उत्तर प्रदेश में बरेली के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने शुक्रवार को वसूली के लिए अवैध रूप से हिरासत में रखने के मामले में गोपनीय जांच के बाद जिले के चार पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही 64 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया। इसमें पांच दारोगा, 14 हेड कॉन्स्टेबल और 43 सिपाही शामिल हैं। इसी के साथ पुलिस लाइन से 398 पुलिसकर्मियों को थानों में तैनात कर क्राइम कंट्रोल का जिम्मा सौंपा है।
जिले में सबसे बड़ी कार्रवाई...
बरेली पुलिस में भ्रष्टाचार रोकने को लेकर एसएसपी ने जो व्हाट्सएप नंबर जारी किया था, और कहा गया था कि शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।उस नंबर पर भी इन पुलिसकर्मियों की शिकायतें मिलीं। पुलिस जांच और एलआईयू की रिपोर्ट इन पर शिकायतों के आरोप सही पाए गए। जिसके बाद एसएसपी ने एक दिन में बड़ी कार्रवाई की है।
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कार्रवाई की जद में आए पुलिसकर्मियों की शिकायत वॉट्सऐप पर मिली थी। एसएसपी ने पुलिस अफसरों से जांच कराई और फिर कार्रवाई की। कार्रवाई की जद में आए पुलिस वालों पर अनुशासनहीनता, लापरवाही, कर्तव्यनिष्ठा से काम न करना, साथ ही कुछ पर अवैध वसूली के आरोप सही पाए गए। 64 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में खास प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनकी मॉनिटरिंग की जाएगी।
ये हुए सस्पेंड
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इज्जत नगर थाने में तैनात दारोगा सचिन शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल अनिल पाल, सिपाही शुभम कुमार, सिपाही अंकित कुमार को सस्पेंड किया है। आरोप है कि चारों ने वसूली के लिए लोगों को अवैध रूप से हिरासत में रखा था और छोड़ने के लिए एक लाख रुपये मांगे। चारों को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
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