बस्ती।उत्तर प्रदेश में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने बड़ा सियासी दांव खेला है। इस दांव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को बड़ा झटका दिया है, क्योंकि सपा के कद्दावर नेता ने सुभासपा का दामन थाम लिया है, जो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए एक बड़े विकेट के गिरने के रूप में देखा जा रहा है।
राजभर ने तीन बार के विधायक और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता राम ललित चौधरी (Ram Lalit Chaudhary) को अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई। पूर्व विधायक राम ललित चौधरी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ सुभासपा का दामन थाम लिया। सुभासपा में शामिल होने के साथ ही ओपी राजभर ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी और चौधरी को पार्टी का उपाध्यक्ष घोषित कर दिया।
सुभासपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने पूर्व विधायक राम ललित चौधरी को शनिवार को पार्टी की सदस्यता दिलाई। रोडवेज स्थित एक निजी हाल में आयोजित कार्यक्रम में राम ललित ने कई कार्यकर्ताओं के साथ सुभासपा का दामन थामा। वे तीन बार सपा से विधायक रह चुके हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किया है। ओपी राजभर ने कहा कि लोकसभा का चुनाव गठबंधन के साथ मिलकर लड़ा जाएगा। राम ललित के पार्टी में आने से सुभासपा जिले में अधिक मजूबत होगी। कार्यकर्ता लोगों के बीच में जाएं और पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार करें।
रामललित चौधरी ने बताया कि वे 1989 में राम नगर (अब रुधौली विधानसभा) से विधायक रहे। 1991 में हुए उप चुनाव में यहीं से दोबारा विधायक चुने गए। 1996 में यहीं से तीसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने बताया कि अब सपा पहले जैसी नहीं रही। पुराने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का पार्टी नेतृत्व लंबे समय से अनदेखा कर रहा है। इससे वे उपेक्षित महसूस कर रहे थे।
इस दौरान महादेवा विधायक दूधराम, राष्ट्रीय सचिव विनोद राजभर, बृजभूषण मिश्रा, अमन राजभर, रामानंद बौद्ध, राधिका पटेल, राहुल निषाद, फूलचंद श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।