इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी बस्ती को इस स्पष्टीकरण के साथ कोर्ट में तीन मार्च 23 को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के बाद बंदूक जब्त क्यों नहीं किया
उत्तर प्रदेश में अयोध्या जनपद के पूर्व विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी के खिलाफ 26 साल के बाद अवैध असलहा रखने के मामले में बस्ती जनपद के हरैया थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस सूत्रो के मुताबिक पूर्व विधायक खब्बू तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 1995 में बस्ती जनपद के हरैया थाना क्षेत्र के गौहनिया नेपाल सिंह गांव का खुद को निवासी बताते हुए एक रायफल का लाइसेंस जारी करवाया था. पूर्व विधायक के इस फर्जीवाड़े का एक साल बाद ही खुलासा हो गया था. बस्ती डीएम ने 4 जुलाई वर्ष 1996 को उक्त लाइसेंस को निरस्त करने का आदेश दिया था. खब्बू तिवारी ने लाइसेंस को जमा नहीं किया और वह लगातार उसका प्रयोग करते रहे. मामला जब हाईकोर्ट में पहुंचा तब हाईकोर्ट के जज ने बस्ती डीएम को तलब किया और उनसे पूछा कि आखिर इतने साल तक लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी पूर्व विधायक खब्बू तिवारी से राइफल जमा क्यों नहीं कराई गई.
इसके बाद डीएम के आदेश पर हेड मोहर्रिर की तहरीर पर पूर्व विधायक खब्बू तिवारी के खिलाफ फर्जी नाम पता का प्रयोग करते हुए राइफल का लाइसेंस लेने के मामले में हरैया थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करवाया गया है. पूर्व विधायक खब्बू तिवारी के खिलाफ धारा 419 420 467 468 471आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.
बता दें कि इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक रह चुके है और इलाके में उनकी काफी दबंग किस्म की छवि है. हाल ही में खब्बू तिवारी फर्जी मार्कशीट के मामले में जेल भी जा चुके हैं. अब बस्ती जनपद में हुई एफआईआर ने उनके लिए नई मुसीबत खड़ी कर दिया है।
पूर्व विधायक पर ये हैं आरोप; जानिए
आरोप है पूर्व विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी पुत्र कृष्ण गोपाल तिवारी निवासी देवकाली (श्रीराम गेस्ट हाउस के पीछे ) थाना -कोतवाली नगर जनपद अयोध्या द्वारा वर्ष 1995 में हर्रैया थाना क्षेत्र के ग्राम गौहनिया नेपाल सिंह का निवासी होने संबंधी फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत कर शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। खब्बू तिवारी के खिलाफ फैजाबाद जिले में अपराधिक मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है। शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए बस्ती जिले में पता बदलकर आवेदन किया कराया और शस्त्र जारी करा लिया। सत्ता से दूर होने के बाद वर्ष 1996 में सोनभद्र में एक आपराधिक वारदात के बाद आरोपित विधायक की यह कारगुजारी सामने आई थी। अयोध्या के तत्कालीन एसपी ने पत्र के जरिए बस्ती के तत्कालीन डीएम को पता बदलकर खब्बू के नाम शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने की जानकारी दी थी।
इस क्रम में चार जुलाई 1996 को तत्कालीन डीएम ने खब्बू के नाम जारी शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया। इतने लंबे समय के बाद भी पुलिस ने अब तक न तो उनसे शस्त्र जमा कराया और न ही कोई कार्यवाही की। यह मामला अब जब हाईकोर्ट में पहुंचा तब पुलिस प्रशासन की निद्रा टूटी। बहरहाल गुरुवार को खब्बू तिवारी के खिलाफ हर्रैया थाने में फर्जी दस्तावेज के सहारे शस्त्र लाइसेंस जारी कराने और लाइसेंस निरस्त किए जाने के बाद शस्त्र जमा न करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी विवेचना उपनिरीक्षक मनोज कुमार दूबे को सौंपी गई है।
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