मध्य प्रदेश के ग्वालियर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी शादी की. मामला फैमिली कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट में ये तय हुआ की पति सप्ताह में तीन दिन एक पत्नी के साथ और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा. वहीं रविवार को पति अपनी मर्जी से किसी के भी साथ रह सकता है. कोर्ट के इस फैसले की काफी चर्चा हो रही है.
ग्वालियर। बीते दिन कुटुंब न्यायालय में एक रोचक मामला सामने आया है। शादी के बाद पत्नी को छोड़कर दूसरी शादी करने वाले पति को अब तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों के साथ रहना होगा। कुटुंब न्यायालय के बाहर ही समझौता हो गया। पति पहली पत्नी को गुरुग्राम में फ्लैट नाम करेगा और दोनों को 75-75 हजार रुपए महीना देगा। इस पर दोनों ने पत्नियों ने सहमति दे दी। रविवार को छुट्टी वाले दिन पति अपनी इच्छा के अनुसार कहीं भी रह सकता है। रविवार को पत्नियों का पति पर प्रतिबंध नहीं रहेगा।
पहली पत्नी ने पति पर दहेज प्रकरण और मेंटेनेंस के प्रकरण के लिए कुटुंब न्यायालय में काउंसलर से हरीश दीवान से संपर्क किया। काउंसलर दीवान ने पत्नी को समझाया कि मेंटेनेंस केस में चार-पांच हजार रुपए मिल जाएंगे और दहेज एक्ट का मुकदमा लगाने से कई वर्षों तक चलेगा। आपका पति अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहता रहेगा आप न्यायालय के चराजस्थान पत्रिकार लगाती रहेंगी। काउंसलर ने सलाह दी कि आप भी साथ में पति के साथ रहो। काउंसलर ने पति दिनेश शर्मा को बुलाया। पति ने बताया, पहली पत्नी से उसके संबंध अच्छे नहीं हैं इसलिए मैंने दूसरी शादी की है। मैं दूसरी पत्नी को छोड़ नहीं सकता। काउसंलर दीवान ने पति को बताया, दूसरा विवाह करने का केस लगेगा और दहेज एक्ट भी लगेगा। इसमें जेल भी हो सकती है। इसके बाद पति पहली पत्नी को हक देने को तैयार हुआ।
दरअसल हरियाणा के एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 2018 में एक ग्वालियर की महिला के साथ शादी की थी, शादी के बाद दोनों पति-पत्नी प्रेम से एक-दूसरे के साथ रह रहे थे, लेकिन साल 2020 में कोरोना काल के समय जब लॉकडाउन लगा तो पति अपनी पत्नी को उसको मायके छोड़ गया. इसके बाद पूरे कोरोना काल में पत्नी मायके में ही रही, इसी दौरान पति की दोस्ती कंपनी में ही काम करने वाली एक महिला के साथ हो गई. धीरे-धीरे प्यार हुआ और युवक ने खुद को कुंवारा बताते हुए अपनी कंपनी की महिला कर्मचारी से शादी कर ली. यहां पत्नी को पूरा कोरोना काल बीत जाने के बाद भी जब पति लेने नहीं आया तो एक दिन वह पति की कंपनी पहुंच गई, जहां उसे सारी बात पता चली.
पति की दूसरी शादी से नाराज पत्नी ने अपने मायके ग्वालियर आकर कुटुंब न्यायालय में मामले की शिकायत की, इसके बाद जब कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान के पास यह मामला पहुंचा तो उन्होंने इस केस में दोनों पत्नियों और पति को बुलाकर काउंसलिंग की. काउंसलर हरीश दीवाने ने बताया कि "लगभग 6 महीने तक केस चलने के बाद जब मेरे पास मामला आया तो मैंने इस केस में पति और उसकी दोनों पत्नियों को बुलाकर काउंसलिंग कर बीच का हल निकाला, क्योंकि युवक का दोनों पत्नियों से एक-एक बच्चा है, इसलिए वे दोनों बार-बार अपने भरण पोषण की बात कह रहीं थीं.