तमिलनाडु की पुलिस भी शनिवार को बिहार पहुंची है. मनीष कश्यप से पूछताछ कर सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि तमिलनाडु की पुलिस भी लेकर जा सकती है.
पटना: तमिलनाडु में बिहारियों के पीटे जाने का वीडियो वायरल होने और भ्रामक खबर चलाने के मामले में बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) समेत चार लोगों पर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने केस दर्ज किया है. मामला दर्ज होने के बाद बेतिया का रहने वाला मनीष कश्यप फरार चल रहा था. शनिवार की सुबह जब उसके घर टीम कुर्की जब्ती करने पहुंची तो उसने खुद को सरेंडर कर दिया.
तमिलनाडु हिंसा फर्जी वीडियो मामले में बेतिया के जगदीशपुर थाने में सरेंडर करने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम उसे लेकर पटना पहुंच गई है. पटना में आर्थिक अपराध इकाई की टीम और तमिलनाडु की पुलिस टीम संयुक्त रूप से मनीष कश्यप से पूछताछ करने में जुटी हुई है. मनीष कश्यप के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई थाने में दो कांड दर्ज किए गए हैं. पहला कांड हिंसा के फर्जी वीडियो मामले को लेकर है जबकि दूसरे केस में ट्विटर पर पुराना पिक्चर पोस्ट करने को लेकर उससे पूछताछ हो रही है.
अब सवाल है कि मनीष कश्यप को किस जेल में रखा जाएगा? कब बाहर आ सकते हैं? कौन कौन सी धाराएं लगी हैं?
इधर, तमिलनाडु की पुलिस भी बिहार पहुंच चुकी है. मनीष कश्यप से पूछताछ करेगी टीम. बिहार आर्थिक अपराध थाना में तमिलनाडु वीडियो वायरल मामले में मनीष कश्यप पर कई मामले दर्ज हैं. चार लोगों का नाम है उसमें मनीष कश्यप का भी है. आईपीसी की धारा-153, 153 (ए), 153 (बी), 505 (1) (बी), 505(1) (सी), 468, 471 एवं 120 (बी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस मनीष कश्यप को किस जेल में रख सकती है इस बात पर ईओयू के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने कहा कि मनीष को पटना के ही जेल में रखा जाएगा. उस पर मामला आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पुलिस मुख्यालय पटना में दर्ज हुआ है. किस जेल में रखा जाएगा यह कोर्ट तय करेगा. बेउर जेल या फिर फुलवारीशरीफ जेल में रखा जा सकता है.
कानून के जानकारों ने बताया कि मनीष कश्यप पर जितनी भी धाराएं लगी हैं उसमें एक दो धारा को छोड़कर सभी नॉन बेलेबल है. इसमें 468 धारा में पांच साल से सात साल तक की सजा हो सकती है वहीं 505 (1) (बी) और 505 (1) (सी) में तीन से पांच साल तक की सजा का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि मनीष मनीष कश्यप पर अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो अधिकतम उसे सात साल की सजा भुगतनी पड़ेगी.
कब तक आ सकता है बाहर?
सीनियर एडवोकेट ने जमानत को लेकर बताया कि मनीष कश्यप को कम से कम एक महीने के आसपास जेल में रहना पड़ सकता है क्योंकि जो धाराएं लगी हैं उसमें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने की उम्मीद बहुत कम है. जिस तरह की धारा है उसमें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जमानत नहीं दे सकते हैं. इसके लिए उन्हें सेशन कोर्ट के जज से जमानत लेना होगा. इसके लिए केस फाइल करनी होगी. इसमें संभवतः 25 दिन से एक महीने तक का या उससे ज्यादा भी वक्त लग सकता है.
वहीं दूसरी ओर सूत्रों की मानें तो तमिलनाडु की पुलिस मनीष कश्यप को ले जा सकती है. सूत्रों की मानें तो मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में भी एक मामला दर्ज हुआ है. शनिवार को तमिलनाडु की पुलिस भी पटना पहुंची. अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.