भारतीय शेयर बाजार में कारोबार का समय बढ़ाने की बात चल रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने मंगलवार (21 फरवरी) को एक बिजनेस चैनल के हवाले से कहा है कि इंडियन शेयर मार्केट का ट्रेडिंग टाइम दोपहर 3:30 बजे से बढ़ाकर शाम 5:00 बजे तक किया जा सकता है।
शेयर बाजार (Share Market) में ट्रेडिंग के समय में बदलाव की चर्चा एक बार फिर से जोरों पर है. मार्केट में कारोबार के समय (Trade Timing) को अब 3.30 बजे से बढ़ाकर शाम 5 बजे तक किया जा सकता है. टाइमिंग बढ़ाने की रूपरेखा बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने साल 2018 में तैयार की थी. इस पर जल्द फैसला लिए जाने की संभावना जताई जा रही है.
3.30 पर नहीं 5 बजे बंद होगा बाजार?
फिलहाल, भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे खुलता है और इसमें दोपहर 3:30 बजे तक ट्रेडिंग की जाती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Stock Market में कारोबार का समय बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत ट्रेडिंग टाइम को बढ़ाकर शाम 5 बजे तक किया जा सकता है. हालांकि, बाजार प्रतिभागियों के साथ इस संबंध में बातचीत अभी शुरुआती दौर में है.
2018 में तैयार की गई थी रूपरेखा
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने 2018 में ट्रेडिंग आवर्स बढ़ाने के लिए रूपरेखा जारी की थी. इससे पहले बीते जनवरी महीने में भी सेबी एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लेकर आया था. इसमें जो बातें कही गई थीं, उनके मुताबिक, अगर एक्सचेंज में किसी वजह से भी कामकाज बाधित होता है, तो मार्केट प्रतिभागियों, ट्रेडिंग मेंबर्स को 15 मिनट के भीतर इसकी सूचना देनी होगी. सेबी के सर्कुलर में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि यदि बाजार बंद होने से एक घंटे पहले ट्रेडिंग सामान्य नहीं होती है, तो सभी एक्सचेंजों को ट्रेडिंग का समय उस दिन डेढ़ घंटे तक बढ़ाना होगा।
NSE चाहता है ट्रेडिंग का समय बढ़े
बता दें देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) इक्विटी सेगमेंट में कारोबारी घंटे बढ़ाने के पक्ष में है. हालांकि, शेयर मार्केट में ट्रेडिंग टाइमिंग बढ़ाए जाने की चर्चा पहली बार नहीं हो रही है, इससे पहले भी ये मुद्दा सुर्खियों में रहा है. लेकिन अब इस संबंध में जो रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि बाजार की टाइमिंग को लेकर जल्द कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
Stock Market में ट्रेड टाइमिंग बढ़ाने के संबंध जहां एनएसई पक्ष में है, तो वहीं कई लोग इसे ठीक करार नहीं दे रहे हैं. Zerodha के सीईओ नितिन कामथ (Nitin Kamath) ने एक ट्वीट के जरिए अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अगर ये फैसला लिया जाता है, तो फिर इससे ट्रेडर्स के ऊपर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. ट्रेड टाइमिंग बढ़ाने से कम भागीदारी और लंबे समय में लिक्विडिटी की समस्या सामने आ सकती है.