विवादास्पद यूट्यूबर मनीष कश्यप ने अपनी प्रॉपर्टी की कुर्की के डर से बिहार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई संबंधी फर्जी खबर फैलाने के मामले में यह यूट्यूबर आरोपी है.
पटना:तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों से कथित भेदभाव मामले में झूठा वीडियो वायरल करने के आरोपी मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. शनिवार को इसकी जानकारी बिहार पुलिस ने ट्वीट कर दी है. यूट्यूबर ने बेतिया के जगदीशपुर थाना में आत्मसमर्पण किया है. बिहार पुलिस ने पहले ही उनकी कुर्की जब्त करने के आदेश जारी किए थे. कई बार पूछताछ के लिए समन जारी होने के बाद भी वो पुलिस के सामने नहीं आ रहे थे. यूट्यूबर मनीष कश्यप के घर शनिवार सुबह कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू हो गई। पश्चिम चंपारण जिले के विभिन्न जिलों की टीम सुबह-सुबह मनीष कश्यप के घर पहुंची। छापेमारी की ये कार्रवाई मझौलिया थाना क्षेत्र के महना डुमरी गांव में हुई। मझौलिया कांड संख्या 193/21 मामले में बेतिया पुलिस कुर्की जब्ती की कार्रवाई हुई।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने मनीष कश्यप की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। मनीष कश्यप पर सिर्फ बेतिया में सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। पांच मामलों में उस पर आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका हैं। उसे एक मामले में जमानत मिल चुकी है। जबकि एक मामले में पटना हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
इस कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू होने के बाद मनीष कश्यप ने सरेंडर कर दिया। बेतिया के एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाना पहुंच कर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया।
बिहार पुलिस ने किया ट्वीट
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इससे पहले बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप के खातों को फ्रीज कर दिया था। मनीष और उसके यूट्यूब चैनल से संबंधित चार बैंक खातों में जमा 42 लाख रुपए से अधिक राशि को फ्रीज किया गया है। फेक वीडियो मामले में मनीष के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए पटना से लेकर दिल्ली समेत अन्य शहरों में छापेमारी भी की गई।'
तमिलनाडु में प्रवासियों पर हमला विवाद के बाद मनीष कश्यप सुर्खियों में है। इस मामले को लेकर यूट्बर मनीष कश्यप पर पुलिस ने पटना में 3 एफआईआर दर्ज की है। इनमें 2 मामले तमिलनाडु विवाद पर फेक वीडियो बनाकर उसे वायरल करने और तीसरा मामला अपनी झूठी गिरफ्तारी की बात वायरल करने को लेकर दर्ज की गई।
विवादास्पद यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार सुबह बिहार पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. बेतिया पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने यह जानकारी दी. पटना और पश्चिमी चंपारण पुलिस के साथ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की 6 टीमें बीते दिनों से लगातार आरोपी के ठिकानों पर दबिश दे रही थीं. तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई संबंधी फर्जी खबर फैलाने के मामले में यह यूट्यूबर आरोपी है.
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था. वह खुद को 'सन ऑफ़ बिहार' (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. मनीष का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. इस नाम के पीछे वो 'कश्यप' लगाता है. हालांकि ज्यादातर जगहों पर 'मनीष' लिखता है.
साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया है. उनकी मां मधु गृहिणी हैं. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं.