HC के निकाय चुनाव वाले फैसले पर बोले CM योगी- OBC आरक्षण देंगे, फिर चुनाव कराएंगे,जरूरत पड़ी तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
निकाय चुनाव में आरक्षण खत्म करने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा ने आज पिछड़ों का हक छीना है कल दलितों का हक छीन लेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म रद्द किए जाने के फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़ों का हक दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
वहीं, सपा ने भाजपा पर कोर्ट में कमजोर पैरवी करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान जारी कर कहा है कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही निकाय चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी।
सरकार ने पिछड़ों का हक मारने के लिए जानबूझकर गलत आरक्षण कराया : संजय सिंह
नगर निकाय चुनाव कराने को लेकर हाईकोर्ट के फैसल आने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) केप्रदेश प्रभारी और सांसद संजय सिंह ने सरकार पर जानबूझकर गलत आरक्षण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा दलितों, पिछड़ों और शोषित वर्ग की विरोधी है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि बिना पिछड़ों को बगैर आरक्षण दिए चुनाव कराती है तो आप आंदोलन करेगी। आप सांसद ने कहा कि जब आयोग का गठन करके आरक्षण दिया जाना था तो सरकार ने आयोग का क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा पिछड़ों का हक क्यों मार रही है। सरकार पहले नौकरी में आरक्षण छीना और अब चुनाव में आरक्षण छीन रही है।
यूपी के मंत्री बोले- बिना आरक्षण निकाय चुनाव ठीक नहीं
अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव किसी भी दृष्टि से उचित नहीं हैं। हम इस संदर्भ में लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो अपना दल (एस) ओबीसी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले पर ट्वीट कर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्रवीट कर कहा कि आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है।
आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक छीना है। कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। उन्होंने आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछड़ों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील की है। अखिलेश यादव ने कहा है कि आरक्षण बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। मायावती ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह फैसला भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता को दिखाता है।
मायावती बोलीं, भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता को दिखाने वाला फैसला
मायावती ने बयान दिया है कि यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जाना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा।
HC ने 87 पेज का ऑर्डर दिया
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ओबीसी आरक्षण को रद्द करते हुए जल्दी चुनाव कराने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो, तब तक ओबीसी आरक्षण नहीं होगा, सरकार या निर्वाचन आयोग बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवा सकता है. जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण से जुड़ी कुल 93 पिटीशन के सुनवाई करने के बाद 87 पेज में अपना आर्डर दिया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने 87 पेज के फैसले में साफ कहा है कि सरकार ने 5 दिसंबर को निकाय चुनाव को लेकर जो आरक्षण सूची जारी की, उसे रद्द की जाती है और 12 दिसंबर को सरकार के द्वारा जो प्रशासक नियुक्त किए गए थे, उसे भी रद्द किया जाता है. यानी यूपी सरकार के दो फैसलों पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.