पल्ला झाड़ लेने जैसा होगा।
हरिकेश की उम्र बहुत ज्यादा नहीं थी। वह न जाने भविष्य में क्या कुछ करते। हरिकेश हमारे या आपके परिवार का कोई लड़का हो सकता था। रेलवे को इस हादसे की तुरंत जिम्मेदारी लेते हुए उनके परिवार के लिए मुआवजे का ऐलान करना चाहिए। तुरंत इस मामले की जांच की जानी चाहिए। साथ ही बंदोबस्त किए जाने चाहिए कि आगे कभी ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति नहीं हो।