बस्ती: डीएम ने जनपद स्तरीय कला प्रदर्शनी का किया समापन, प्रस्फुटन कला प्रदर्शनी का किया अवलोकन



डीएम ने जनपद स्तरीय कला प्रदर्शनी का किया समापन, प्रस्फुटन कला प्रदर्शनी का किया अवलोकन


बस्ती। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कला उत्सव 2023 प्रस्फुटन जनपद स्तरीय कला प्रदर्शनी के समापन पर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवम् दीप प्रज्ज्वलन कर प्रस्फुटन कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। डायट प्रांगण में शिक्षकों एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं के द्वारा निपुण लक्ष्य, पर्यावरण संरक्षण, लोक कला और शिक्षा आदि से सम्बंधित विषयों का भित्ति चित्रण एवम् रंगोली के माध्यम से कला उत्सव वातावरण का सौन्दर्य से परिपूर्ण परिवेश का सृजन किया गया। कला उत्सव 2023 के अंर्तगत चित्रकला, लोक कला, शिल्प, गीत-संगीत, पारंपरिक नृत्य व विविध कलाओं संगम है। प्रस्फुटन जनपद स्तरीय कला प्रदर्शनी की भव्यता देखते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि माता बच्चों की पहली शिक्षिका होती है और आप उन बच्चों की बुनियाद बनाएंगे। उन्होंने इस आयोजन के लिए सभी डायट स्टाफ को साधुवाद के पात्र बताया।

      कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कला उत्सव शिक्षकों को सृजनात्मकता की अभिव्यक्ति हेतु एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। इस मंच के माध्यम से जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में कलाओं के विविधता को पहुंचाने का दायित्व डीएलएड प्रशिक्षुओ व शिक्षको का है। इस तरह के कला उत्सव का आयोजन होते रहना चाहिए जिससे विविध कलात्मक प्रतिभाओं को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए एक सम्मानित मंच मिलता है। 

       कला उत्सव की मनमोहक छवि व सौंदर्यता को देखकर बड़े ही हर्ष का अनुभव करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक डी एस यादव ने कहा कि कला उत्सव एक बार में ही समाप्त हो जाने वाला कार्यक्रम नहीं है,जबकि यह कलात्मक अनुभव पहचानने एवं अभ्यास करने का प्रथम चरण है। यह निरंतर सीखने योग्य है। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ इंद्रजीत प्रजापति ने कहा कि समाज में शिक्षक स्थान सर्वदा ऊंचा रहता है क्योकि हम अगर किसी के सम्मुख नतमस्तक होते है तो वह हमारा गुरु या शिक्षक ही होता है। इस कला उत्सव में जनपद के कई प्रतिभाओं की कलाकृतियों को देखने का सुअवसर मिला जो की बेहद आनन्ददायक है। जनपद स्तर ऐसे विविध कलाओं के संगम का कला उत्सव आयोजन होते रहना चाहिए। गीत कविता कहानी के माध्यम से सभी कलाकार प्रशिक्षुओं, कला अनुदेशकों एवम् शिक्षको की कला को प्रोत्साहित किया।

  कला उत्सव के आयोजक व संरक्षक डायट प्राचार्य जितेंद्र गोंड ने बताया कि कला उत्सव एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, उन्हे उजागर व पोषित करना और शिक्षा के कला को बढ़ावा देना है। दो दिवसीय कला उत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत में कला की अनेक विधाओं को शामिल किया गया है। जिसमे संगीत नृत्य, दृश्य कला स्थानीय कलादृक्राफ्ट, पेंटिंग, खिलौने से संबंधित गतिविधियां प्रमुख है।  

       कला उत्सव 2023 कार्यक्रम के नोडल एवं कला प्रवक्ता डॉ गोविन्द ने बताया कि पढ़ाई के साथ कला, संगीत, नृत्य आदि में रुचि लेने वाले सरकारी विद्यालयों के शिक्षक, छात्रदृछात्राओं में सांस्कृतिक विरासत एवम् कला विविधता के प्रति जागरूकता एवम् व्यवसायिक कौशल के प्रोत्साहन हेतु जनपद स्तरीय कला उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें कला के विविध आयाम जैसे गायन, वादन, फोटोग्राफी, चित्रकला, काव्यकला, रंगोली आदि को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य कला के प्रति समाज के सभी लोगों को जागरूक करना है।

       डायट के प्रांगण में जनपद स्तरीय कला उत्सव के विशिष्ट अतिथियों में प्रधानाचार्य जीजीआईसी नीलम सिंह, बेगम खैर प्रिंसिपल मुस्लिमा खातून, डॉ. सुरभि सिंह, सकसेरिया के हरिराम बंसल आदि ने प्रदर्शनी का अवलोकन एवम् प्रशंसा किए।

       इस अवसर पर संस्थान के डायट प्रवक्ता संदीप कुमार, कल्याण पाण्डेय, अलीउद्दीन, वर्षा पटेल, वन्दना चौधरी, अमन सेन, शशि दर्शन त्रिपाठी, डॉ मृत्युंजय, डॉ. रविनाथ, इमरान खान, डॉ. रिचा शुक्ला, सरिता चौधरी, कुलदीप चौधरी, ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

   कला प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले कला अनुदेशकों एवम् शिक्षको में शशि वरुण, नाजिया परवीन, मंजू, प्रीति भारती, रमेश विश्वकर्मा, चंद्र प्रकाश चौधरी,  दीक्षा चौधरी, प्राची नाग आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।


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