Tamil Nadu में बिहारी प्रवासी कामगारों पर हमले की फर्जी खबरों पर अखबारों पर भी FIR दर्ज
न्यूज डेस्क:करीब डेढ़ माह पहले तिरुपुर की एक चाय की दुकान में सिगरेट के धुएं से उठे विवाद को अफवाहें इतना बड़ा बवंडर बना देंगी, किसी ने सोचा नहीं था। इसके बाद तमिलनाडु में बाहरी कामगारों की प्रताड़ना की ऐसी झूठी कहानियां निकली कि उत्तर भारतीय मजदूरों खासकर बिहारी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया।
हालांकि चेन्नई क्राइम ब्रांच ने BJP के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई के खिलाफ दो समूहों के बीच हिंसा भड़काने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।
तमिलनाडु सरकार के दो बड़े बयान...
विवाद के बीच बिहार CM नीतीश कुमार ने ट्वीट में बिहारी मजदूरों को लेकर चिंता जाहिर की तो तमिलनाडु के CM स्टालिन भी मुश्किल में पड़ गए। स्टालिन ने शनिवार को एक बयान में कहा, "प्रवासी श्रमिकों को डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई आपको धमकी देता है, तो हेल्पलाइन पर कॉल करें। तमिलनाडु सरकार और लोग हमारे प्रवासी भाइयों की रक्षा के लिए खड़े होंगे।"
रविवार को राज्यपाल आरएन रवि ने कहा- तमिलनाडु में उत्तर भारतीय मजदूरों को घबराने और असुरक्षित महसूस करने की जरूरत नहीं है क्योंकि तमिलनाडु के लोग बहुत अच्छे और मिलनसार हैं। राज्य सरकार उत्तर भारतीयों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब जानिए विवाद की वजह क्या थी...
14 जनवरी को चाय की दुकान पर स्थानीय युवक उत्तर भारतीय पर सिगरेट का धुआं छोड़ रहे थे। विवाद हुआ तो उत्तर भारतीय जुटे और स्थानीय लोगों को दौड़ा दिया। स्थानीय लोगों ने वीडियो वायरल कर दिया। तमिल संगठनों ने बताया कि उत्तर भारतीय तमिलों को मार रहे हैं। इसके बाद ये तमिल गौरव का मुद्दा बन गया।
बिहार के मजदूरों की तमिलनाडु में पिटाई के मामले में नया मोड़ आ गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक सी सिलेंद्र बाबू ने गुरुवार को कहा कि तमिलनाडु में बिहार प्रवासी श्रमिकों पर हमले को दशार्ने वाले वीडियो झूठे हैं, पुलिस ऐसे वीडियो फैलाने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगी।
राजनीतिक रंग कैसे मिला...
तमिलनाडु में स्थानीयता की उग्र पक्षधर तमिलर कच्छी (एनटीके) जैसी पार्टी इस विवाद को तमिल-गैर तमिल का रंग देकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लग गई है। नतीजा आज 70% तक उत्तर भारतीय मजदूर जा चुके हैं। हालांकि इनमें बड़ी संख्या होली, शादियों के चलते घर जाने वालों की भी है।
सोशल मीडिया ने भी विवाद को हवा दी... तिरुपुर से यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेन शाम 4:00 बजे के बाद हैं, पर दोपहर से ही लोगों की भीड़ है। स्टेशन आने वाले लोग वापसी का कारण होली या शादी बताते हैं। हालांकि उनके चेहरों पर घबराहट साफ दिखती है। जमुई के विक्रम कुमार 4 बहनों को लेने बिहार से आए हैं। ट्रेन छूट गई तो स्टेशन के कोने को ठिकाना बना लिया। इस बीच, गुरुवार रात पटरी पर उत्तर भारतीय का शव मिला। स्थानीय प्रशासन के लिए ये हादसा है तो बाहरी के लिए दहशत का एक और सबब।
बिहार और तमिलनाडु सरकार भी सक्रिय..बिहार से अफसरों की टीम जांच के लिए तमिलनाडु रवाना..
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले की जांच के लिए एक दल तमिलनाडु भेजा है।चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में ग्रामीण विकास के सचिव डी. बालामुरुगन, अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के आइजी पी कन्नन, श्रम विभाग के आयुक्त आलोक कुमार और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के एसपी संतोष कुमार शामिल हैं।
इस दल ने चेन्नई के कलेक्टर और श्रम आयुक्त से चर्चा की। वहीं, तिरूपुर कलेक्टर विनीत कुमार पुलिस के साथ कामगारों के यहां और फैक्ट्रियों में जाकर सुरक्षा का भरोसा दिला रहे हैं। कुमार कहते हैं हम दो मोर्चों पर लड़ रहे। एक तरफ सोशल मीडिया पर अफवाहों से, दूसरा प्रवासियों में विश्वास पैदा करने। हिंदी भाषी डीसीपी अभिषेक गुप्ता कहते हैं, हेल्पलाइन जारी की है। शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं।प्रसाशन की विज्ञप्ति में कहा गया है कि किसी भी समय जरूरत पड़ने पर प्रवासी इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। ये नंबर हैं- 04222300970, 9498181213, 8190000100, 9498181212, 7708100100 ।
तमिलनाडु के एडीजी विधि-व्यवस्था, त्रिपुर के आयुक्त, कोयंबटूर उत्तरी प्रक्षेत्र के आइजी समेत तमिलनाडु के अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों से आवश्यक बातचीत और फीडबैक ली जा रही है। तमिलनाडु पुलिस लगातार बिहारियों के सुरक्षित होने का दावा कर रही है।
तमिलनाडु पुलिस के द्वारा जारी हेल्पलाइन नम्बर:- 0421- 2203313, 9498101300, 9498101320
तथ्य को तोड़ा-मोड़ा गया है-डीजीपी
सभी को तोड़ा-मरोड़ा गया है और ऐसा दिखाया गया है जैसे बिहारियों पर हमला किया गया है। हालांकि राज्य में कानून-व्यवस्था बहुत अच्छी तरह से बनी हुई है और झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। प्रवासी उत्तर भारतीय मजदूरों पर हाल ही में दो हमले हुए, एक 14 जनवरी को तिरुपुर में और दूसरा 14 फरवरी को कोयम्बटूर में। पहली घटना प्रवासी मजदूरों और स्थानीय लोगों के बीच तिरुपुर की एक कपड़ा फैक्ट्री में हुई थी और दूसरी घटना कोयम्बटूर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज कैंटीन में भोजन के मुद्दे पर हुई थी। स्थानीय लोगों और पुलिस के हस्तक्षेप से दोनों को सुलझा लिया गया।
पुराना वीडियो गलत तरीके से पेश किया गया: तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वीडियो "फर्जी" है. उन्होंने ट्वीट किया, "DGP तमिलनाडु स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यह पूरी तरह से फर्जी और अफवाह फैलाने वाला है कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों को तमिलनाडु में हमला किया जा रहा है. हिंसा का पुराना वीडियो शरारतपूर्ण तरीके से फैलाया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि बिहार के लोग अब तमिलनाडु में सुरक्षित नहीं हैं, जिससे दहशत पैदा हो रही है."
तमिलनाडु के DGP ने वीडियो को बताया फर्जी
इस मामले में तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी सिलेंद्र बाबू ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी और "शरारती" हैं. उन्होंने कहा ,"बिहार में किसी ने एक झूठा और शरारती वीडियो पोस्ट किया जिसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है. दो वीडियो वायरल हो रहे हैं और झूठे हैं."