अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव से सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार किया। पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल के खिलाफ रासुका के तहत वारंट जारी किए गए थे इन्हें सुबह तामील किया गया।
खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को मोगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले तक पुलिस को उसकी तलाश करते-करते करीब 36 दिन बीत चुके थे। इस दौरान पंजाब पुलिस ने समुचित प्रयास किए, लेकिन महीना भर अमृतपाल के अलग-अलग स्थानों पर दिखाई देने की खबरें तो आती रहीं, पर पुलिस उस तक पहुंच नहीं सकी। वहीं कुछ दिन पहले तक पंजाब पुलिस का अनुमान था कि अमृतपाल पंजाब या राजस्थान में ही कहीं छिपा है। कयास ये भी लगाए जा रहे थे कि कहीं अमृतपाल विदेश तो नहीं भाग गया? इसके बाद अचानक अमृतपाल के मोगा में सरेंडर की खबर सामने आई। सरेंडर से पहले के उसके बयान भी सामने आए हैं। उधर, पुलिस दावा कर रही है कि अमृतपाल का सरेंडर पुलिस की घेराबंदी से उस पर बढ़ते दबाव का परिणाम है। आइए जानते हैं वो अहम बातें जो पुलिस के दावों को मजबूती दे रही हैं।
क्या पत्नी को रोकने की वजह से घबरा उठा अमृतपाल?
गुरुवार को अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को सुरक्षा एजेंसियों ने विदेश जाने से रोक दिया था। वह लंदन की फ्लाइट पकड़ने के लिए सुबह 11:40 बजे श्रीगुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट राजासांसी (अमृतसर एयरपोर्ट) पहुंची थीं। फ्लाइट ढाई बजे रवाना होनी थी। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को जैसे ही भनक लगी कि किरणदीप बाहर जाने वाली हैं, तत्काल उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। किरणदीप के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी होने के कारण उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी गई। उन्हें पूछताछ के इमिग्रेशन कार्यालय ले जाया गया। अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने उनसे लंदन जाने के कारण के बारे में पूछताछ की। उनसे कुछ दस्तावेजों पर अंडर टेकिंग भी ली गई और उसकी यात्रा रद्द करवा कर उन्हें उनके घर जल्लूपुर खेड़ा छोड़ दिया गया था। एजेंसियों ने किरणदीप कौर के कुछ दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए थे।
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सबसे भरोसेमंद साथी पपलप्रीत के गिरफ्तार होने से कमजोर हो गया था अमृतपाल
18 मार्च से अमृतपाल सिंह के साथ उसका साया बनकर फरार चल रहे पपलप्रीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिससे अमृतपाल सिंह अकेला पड़ गया था। पपलप्रीत सिंह को अमृतपाल का सबसे भरोसेमंद सहयोगी और संरक्षक माना जाता था। अमृतपाल सिंह के भागने और उसके हर कदम पर रहने व खाने-पीने का जुगाड़ किया। उन्होंने कथित तौर पर अमृतपाल को कई मुद्दों पर सलाह दी थी। पपलप्रीत सिंह कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था, जहां से वह पंजाब में खालिस्तान का हौवा खड़ा करने के निर्देश ले रहा था। 2015 में पुलिस ने उसे आईएसआई से संपर्क मिलने के बाद गिरफ्तार किया था। पपलप्रीत खुद को अमृतसर का पत्रकार बताता रहा जो कथित तौर पर एक वेबसाइट 'पंजाब शील्ड' चलाता था।
क्या गृहमंत्री के बयान के बाद से डर गया था अमृतपाल?
शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अमृतपाल को लेकर एक बयान दिया था। शाह ने बेंगलुरु में कहा कि पंजाब में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा था कि अमृतपाल की गिरफ्तारी किसी भी वक्त की जा सकती है। कोई भी भारत की एकता पर हमला नहीं कर सकता है। उन्होंने पंजाब सरकार की भी तारीफ की थी। शाह ने कहा था कि पहले वह खुलेआम घूमता था, लेकिन अब वह अपनी गतिविधियों को जारी नहीं रख सकता।
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सरबत खालसा बुलाने का प्लान भी रहा बेअसर
'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने बठिंडा में आत्मसमर्पण की अटकलों के बीच अपनी फरारी के 12वें दिन सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सरकार एवं पुलिस को चुनौती दी थी। वीडियो में काली पगड़ी और शॉल पहने अमृतपाल ने कहा था कि मेरा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। उसने जहर उगलते हुए कहा- लंबे समय से कौम छोटे-मोटे मसलों पर मोर्चा लगा उलझ रही है। उसने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से बैसाखी पर सरबत खालसा बुलाने की अपील की थी और कहा कि इसमें देश-विदेश की सिख संगत बढ़ चढ़कर हिस्सा ले। इसके बाद बैशाखी के दिन श्री दमदमा साहिब में हर साल की तरह मेला तो लगा लेकिन अमृतपाल की अपील पूरी तरह से बेअसर रही थी .
परिवार की निगरानी से अमृतपाल में थी छटपटाहट
अमृतपाल के गांव जल्लूपुर खेड़ा में उसकी फरार के बाद से ही पुलिस की चहलकदमी बढ़ गई थी। पुलिस सादे कपड़ों में अमृतपाल के परिवार और उसके करीबियों पर पैनी नजर रख रही थी। माना जा रहा है कि इस सब को लेकर भी अमृतपाल में छटपटाहट थी। मुमकिन है कि इसी के दबाव में आकर उसने चारों तरफ से खुद को घिरता देखकर यह कदम उठाया।
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डिब्रूगढ़ जेल लाया गया अमृतपाल, जानिए कैसी है सुरक्षा व्यवस्था
खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को पंजाब में गिरफ्तारी के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल लाया गया। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पंजाब के बठिंडा हवाई अड्डे से डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी हवाईअड्डे पर उतारा गया था। पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम वारिस पंजाब दे प्रमुख के साथ डिब्रूगढ़ पहुंची। मोहनबारी हवाई अड्डे पर असम पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टीम पहले से ही मौजूद थी। डिब्रूगढ़ की जिस जेल में अमृतपाल को रखा गया है वहां हाई सिक्यॉरिटी से लैस है। अमृतपाल को यहां सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है।
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