उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के पहले अनाज एटीएम (ग्रेन एटीएम) अन्नपूर्ति का बुधवार को शुभारंभ हुआ। राज्यमंत्री खाद्य रसद सतीश शर्मा ने फीता काटकर इस एटीएम का उद्घाटन किया। यह एटीएम हसनगंज खाद्य क्षेत्र के उचित दर विक्रेता पंकज गिरी की दुकान में स्थापित किया गया है।राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में तीन स्थानों पर यह एटीएम लगाया गया है। लखनऊ में यह पहला एटीएम है। इसे 12 लाख रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।
राशन वितरण प्रणाली को और पारदर्शी बनाने के लिए एटीएम की तरह ऑटोमेटेड मल्टी कमोडिटी ग्रेन डिस्पेंसिंग मशीन गौतमबुद्ध नगर में भी लगेगी। फिलहाल पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर राजधानी में इसकी शुरुआत हसनगंज में कोटे की एक दुकान से होगी।इसके बाद वाराणसी और गौतमबुद्ध नगर का नंबर आएगा। प्रयोग सफल रहा तो प्रदेश में कोटे की सभी दुकानों पर ऐसे एटीएम लगाए जाएंगे, जिनसे राशन कार्ड धारक पैसे की तरह अनाज निकाल सकेंगे।
गुड़गांव में लगा है ऐसा पहला एटीएम
ग्रेन एटीएम योजना की शुरुआत यूनाइटेड नेशंस-वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत की गई है। इसके तहत देश का पहला ग्रेन एटीएम जुलाई-2021 में गुरुग्राम में लगाया गया है। फिलहाल खाद्य आयुक्त एवी राजमौली ने लखनऊ के अलावा वाराणसी और गौतमबुद्ध नगर के डीएसओ से भी ग्रेन एटीएम के लिए कोटे की दुकानें चिह्नित करने को कहा है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, मेक इन इंडिया अभियान के तहत ग्रेन एटीएम की टेक्नॉलजी और हार्डवेयर पूरी तरह स्वदेशी है।
अधिकारियों का दावा है कि ग्रेन एटीएम से कार्डधारक को यूनिट के हिसाब से पूरा राशन मिलेगा। एक मिनट में इस मशीन से सात किलो या इससे अधिक राशन मिल सकता है। इससे राशन कम तौलने की शिकायत खत्म होगी और समय बचेगा।
डीएसओ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि ग्रेन एटीएम, ई-पॉस मशीन से कनेक्ट होगा। कार्डधारक पहले ई-पॉस मशीन पर जाकर बायोमीट्रिक देंगे। इसके बाद मशीन पर यूनिट से कम या पूरे राशन की फीडिंग करेंगे। मशीन के नीचे झोला, बैग या बोरी रख देंगे और जैसे ही मशीन पर लगे बटन को दबाएंगे, राशन निकलने लगेगा।
ग्रेन एटीएम मशीन बिजली से चलती है। इस मशीन से एक घंटे में 0.6 यूनिट बिजली की ही खपत होगी। ग्रेन एटीएम में दो चैंबर होंगे। एक चैंबर में गेहूं तो दूसरे में चावल भरा जा सकेगा। मशीन में एक बार में 250 से 300 किलोग्राम तक राशन भरा जा सकेगा। चैंबर की क्षमता बढ़ाने का भी विकल्प होगा।