उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक-दो नहीं एक साथ पूरे चार टॉयलेट सीट बैठा दी गई। इससे पहले भी यूपी के बस्ती जिले में एक साथ दो टॉयलेट सीट बैठाने का मामला सामने आ चुका है। वहीं, अब इस पर अधिकारी कह रहे हैं कि शासन से इस डिजाइन के लिए आदेश आया था। बस्ती जिले के रूधौली ब्लॉक के धंसा गांव में जिला पंचायत राज विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। समुदाय शौचालय में एक साथ चार सीट लगा दी गई है। इस से पहले कूदरहा ब्लॉक में भी डबल पॉट का शौचालय चर्चा का विषय बना था। वहां पर भी एक रूम में ही दो शौचालय बनाकर नायाब अजूबा दिखाया था और अब एक और नया कारनामा सामने आया है।
विकास खंड रुधौली में अजीबोगरीब सामुदायिक शौचालय देखने को मिला है। ग्राम पंचायत धंसा में सामुदायिक शौचालय लगभग पूरी तरीके से बनकर तैयार है। लेकिन स्थानीय लोगों इसके बाहर काफी गंदगी फैला रखा है, यहां से गुजरने वालों को मजबूर होकर नाक मुंह बंद कर लेना पड़ता है। मीडिया कर्मियों की पड़ताल में पाया गया कि सामुदायिक शौचालय के अंदर बिना फाटक व बिना पार्टीशन के एक कमरे में 4 सीट देखा रखी गयी है। स्थानीय लोगों से पता चला कि सामुदायिक शौचालय बने कई माह हो गया लेकिन केयरटेकर को हैंड ओवर नहीं किया गया है।
एक कमरे में 4 सीट लगाये जाने के सवाल पर एडीओ पंचायत शैलेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों के लिए दो से 3 सीट का शौचालय बनाने का स्टीमेट तय हुआ था, जिससे बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना ना हो। आधा फाटक लगाने को निर्देशित किया गया था। एडीओ पंचायत से शौचालय का नक्शा मांगा गया तो आज छुट्टी का हवाला देते हुए कल पर टाल गये। इस मामले में उप जिलाधिकारी आनंद श्रीनेत से पूछताछ की गई तो वे हकीकत जानने मौके पर पहुंच गये।
BDO के समक्ष नाराजगी जाहिर की और तत्काल इस संदर्भ में शासनादेश तलब किया। उन्होने सामुदायिक शौचालय को दुरूस्त करने को कहा। ग्राम प्रधान से पूछा गया तो उन्होने बताया पूर्व में ग्राम पंचायत अधिकारी ने जैसा कहा था वैसा हमने बनवाया है। उप जिलाधिकारी आनंद श्रीनेत ने सामुदायिक शौचालय चालू कराने को कहा है। उपरोक्त मामले में शासनादेश का अवलोकन कर कार्यवाही की बात कही है। आपको बताते चलें इससे बस्ती जिले के विकासखंड कुदरहा की ग्राम पंचायत गौराधुँधा में एक ही कमरे में 2 सीट लगवाने पर डीपीआरओ ने वर्तमान सचिव पूनम श्रीवास्तव व डीडीओ ने पूर्व सचिव नीरज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
सुनिए क्या बोले अफसर
वहीं, सीडीओ राजेश प्रजापति ने बताया कि चार सीट वाले शौचालय पर कहा कि शासन की एक डिजाइन आई थी, जिसमे छोटे बच्चों के लिए ओपन टॉयलेट की व्यवस्था की गई थी। जिले में 39 शौचालय बने हैं। अगर जांच में कमी पाई जाती है तो लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्या शौचालय डिजाइन और मानक के अनुसार बने हैं, इसकी जांच डीपीआरओ को सौंपी गई है।