अज्ञात बदमाश धूमनगंज स्थित उसके घर के अंदर घुस गए और उमेश पाल पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय बाजार में दिनदहाड़े गोलियां चली.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल पर जानलेवा हमले की खबर है। ताबड़तोड़ फायरिंग और देसी बमों से किया अटैक के दौरान उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए। सभी घायलों को प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल भेजा गया है।
घर में घुसकर गोलियों से भूना
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को उमेश पाल के घर में घुसकर गोली मारी गई। प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में वारदात को अंजाम दिया गया। इस मामले में बसपा ने उत्तर प्रदेश पुलिस के तहत कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
अटैक की सीसीटीवी फुटेज
ट्विटर पर हमले की सीसीटीवी फुटेज भी शेयर की गई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अचानक तीन लोगों पर हुए हमले में बम भी फेंका गया। वीडियो कैप्शन में लिखा गया, यूपी के प्रयागराज में शूटआउट के चौंकाने वाले विजुअल। बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की मौत हो गई।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने क्या बताया?
हमला किसने किया? किन हथियारों का इस्तेमाल हुआ? इस पर कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि उमेश पाल पर घर में घुसते समय ही देसी बम और शॉर्ट वेपन का इस्तेमाल हुआ है। पुलिस परिजनों का बयान लेने का प्रोसेस पूरा कर रही है। सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल भी की जा रही है। तहरीर के बाद पुलिस FIR दर्ज कर मामले की पड़ताल करेगी।
पूर्व सांसद और माफिया हत्या के मुख्य आरोपी
रिपोर्ट के अनुसार बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख आरोपी माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ हैं। अतीक अहमद पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। यह भी रोचक है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में कई माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर वाली सख्त कार्रवाई की गई। इसी दौरान अक्टूबर, 2020 में अतीक के करीबी जुल्फिकार से जुड़ी प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI जांच
बता दें कि हत्या के 11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश पारित किया था। दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल की पत्नी ने देश की सबसे बड़ी अदालत से फरवरी, 2015 में सीबीआई जांच की गुहार लगाई थी। 22 जनवरी, 2106 को शीर्ष अदालत ने सीबीआई जांच की अपील स्वीकार कर देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी-CBI को बसपा विधायक हत्याकांड की जांच का निर्देश दिया था।
18 साल पहले हुई हत्या
गौरतलब है कि इलाहाबाद पश्चिम से बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने 2004 के विधानसभा चुनाव में खालिद अजीम उर्फ अशरफ को हराया था। चुनाव के ठीक चार महीने बाद एक हमले में पाल और उनके दो बंदूकधारियों की मौत हो गई थी। हमला 25 जनवरी, 2005 को सुलेम सराय बाजार में हुआ था।
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