SS राजामौली के RRR के गाने नाटू-नाटू ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का ऑस्कर अवार्ड जीत इतिहास रच दिया है. है, लेकिन जिस अवार्ड को पाकर हर भरतीय गर्व कर रहा है, उसकी कीमत आप जानते हैं?
ऑस्कर अवार्ड को दुनिया के किसी भी अवार्ड्स में सबसे ऊपर माना जाता है. दुनिया के हर एक्टर या फिल्म जगत से संबंध रखने वाले शख्स के लिए ऑस्कर अवार्ड पाना एक सपने जैसा है. भारत से भी हर साल कई फिल्में अलग-अलग कैटेगरी में इस अवार्ड के लिए नामांकित होती है. इस साल एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू को इस अवार्ड शो में बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी के लिए नामंकित किया गया था, जहां से इसे जीत हासिल हुई. ऑस्कर की ट्रॉफी पाकर हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है लेकिन इस ट्रॉफी के बारे में काफी कम लोगों को ही जानकारी है.
हर साल कई एक्टर्स और फिल्म पर्सनल्स को ये अवार्ड दिया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है इस अवार्ड की असल कीमत क्या है? साथ ही क्या आप जानते हैं कि इसे बनाया किस चीज से जाता है? क्या ये सॉलिड गोल्ड से बना होता है या फिर किसी और मेटल से इसका निर्माण होता है? आज हम सारी डिटेल आपको देंगे. आपको बता दें कि जिस ऑस्कर को पाने का सपना हर फ़िल्मकार देखता है, असल में उसकी कीमत बेहद कम है. जी हां, अगर कोई इसे बेचे तो उसे सिर्फ एक डॉलर यानी 81.89 यानी करीब 82 रुपए ही मिलेंगे. हालांकि, ऑस्कर की ट्रॉफी को बेचना भी कम मुश्किल काम नहीं है.
Oscar Awards को कैसे बनाया जाता है...
ऑस्कर अवार्ड पहले सॉलिड ब्रॉन्ज में बनाया जाता था. जिसे बाद में 24 कैरट सोने से कोट किया जाता था. लेकिन बाद में जैसे-जैसे तकनीक ने तरक्की की, इसे बनाने का तरीका बदल गया. 2016 के बाद से न्यूयॉर्क बेस्ड फाइन आर्ट कंपनी पोलिश टॉलिक्स ऑस्कर अवार्ड्स का निर्माण करती है. इसे पहले 3 डी प्रिंटर से बनाया जाता है, जिसे बाद में वैक्स से कोट किया जाता है. एक बार वैक्स के ठंडे हो जाने के बाद इसे सिरेमिक शेल से कोट किया जाता है. कुछ हफ्ते रखने के बाद इसे 1600 डिग्री F पर तपाया जाता है. इसके बाद इन्हें लिक्विड ब्रॉन्ज में ढाला जाता है, ठंडा किया जाता है और फिर पॉलिश किया जाता है. यहां से अवार्ड्स को ब्रूकलिन लाया जाता है, जहां इनपर 24 कैरट सोने का पानी चढ़ाया जाता है. हर अवार्ड 13.5 इंच लंबा होता है और इसका वजन 8.5 पाउंड होता है. एक अवार्ड को बनकर तैयार होने में 3 महीने का समय लगता है.
कीमत
अब आपको बताते हैं ऑस्कर के एक स्टैच्यू की कीमत. सबसे पहली बात की कोई भी ऑस्कर अवार्ड को बेच नहीं सकता. ऑस्कर अवार्ड देने वाली अकादमी के मुताबिक़, किसी को भी इन अवार्ड्स को बेचने या नीलाम करने की अनुमति नहीं है. अगर कोई इन्हें नहीं रखना चाहता तो उसे सबसे पहले इन्हें अकादमी को ही सिर्फ एक डॉलर में बेचना है. ना सिर्फ अवार्ड जीतने वाला इसे नहीं बेच सकता, बल्कि उसके बाद उसके परिवार वाले भी इस अवार्ड को बेच नहीं सकते. हां, अगर आपको सच बताएं तो इस एक मूर्ति को बनाने में 32 हजार से अधिक का खर्च आता है. लेकिन इन्हें खरीदने का प्राइस अकादमी ने एक डॉलर ही फिक्स करके रखा है.
