WFI Controversy: कुश्ती महासंघ का कामकाज देखने के लिए सरकार ने बनाई ओवरसाइट समिति, मैरी कॉम होंगी प्रमुख



 कुश्ती संघ का कामकाज देखने के लिए सरकार ने बनाई कमेटी, मेरी कॉम होंगी अध्यक्ष

कोर्ट पहुंचा कुश्ती का दंगल, बृजभूषण शरण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को दी गई चुनौती



नई दिल्ली|अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में मेडल जीत कर देश का नाम ऊंचा करने वाले पहलवान जिस तरह से राजधानी के जंतर-मंतर में धरने पर बैठे हैं, वह हमारे देश में खेल प्रबंधन पर बेहद कड़वी टिप्पणी है। वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में मेडल जीत चुकी पहलवान विनेश फोगाट और उनके साथ खड़े साथी पहलवानों का यह आरोप बहुत गंभीर है कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष समेत कई कोच महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण करते हैं। ध्यान रहे, भारतीय खेल जगत में ऐसे आरोप पहली बार नहीं लगाए जा रहे। बास्केटबॉल, टेनिस, हॉकी, एथलेटिक्स में करियर बनाने की कोशिश कर रही कई महिला खिलाड़ियों ने समय-समय पर ऐसी शिकायतें की हैं। ऐसे में कुश्ती संघ के ताजा मामले को हलके में नहीं लिया जा सकता।

वैसे, WFI के अध्यक्ष ने इन आरोपों को गलत बताया है। सच यह भी है कि मामले की जांच होने तक किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन यह कैसे और क्यों हुआ कि इन तमाम खिलाड़ियों को फेडरेशन के अंदर या खेल मंत्रालय के बनाए ढांचे में कहीं भी अपनी बात पर सुनवाई का भरोसा नहीं हुआ और वे अपनी मांगों के साथ जंतर-मंतर पर धरना देने को मजबूर हो गए? खेल मंत्रालय से गुरुवार को इन खिलाड़ियों की बातचीत का पहला दौर बेनतीजा रहा है। ये खिलाड़ी फेडरेशन को पूरी तरह भंग करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।



जहां तक इन विक्टिम को आगे करके पुलिस में मामला दर्ज कराने और कानूनी प्रक्रिया से मुजरिम को सजा दिलाने की बात है तो ये खिलाड़ी कह रहे हैं कि जरूरत पड़ी तो यह रास्ता भी अख्तियार किया जाएगा। हालांकि, वह रास्ता काफी लंबा और पेचीदा है। इस दौरान कई खिलाड़ियों का करियर भी खत्म हो जाने का खतरा है। लेकिन आरोपों के दबाव में कुछ लोगों को पद से हटा देने या उनसे इस्तीफा दिलवा देने से यह साफ नहीं होगा कि आरोपों में सचमुच सचाई थी या नहीं। उस स्थिति में दोनों पक्ष खुद के सही होने का दावा करते रहेंगे। चूंकि देश और दुनिया के तमाम लोगों की नजर इस मामले पर लगी है, इसलिए थोड़ा वक्त भले लगे, लेकिन दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए। इसके साथ ही यह देखना भी जरूरी है कि समय-समय पर खेल जगत से ऐसे आरोप क्यों लगते रहते हैं। ऐसा न हो और देश की बेटियां सुरक्षित महसूस करते हुए खेल में करियर बनाएं यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न फेडरेशनों के अंदर विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवारण का एक स्थायी और कारगर तंत्र बनाने पर भी गंभीरता से विचार होना चाहिए।


कुश्ती का दंगल अब कोर्ट पहुंच गया है. भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाने वाले पहलवानों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. बताया जा रहा है कि यह याचिका बृजभूषण सिंह के आधिकारिक आवास पर कुक की ओर से दाखिल की गई है. हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि उनके या उनके किसी सहयोगी द्वारा इस तरह की कोई याचिका दाखिल नहीं की गई. याचिका में पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को भी चुनौती दी गई है. 


दरअसल, पिछले हफ्ते बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत 30 से ज्यादा पहलवान जंतर मंतर पर धरना देने बैठे थे. पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर यौन उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे. पहलवानों का आरोप था कि महासंघ नए नियमों की आड़ में खिलाड़ियों का उत्पीड़न कर रहा है. पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने और बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग की थी. इस मामले में खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से जवाब मांगा था. 


क्या कहा गया है याचिका में?


दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी की ओर से दाखिल की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि पहलवानों ने न्याय का मजाक बनाकर यौन उत्पीड़न कानूनों का पूरी तरह से दुरूपयोग किया. अगर किसी खिलाड़ी का यौन उत्पीड़न हुआ, तो उन्हें कानून या कोर्ट के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए. 

कुश्ती महासंघ का कामकाज देखने के लिए सरकार ने बनाई ओवरसाइट समिति, मैरी कॉम होंगी प्रमुख

खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने के बाद एक ओवरसाइट समिति बनाई है। यह समिति कुश्ती महासंघ के कामकाज को देखेगी। इसकी प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम होंगी। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि WFI के अध्यक्ष अपने पद पर काम नहीं करेंगे। हम विश्व चैंपियन मैरी कॉम की अध्यक्षता में ओवरसाइट कमेटी बना रहे हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कृत तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन, राधा श्रीमन इसके सदस्य होंगे।

इससे पहले मैरी कॉम को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी अपनी जांच समिति का प्रमुख बनाया था। आईओए सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। आईओए पदाधिकारियों ने पहलवानों के आरोपों को गंभीर मानते हुए सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया, जिसमें मैरी कॉम को समिति का चेयरपर्सन चुना गया था।


क्या है पूरा मामला?

भारत के 30 से ज्यादा पहलवानों ने बुधवार के दिन दिल्ली के जंतर-मंतर में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बृजभूषण ने इस आरोपों को सिरे से खारिज किया और पहलवानों पर आरोप लगा दिए। बृजभूषण के आरोपों का पहलवानों पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच खेल मंत्रालय और कुश्ती संघ ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। पहलवान अपनी मांग पर अड़े रहे। अंत में पहलवानों के सामने बृजभूषण के दांव पेंच कमजोर पड़ गए और उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया।


बुधवार सुबह शुरू हुआ प्रदर्शन तीन दिन तक चला शुक्रवार रात पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बात की और बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई।

theviralnews.info

Check out latest viral news buzzing on all over internet from across the world. You can read viral stories on theviralnews.info which may give you thrills, information and knowledge.

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form