भारत के 30 से ज्यादा पहलवानों ने बुधवार के दिन दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इस आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया।
बुधवार सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन तीन दिन तक चला शुक्रवार रात पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बात की और बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई।
बृज भूषण शरण सिंह कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं। वे 2011 से इस पद पर बने हुए हैं। छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने गोंडा, कैसरगंज और बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के निवासी बृजभूषण सिंह युवावस्था के दौरान पहलवान रह चुके हैं। वे 1980 के दशक में छात्र राजनीति में शामिल हुए। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय उनकी उग्र ‘हिंदुत्व छवि’ ने अलग पहचान दिलाई।
1991 में पहली बार लड़ा था चुनाव
बृजभूषण शरण सिंह ने पहली बार 1991 में चुनाव लड़ा और 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कैसरगंज सीट से जीत हासिल की। उस दौरान वे समाजवादी पार्टी में थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण शरण सिंह भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद 2014 और 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा के लिए चुने गए।
बृजभूषण शरण सिंह बाबरी विध्वंस मामले के अभियुक्तों में से एक थे जिन्हें बाद में अदालत ने बरी कर दिया था। उनका नाम उन 40 नेताओं की सूची में भी था जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे। इस लिस्ट में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी नाम शामिल था, जिन्हें 2020 में बरी कर दिया गया था।
राज ठाकरे को सबक सिखाने की भी दी थी धमकी
अपनी अलग शैली और अपनी मुखर बयानबाजी के लिए जाने जाने वाले सिंह ने लगभग एक दशक से महासंघ पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। बता दें कि जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे की भाजपा से नजदीकी बढ़ रही थी तब बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में प्रवेश करने पर राज ठाकरे को सबक सिखाने की धमकी दी थी।
वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए 66 साल के सिंह ने कहा, “यौन उत्पीड़न के सभी आरोप झूठे हैं, और अगर वे सही पाए गए तो मैं फांसी लगा लूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने बजरंग पुनिया सहित पहलवानों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।