उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सहजनवां के सहबाजगंज में घर की चहारदिवारी के भीतर हुए तिहरे हत्याकांड से पहले यहां रिश्तों का कत्ल हुआ। आरोप है कि अवधेश सौतेली बेटी पर बुरी नजर रखता था। उधर, अवधेश की मां का कहना है कि नीलम को उसके दोनों सौतेले बेटे खटकते थे।
वह अक्सर बेटी के हिस्से को लेकर बात करती थी। नीलम ने स्वीकार भी किया कि पति को मारने के बाद उसने संपत्ति के लालच में आकर ही दोनों मासूमों को मौत के घाट उतारा। नीलम ने तिहरे हत्याकांड के पीछे भले ही अपनी 12 साल की बेटी की इज्जत को पहली वजह बताया हो, लेकिन घरवालों का कहना है कि वह बेहद लालची किस्म की महिला है। उसकी नजर पहले दिन से ही सिर्फ संपत्ति पर थी। पति से पहली पत्नी के गहने और पांच लाख रुपये मांग रही थी। इसी विवाद में पति घर छोड़कर चला गया था। तब नीलम ने गुमशुदगी भी दर्ज कराई, लेकिन एक सप्ताह पहले अवधेश फिर लौट आया। आने के बाद उसकी हत्या कर दी।
सौतेली बेटी ने किया घटना का पर्दाफाश
अवधेश की मां के आरोप पर पहले पुलिस को यकीन नहीं हुआ कि एक महिला तीन लोगों का कत्ल कर सकती है। आसपास के लोगों ने भी किसी के आने की बात नहीं बताई। इस पर पुलिस ने नीलम और उसकी बेटी से अलग-अलग पूछताछ की तो सच सामने आया। नीलम की बेटी ने बताया, वह भाइयों के साथ ही सोई थी। आवाज होने पर उठी तो मां के हाथ में चाकू था। वह पिता को मार रही थीं। इसके बाद पुलिस ने नीलम को बताया कि उसे पूरी घटना पता चल गई है। तब उसने रो-रोकर पुलिस के सामने पूरी घटना को बता दी।
नीलम ने पुलिस को बताया कि उसके पास कोई रास्ता नहीं था। उसे लगा कि बेटी की इज्जत भी चली जाएगी और उसे संपत्ति में हिस्सा भी नहीं मिलेगा। इसी वजह से उसने ऐसा कदम उठाया। पहले पति की मौत के बाद गृहस्थी बसाने के लिए दूसरी शादी की। सोची थी कि बेटी की परवरिश हो जाएगी। लेकिन, शादी के बाद ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जिस अवधेश को बेटी पिता मानती थी, वही उस पर गलत नजर रखने लगा था। संपत्ति से भी बेदखल करना चाहता था। इस वजह से लगा कि बेटी को न तो परवरिश मिलेगी, न ही संपत्ति। नीलम बोली कि उसे कोई पछतावा नहीं है।
पुलिस के मुताबिक, पति अवधेश शराब पीकर सो रहा था। उसे मारने के बाद ही उसने सौतेले बेटों पर चाकू से गला रेता। बेटे भी सो रहे थे। दोनों बच्चों को मारने के बाद उसने खुद ही पुलिस को फोन भी कर दिया। जब पुलिस पहुंची तो कमरे में खून फैला था। दोनों मासूम तड़प रहे थे। पुलिस अवधेश, आरव और आर्यन को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। आरव की स्वास्थ्य केंद्र पर ही मौत हो, जबकि अवधेश ने जिला अस्पताल में दम तोड़ा। आर्यन की मेडिकल कॉलेज में पहुंचने के बाद मौत हुई।
अकेले तीन की हत्या करने पर उठा सवाल
हत्याकांड में नीलम के साथ कोई अन्य भी शामिल है। वह अकेले वारदात नहीं की है। परिजनों के आरोप के बाद पुलिस ने एक बार फिर से जांच शुरू कर दी है। आरोपी नीलम के मोबाइल फोन नंबर का सीडीआर हासिल कर जांच की जा रही है।
अब नए सवाल सामने आने के बाद पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। गांव और घर के आसपास के दुकानों व घरों में फुटेज देख रही है। खबर है कि मुख्य मार्ग के कुछ फुटेज पुलिस के हाथ लगे हैं, जिसमें उस समय कोई आता जाता नहीं दिख रहा है।
पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में किसी और के होने की पुष्टि नहीं है। अगर आगे की जांच में भी कोई नहीं मिला तो केस को मजबूत करने के लिए नीलम की बेटी की कोर्ट में गवाही भी कराई जाएगी।
एक ही चिता पर जले तीनों शव, फफक कर रो पड़े लोग
अवधेश गुप्ता के सबसे छोटे भाई शिवम ने एक ही चिता पर तीनों शवों को सायं छह बजे मुखाग्नि दी। निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि नागेंद्र सिंह व सहजनवां थाने के एसएसआई अवधेश पांडेय सहित कई पुलिस कर्मी मौजूद रहे।
सहजनवां में हत्या किए गए बेटों और पिता का शव रविवार शाम कालेसर मोक्ष धाम पर एक ही चिता पर जले तो सबकी आंखें नम हो गईं। अवधेश के छोटे भाई शिवम ने मुखाग्नि दी। इस दौरान गांव वाले, रिश्तेदार जो भी मौजूद थे, रो पड़े। मासूम बच्चों की मौत लोगों को ज्यादा दर्द दे रही थी। लोग भी बोले, अगर अवधेश की गलती थी तो फिर बच्चों को क्यों मारा?
डीजीपी ने लिया मामले का संज्ञान
तीन लोगों की हत्या की खबर आधी रात के बाद डीजीपी तक भी पहुंच गई। डीजीपी ने तत्काल एडीजी अखिल कुमार, आईजी जे रविंद्र और प्रभारी एसएसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई से अलग-अलग जानकारी ली। उनके फोन के बाद सभी अफसर मौके पर पहुंच गए थे और सुबह होने से पहले ही खुलासा कर उन्हें घटना की जानकारी दे दी गई थी।
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