दिल्ली पुलिस ने true-caller के साथ एक करार किया है. साइबर ठगी के मामलों पर रोक लगाने के लिए true-caller के साथ समझौत किया है.
नई दिल्ली:पुलिसकर्मी बनकर आए लोगों के साथ होने वाली ठगी के बढ़ते मामलों के बीच आईडी कॉलिंग ऐप ट्रूकॉलर के साथ दिल्ली पुलिस ने एक कॉन्ट्रैक्ट किया है. इसका मकसर साइबर क्राइम पर रोक लगाना है. इसके जरिए फर्जी पुलिस कर्मी बनकर लोगों से ठगी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. अगर पुलिस का किसी के पास भी फोन जाएगा तो उसका एक स्पेशल बैज दिखाई देगा, ऐसा न होने पर नंबर फर्जी होगा.
दिल्ली पुलिस और ट्रूकॉलर की क्या है योजना
मंगलवार (14 मार्च 2023) को दिल्ली पुलिस की DCP/PRO सुमन नाल्वा और ट्रूकॉलर इंडिया की डायरेक्टर ऑफ पब्लिक रिलेशंस प्रज्ञा मिश्रा ने एक MoU डॉक्युमेंट साइन किया। इस समझौते के तहत Truecaller अपनी दिल्ली पुलिस डायरेक्टरी सर्विसेज पर दिल्ली पुलिस के ऑफिशियल नंबर दिखाएगा और सभी वेरिफाइड नंबर पर ग्रीन बैज और सरकारी सर्विसेज को ब्लू टिक मार्क दिखाएगा।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता डीसीपी सुमन नलवा ने बताया है कि जिन नंबरों से लोगों के साथ ठगी होगी, उनकी जानकारी ट्रू कॉलर के साथ शेयर की जाएगी और लोगों के पास जब ऐसे नंबरों से फोन जाएगा तो उनकी पहचान आसानी से हो पाएगी और दिल्ली पुलिस ऐसे साइबर ठगों को पकड़ने में भी सक्षम होगी.दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के मामलों को लेकर ट्रू कॉलर के साथ किए अपने करार में बताया है कि दिल्ली पुलिस डायरेक्ट्री से किसी नंबर पर कॉल की जाएगी तो रिसीवर के फोन पर सरकारी सेवा का टैग हेडलाइन होगा. इसके अलावा नीला टिक मार्क और हरा बैज भी दिखाई देगा.
ओटीपी के चर्चित फ्रॉड के बाद अब ट्रू कॉलर के जरिए फर्जी पुलिसकर्मी बनकर भी खूब फ्रॉड किया जा रहा है. लोग अपना नंबर पुलिस के नाम से सेव कर वाट्सऐप और ट्रू कॉलर में पुलिस की ड्रेस वाली फोटो लगाते हैं और फिर लोगों से ठगी करते हैं. ऐसे मे सबूतों के अभाव में ये साइबर ठग बच जाते हैं.