Hindenburg रिसर्च के बाद गौतम अडानी की दौलत रह गई आधी; इतनी दौलत से कंगाली से उबर जाता पाकिस्तान!



नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट अडानी समूह (Adani Group) के लिए कितनी घातक रही ,वो अब सामने आ रही है। अडानी समूह के बड़ा झटका लगा है। कंपनी के शेयरों में भारी बिकवाली हावी हो गई है। अडानी समूह की कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे हैं। शेयरों कि कीमत आधी रह गई है। गौतम अडानी (Gautam Adani) का नेटवर्थ भी गिरकर 49 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। 24 जनवरी को शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई, जिसके बाद से अडानी को झटके लग रहे है। लगभग एक महीने बाद अडानी का मार्केट कैप 132 अरब डॉलर तक गिर गया है। इस रिपोर्ट ने अडानी को जितना नुकसान पहुंचाया है, उतने में तो पाकिस्तान अपने विदेशी कर्ज से उबर आता। खस्ताहाल पाकिस्तान के लोग महीनों बैठकर खा सकते थे।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद से अब तक अडानी समूह का मार्केट कैप 132 अरब डॉलर तक गिर चुका है। कंपनी के शेयर गिर रहे है। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए अडानी समूह अपनी बैलेंस शीट को मजबूत बता रही है। अपने कर्ज का रीपेमेंट कर रही है। कर्ज का बोझ कर रही है। नई डील के बजाए कंपनी को मजबूती देने के लिए काम कर रही है। अगर अडानी को हुए घाटे की तुलना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से करें तो पाकिस्तान का विदेशी कर्ज लगभग 121.75 अरब अमेरिकी डॉलर का है। यानी जितने में पाकिस्तान अपना कर्ज चुका ले, उससे अधिक को अडानी पिछले एक महीने में गंवा चुके हैं।


गौतम अडानी की दौलत रह गई आधी

गौतम अडानी की संपत्ति में बड़ी गिरावट आई है। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक गौतम अडानी की दौलत पिछले एक महीने में घटकर आधे से भी कम हो गई है। गौतम अडानी का नेटवर्थ जो जनवरी के पहले हफ्ते में 127 अरब डॉलर था, वो गिरकर अब 47 अरब डॉलर पर रह गया। एक दिन में गौतम अडानी की संपत्ति 2.8 अरब डॉलर घट गई।


अडानी के शेयरों का हाल

सोमवार को हफ्ते के पहले कारोबारी दिन अडानी के शेयरों मे बिकवाली हावी रही। अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर लाल निशान के साथ खुले। अडानी पावर, अडानी विल्मर, एनडीटीवी को छोड़कर बाकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है।

इसलिए मुस्कुरा रहे हैं अडानी

हर तरफ गौतम अडानी के कर्ज की बातें हो रही है। सितंबर 2022 में क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) ने भी अडानी समूह पर कर्ज को लेकर चिंता जताई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रीन का कर्ज-इक्विटी रेश्यो सबसे खराब है। कंपनी भारी कर्ज के बोझ में दबी है, लेकिन क्या अडानी की कंपनियों पर कर्ज इतनी बड़ी चिंता का विषय है? जिस कर्ज को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा हो रहा है क्या उसके लिए वो कर्ज सचमुच चिंता का कारण है। जिस कंपनी की आधी दौलत घट गई हो, वो कैसे दावा कर रही है कि उसके पास पर्याप्त फंड है?


अडानी के कर्ज पर भारी उनकी संपत्ति

अडानी ग्रुप पर जितना कर्ज है, उससे दोगुनी तो उनका निजी नेटवर्थ है। जनवरी 2023 तक हिंडनबर्ग के रिपोर्ट आने से पहले तक ये 5 गुना था, लेकिन शेयरों में गिरावट के कारण अडानी की निजी संपत्ति घट गई है। मार्च 2022 तक के आंकड़ों के हिसाब से अडानी समूह पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। भले ही आपको ये आंकड़ा बहुत बड़ा लग रहा है, लेकिन आपको बता दें कि अडानी के निजी नेटवर्थ के सामने ये कर्ज कुछ नहीं है। फोर्ब्स बिलेनियर लिस्ट के मुताबिक उनकी निजी संपत्ति 54 अरब डॉलर यानी 4.46 लाख करोड़ के करीब है। यानी अगर कुछ होता भी है तो अडानी अपनी आधी दौलत देकर ही इस कर्ज से निपट लेंगे।

अडानी ग्रीन खत्म कर सकता है कर्ज का बोझ

अगर हम आपको सिर्फ अडानी ग्रीन के बैलेंस शीट को ही दिखाए तो इसका रेवेन्यू साल 2020 में 2548 करोड़ रुपये से बढ़कर साल 2022 में 5133 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी की कमाई का अंदाजा आप इन आंकड़ों से लगा सकते हैं। अगर मुनाफे की बात करें तो साल 2022 में कंपनी को 488 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। अडानी के कुल कर्ज के मुकाबले उनका एसेट्स दोगुने से भी अधिक है। रिसर्च फर्म Bernstein ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह सिर्फ अडानी ग्रीन की मदद से ही समूह के पूरे कर्ज के बोझ को खत्म कर सकती है। अडानी समूह की कंपनियों की सेहत काफी बेहतर है, जिसके दमपर बार-बार कंपनी की ओर से पर्याप्त फंड के दावे किए जा रहे हैं। अडानी ग्रुप ने दावा किया है कि उसके पास कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए पर्याप्त कैश है।

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