बस्ती। शहर की यातायात व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है। सड़कों पर अतिक्रमण और पार्किंग की व्यवस्था न होने की वजह से लोगों को जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है।हालत यह है कि लोगों को शहर के इस छोर से उस छोर तक जाने में काफी समय लग जाता है। ट्रैफिक पुलिस भी इसे ठीक कर पाने में अक्षम साबित हो रही है। अतिक्रमण और यातायात नियमोें का पालन न करना भी जाम की वजह बन रहा है।
ट्रैफिक की समस्या जिले की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. यहां के सभी बड़े चौराहे पर डेली हैवी ट्रैफिक जाम को देखा जा सकता है. आपको बस्ती शहर में एक किलोमीटर का भी सफर तय करना है तो 30 मिनट का समय लगना तय है. आए दिन जाम की वजह से एम्बुलेंस को हॉस्पिटल तक पहुंचने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
रोडवेज बस स्टैंड का इलाका हो या फिर रौता चौराहा या गांधीनगर का क्षेत्र, हर जगह लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। रोडवेज पर यह दिक्कत कुछ ज्यादा ही है। यहां रोडवेज की बसें सड़क पर खड़ी रहती हैं। ऑटो वाले भी सड़क पर ही वाहन खड़ी करते हैं। इससे जाम की समस्या और बढ़ जाती है।
जिला अस्पताल चौराहे पर जाम की सबसे ज्यादा समस्या है। यहां हर दिन जाम की नौबत आ जाती है। जाम को खत्म कराने के लिए यहां लगे यातायात पुलिसकर्मी के पसीने छूटे जाते है। जाम से बचने के लिए लोग दूसरा रास्ता ढ़ंढते है। कटरा पानी टंकी के पास भी यही हाल है। फुटपाथ पर अतिक्रमण व बड़े वाहनों के चलते यहां भी जाम की समस्या खड़ी हो जाती है।
शहर में जाम की समस्या सबसे ज्यादा अस्पताल चौराहे की तरफ जाने वाली सड़क पर रहती है। सबसे बड़ी मुश्किल जिला अस्पताल के अंदर मरीज लेकर जाने वाले वाहनों को होती है। इसके अलावा रोडवेज तिराहे, नेहरू तिराहे, गांधीनगर, कटरा तिराहे पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।
शहर की पटरियों पर ठेला, गुमटी व अवैध पार्किंग की वजह से जाम की समस्या बढ़ जाती है। पुलिस व यातायात पुलिस जब कभी इन्हें हटवाती है तो रास्ता सुगम बन जाता है लेकिन निरंतर निगरानी न होने के कारण दोबारा अतिक्रमण हो जाता है। इसके अलावा पार्किंग व स्टैंड न होने के कारण भी समस्या बढ़ती जा रही है।
जाम की समस्या से निपटने के लिए शहर में पार्किंग व स्टैंड सबसे जरूरी है, साथ ही साथ रोड़वेज बस अड्डा जो शहर के बीचोबीच स्थित है इसको जल्द कहीं बाहर बनाया जाना चाहिए।
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