पहले 10 डॉलर थी ऑस्कर ट्रॉफी की कीमत
1951 के इस नियम के मुताबिक पहले एकेडमी ने ऑस्कर ट्रॉफी खरीदने के लिए 10 डॉलर (600 रुपए) की कीमत तय की थी, लेकिन 2015 के बाद ये नियम बदल दिया गया. साल 2015 में अमेरिका की एक अदालत ने एकेडमी के 1951 के नियम को सही ठहराया. इसके बाद अकेडमी ने ट्रॉफी की कीमत 10 से 1 डॉलर कर दी. अकेडमी रेग्युलेशंस के मुताबिक ट्रॉफी को कहीं नीलामी के लिए रखने से पहले या फिर कहीं बाहर बेचने से पहले इसे अकेडमी को दिया जाना चाहिए. जो ऐसा नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दिया जाता है गिफ्ट बैग
ऑस्कर्स की प्राइम कैटेगरी में नॉमिनेशन पाने वालों को गिफ्ट बैग दिया जाता है. यह सामान्य बैग नहीं होता. इसकी कीमत इतनी है कि सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. सबसे बड़ी बात है कि इस बैग के लिए ऑस्कर्स के आयोजक एक रुपया भी खर्च नहीं करते. ऑस्कर गिफ्ट बैग लॉस एंजलिस की मार्केटिंग कंपनी डिस्टिंक्टव असेट अपनी तरफ से बांटती है.
किसे मिलता है यह बैग?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑस्कर गिफ्ट बैग प्रोग्राम को होस्ट करने वाले और प्रीमियम कैटेगरी में नॉमिनेशन पाने वाले कैंडिडेट्स को मिलता है. प्रीमियम कैटेगरी में बेस्ट डायरेक्टर, एक्ट्रेस, एक्टर, सपोर्टिंग एक्टर और सपोर्टिंग एक्ट्रेस को शामिल किया जाता है.कैंडिडेट्स इसे लेने से इंकार कर सकता है.
ऑस्कर गिफ्ट बैग के अंदर क्या है?
ऑस्कर्स में बैग देने की शुरुआत साल 2002 से हुई. हर साल ऑस्कर्स में नॉमिनेशन पाने वाले कैंडिडेट्स को गिफ्ट बैग दिया जाता है. इस गिफ्ट बैग में 60 तरह के आइटम्स होते हैं. इसमें लग्जरी लाइफस्टाइल आइटम्स,ब्यूटी प्रोडक्ट्स, लग्जरी वैकेशन का पास मिलता है. इन लग्जरी वैकेशन पास के जरिए ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड और इटेलियन लाइट हाउस में 8 लोगों को रहने का मौका मिलता है. इस गुडी बैग को पाने वाले कैंडिडेट्स को अपने घर के इंटीरियर को चेंज करने का मौका भी मिलता है. इसके लिए वो गिफ्ट के तौर पर 25 हजार डॉलर तक की राशि मिलती है.इसके अलावा, इसमें लक्ज़री स्किनकेयर उत्पाद, जापानी मिल्क ब्रेड, बत्तील खजूर का उपहार बॉक्स, ऑस्ट्रेलिया में एक प्लॉट और बॉडी स्कल्पिंग वाउचर, फूड कंपनी क्लिफ थिन्स की तरफ से गिफ्टस भी शामिल हैं. इस साल दिए जाने वाले गिफ्ट बैग की कीमत 1 करोड़ रुपए से अधिक बताई गई है. इस गुडी बैग में कई तरह के ऑफर्स, किताबें, स्कार्फ और इत्र शामिल होते हैं. इस बैग को पाने वाले कैंडिडेट्स को किसी तरह का कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता.
इन लोगों की होती है भागीदारी
इस गिफ्ट बैग में 50 फीसदी तक प्रोडक्ट्स ऐसी कंपनी के होते हैं जिनकी मालिक या तो वूमन होती हैं या फिर अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी होती हैं. इसके अलावा इसमें दिग्गज कंपनी Miage के स्किनकेयर प्रोडक्ट, पेटा की तरफ से ट्रैवल पिलो समेत कई चीजें होती हैं. फूड कंपनी क्लिफ थिन्स की तरफ से गिफ्टस और जापानी कंपनी की ओर से जैपेनीज मिल्क ब्रेड भी दी जाती है.